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हमारी संसद को 2022 तक न्यू इंडिया के निर्माण में अहम भूमिका निभानी है

नयी दिल्ली - उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति  एम. वेंकैया नायडू ने विधायिकाओं के कामकाज में आने वाली बाधाओं से देश में लोकतंत्र खतरे में पड़ने की बनती धारणा के खिलाफ सांसदों को आगाह करते हुए उन्हें अपने कामकाज के तरीकों और सोच में बदलाव लाने की सलाह दी है।  नायडू ने सदन में कहा कि विधायिकाओं के कामकाज में लगातार बाधा उत्पन्न होने से इसे लेकर लोगों  के बीच नकारात्मक धारणा बनने के बारे में वे पहले भी कई बार सदस्यों को आगाह कर चुके है। उन्‍होंने कहा कामकाज में बाधा आने से कार्यदिवसों का भारी नुकसान होता है जिसकी वजह से कई विधेयक पारित नहीं हो पाते तथा लोकसभा का कार्यकाल समाप्‍त हो जाने पर ऐसे विधेयक राज्‍य सभा में स्वतः निरस्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रश्न काल के व्यर्थ जाने वाले हर घंटे का मतलब होता है सरकार द्वारा लागू की जाने वाली नीतियों से जुड़े मुद्दों पर सदस्यों द्वारा सवाल पूछे जाने के अवसरों का खत्म होना। उन्होंने राज्यसभा के पिछले सत्र में सदन की कार्यवाही में उत्पन्न बाधाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वे इससे बेहद व्यथित हैं। उन्होंने कहा की आम जनता भी सदन में इस तरह काम

IIIDEM द्वारा म्‍यामांर के निर्वाचन अधिकारियों के लिए चुनाव ट्रेनिंग  

नयी दिल्ली - भारतीय निर्वाचन आयोग के भारतीय अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) द्वारा म्‍यामांर के निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के लिए चुनाव प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।   इस अवसर पर  चुनाव आयुक्‍त सुशील चंद्रा ने दुनिया भर में लोकतंत्र को मजबूत करने और प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता, विश्वास और निष्पक्षता के लिए चुनाव प्रबंधन निकायों के बीच चुनावों की बेहतरीन प्रक्रियाओं को साझा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने इस अवसर पर भारत में हाल में संपन्‍न आम चुनाव 2019 में प्रौद्योगिकी के सफल इस्‍तेमाल का उल्‍लेख किया जिसमें ईवीएम के साथ वीवीपैट के प्रयोग की पहल तथा मतदाताओं और निशक्‍त जनों के लिए एप्लिकेशन की शुरुआत, डाक मत पत्रों  के प्रेषण के लिए इलेक्‍ट्रानिक पद्धति का इस्‍तेमाल तथा सी विजिल जैसी प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल से बड़ा बदलाव दिखा। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूरे उत्साह के साथ भाग लेने तथा ऐसे विभिन्न क्षेत्रों की पहचान क