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अक्तूबर 26, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दिल्ली के कवि एवम कलाकर्मी किशोर श्रीवास्तव के सम्मान में कवि सम्मेलन

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प्रयागराज - महाष्टमी के पावन पर्व पर 'साहित्यांजलि प्रज्योदि' के तत्वावधान में कोरोना नियमो का पालन करते हुए,साहित्यांगन सभागार में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ।आयोजन की अध्यक्षता डॉ०वीरेन्द्र तिवारी एवं मुख्य अतिथि दिल्ली (नोयडा)से पधारे व्यंग्यकार  किशोर श्रीवास्तव एवं विशिष्ट अतिथि सुधीर अग्निहोत्री रहे । कार्यक्रम के सूत्राधार डॉ०प्रदीप चित्रांशी ने कवि-सम्मेलन का संचालन किया। केशव सक्सेना ने सरस्वती वन्दना पढ़ी तथा शायर असलम आदिल इलाहाबादी,एस पी श्रीवास्तव,अभिषेक केसरवानी,अभिनय सेठ,शिवराम गुप्त,सुधीर अग्निहोत्री,डॉ०प्रदीप चित्रांशी,तलब जौनपुरी,किशोर श्रीवास्तव एवं वीरेन्द्र तिवारी ने कविता-पाठ किया।इस मौके पर अधिवक्ता  उच्च न्यायालय राकेश श्रीवास्तव एवं प्रेम कुमार सेन ने देवी माँ को पुष्प अर्पित किया।

सच कहूँ क्या आज के हालात का,हर तरफ है मुश्किलों का जलजला

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रायपुर -विश्व मैत्री मंच रायपुर छत्तीसगढ़  इकाई द्वारा आयोजित आॅनलाइन काव्य गोष्ठी में सदस्यों ने अपनी रचनाओं में विजया दशमी और शरदपूर्णिमा पर्व को समेटते हुए  बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया | मंचासीन अतिथि के रूप में कार्यक्रम की अध्यक्ष वरिष्ठ लघुकथाकार दिल्ली से पधारीं वरिष्ठ कलमकार डॉ सुषमा भंडारी एवं विशिष्ट अतिथि रायपुर छतीसगढ़ के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य अमरनाथ त्यागी रहे ! सांकेतिक दीप प्रज्वलन सचिव नीलिमा मिश्रा ने  व सुमधुर सरस्वती  वंदना प्रस्तुत की स्वर कोकिला ईरा पंत ने । प्रारंभिक उद्बोधन मे  संस्थापिका अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने सभी का स्वागत करते हुए  नवरात्रि पर इस आयोजन का प्रयोजन समझाते हुए कहा कि कई सन्दर्भों में नवरात्रि वास्तविक धरातल पर अपने ही आधार पर प्रश्न चिन्ह लगाता है और उन्होंने अपनी बात को विस्तार देते हुए नारी की स्थिति पर चिंता व्यक्त की ! कार्यक्रम का संचालन संस्था की वरिष्ठ कवयित्री सरोज सिंह राजपूत ने बड़ी ही कुशलता पूर्वक किया और काव्यपाठ के प्रस्तुतिकरण के लिए सभी प्रतिभागियों को मान सम्मान के साथ मंच पर आमंत्रित किया जिनकी कविता की चंद पंक्तियाँ इ

विश्व मैत्री मंच द्वारा आयोजित 6 दिवसीय ऑनलाइन काव्य और लघुकथा गोष्ठी

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नयी दिल्ली - विश्व मैत्री मंच राष्ट्रीय स्तर पर लघुकथा गोष्ठी का आयोजन किया गया.आयोजन संस्था की संस्थापिका संतोष श्रीवास्तव के मार्गदर्शन,अध्यक्षता मुुजफ्फ़र इक़बाल सिद्दीक़ी तथा विशिष्ट अतिथि अंतरा करवड़े की उपस्थिति में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम का आरंभ संतोष श्रीवास्तव के स्वागत भाषण से हुआ जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों का स्वागत करते हुए लघुकथा के विषय शक्ति स्वरूपा नारी पर नारी के शक्तिस्वरूप को नकारते हुए आज के दौर में हो रहे नारी पर अत्याचार की बात कही और समाज द्वारा नारी को दोहरे रूप से छले जाने की बात कही. गोष्ठी दो सत्रों में सम्पन्न हुआ,आयोजन का सफल संचालन नीता श्रीवास्तव ने अपने विशेष अंदाज़ में किया. पहले सत्र में निधि मद्धेशिया,सन्तोष झाँझी, सुषमा व्यास 'राजनिधि',मधुलिका सक्सेना,सुरेश बाबू मिश्र, साधना वैद, डॉ मंजुला पांडेय, रूपेंद्र राज तिवारी, तथा द्वितीय सत्र में विजयकांत वर्मा, अमर त्रिपाठी, अलका अग्रवाल,नीलिमा मिश्रा,अनिता मंदिलवार सपना, डॉ. साधना तोमर, पूर्ति वैभव खरे जी,  मधु सक्सेना , अनुपमा झा ,शिरीन भावसार, दीपाली ठाकुर, जनार्दन शर्मा ,आयो