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जुलाई 7, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
सहकारी बैंकों में एमडी की नियुक्ति के लिए अब रिजर्व बैंक की मंज़ूरी जरुरी
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० आशा पटेल ० जयपुर। सहकारी बैंकों पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 35बी के प्रावधान लागू हो गए हैं। सहकार नेता सूरज भान सिंह आमेरा ने रिजर्व बैंक की पहल का किया स्वागत और सहकारी बैंकों के लिए इसे क्रांतिकारी कदम बताया हैं। सहकारी बैंक तभी सुशासन से होंगे आर्थिक सुदृढ़ व सक्षम । सहकार नेता आमेरा ने सहकारी बैंकों की आर्थिक मज़बूती व सुशासन के लिए इस प्रगतिशील निर्णय के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का आभार व धन्यवाद जताया हैं। ऑल इंडिया कोपरेटिव बैंक एम्पलाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आमेरा ने बताया कि AIBEA की सहकारी बैंकों पर दोहरा नियंत्रण समाप्त कर बी आर एक्ट के अधीन रिजर्व बैंक के प्रशाशकीय नियंत्रण की लंबे समय से माँग थी । रिजर्व बैंक द्वारा देश के सभी राज्य सहकारी बैंक व ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंको में एमडी व मुख्य कार्यकारी के पद पर नियुक्ति को लेकर जारी किये गये नये दिशा निर्देश का स्वागत हो रहा है। यह अनिवार्यता अपैक्स बैंक व सीसीबी में एमडी की नियुक्ति / पुनर्नियुक्ति अथवा पद से हटायें जाने के लिए भी लागू होगी । प्रदेश में है एक अपेक्स बैंक व 29 केंद्री
सीआईआई-इंडियन वूमन नेटवर्क के सदस्यों ने आगूचा में खदानों का दौरा किया
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० आशा पटेल ० जयपुर ० सीआईआई - इंडियन वूमन नेटवर्क (आईडब्लुएन), राजस्थान चैप्टर के 22 सदस्यीय दल ने आगूचा, भीलवाड़ा स्थित हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड-रामपुरा आगूचा माइंस (आरएएम) का दौरा किया। शिक्षण मिशन का उद्देश्य दुनिया की सबसे बड़ी जस्ता खदान में से एक रामपुरा अगुचा खदान को देखना और भूमिगत खनन उत्कृष्टता में आने वाली चुनौतियों को जानना था। शिक्षण मिशन के बाद सीआईआई - इंडियन वूमन नेटवर्क (आईडब्लुएन), राजस्थान चैप्टर की अध्यक्ष, निवेदिता आर. सारड़ा, अध्यक्ष ने बताया कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड-रामपुरा अगुचा माइंस भूमिगत खनन उत्कृष्टता का एक बेंचमार्क है, अगुचा खदान अपने उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे, संचालन, कम्युनिटी एन्गेजमेन्ट, पर्यावरण प्रतिबद्धता, सुरक्षा मानकों तकनीकी कौशल और नेतृत्व के लिए जानी जाती है।
मैत्री कल्चरल इकोनॉमी समिट 2024 : संस्कृति और आर्थिक समृद्धि पर नई राहें
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली: मैत्री कल्चरल इकोनॉमी समिट 2024 का आयोजन दिल्ली में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन का आयोजन मैत्रीबोध परिवार द्वारा किया गया. इसके साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, दादाश्रीजी और गोपाल कृष्ण अग्रवाल का मार्गदर्शन इस आयोजन को मिला। इस अवसर पर संस्कृति और अर्थव्यवस्था के बीच के गहरे संबंधों पर चर्चा हुई। मुख्य अतिथि कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उद्घाटन सत्र में अपने विचार साझा किए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मौके पर सांस्कृतिक आर्थिक शासन के महत्व पर प्रकाश डाला। अन्य वक्ताओं में मित्र पर्ण, गोपाल कृष्ण अग्रवाल और मैत्रेय दादाश्रीजी ने संस्कृति और अर्थव्यवस्था के संयोजन की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि मैत्रीबोध परिवार ने कल्चरल इकोनॉमी समिट का आयोजन करके एक नई चर्चा की शुरुआत की है। भारत की सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था का आरंभ हमारे वेद-पुराणों से हुआ है। नरेंद्र मोदी सरकार भी अयोध्या में राम मंदिर, वाराणसी में बाबा विश्वनाथ गलियारा और अन्य मंदिरों का जीर्णोद्धार करके इसे बढ़ावा दे रही है। कुंभ मेले ज
झारखंड की अभ्रक खदानों से मिटी बाल मजदूरी की कालिख
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योगेश भट्ट ० झारखण्ड - कोडरमा में हुए एक समारोह में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एलान किया कि झारखंड की अभ्रक खदानें अब ‘बाल श्रम मुक्त’ हो चुकी हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ ही राज्य की अभ्रक खदानों को बाल मजदूरी से मुक्त कराने की 20 साल की समर्पित यात्रा अब अपने मुकाम पर पहुंचने वाली है क्योंकि एनसीपीसीआर ने यह भी एलान किया कि सभी बाल मजदूरों को अभ्रक खदानों से न सिर्फ मुक्ति दिलाई गई है बल्कि इन सभी का स्कूलों में दाखिला भी कराया गया है। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने राज्य, जिले, स्थानीय सरकारी निकायों, ‘बाल श्रम मुक्त अभ्रक’ कार्यक्रम, बच्चों और समुदाय के साझा प्रयासों से अभ्रक खदान आपूर्ति श्रृंखला से बाल मजदूरी के खात्मे के लिए अपनी तरह के इस पहले अनूठे प्रयास के सफल होने की घोषणा की। इस मौके पर एनसीपीसीआर के अध्यक्ष के अलावा इस मुद्दे पर 20 साल तक काम करने वाले प्रख्यात बाल अधिकार कार्यकर्ता भुवन ऋभु, पूर्व बाल मजदूर, बाल पंचायतों के बाल नेता और सदस्य, सामुदायिक सदस्य, पंचायती राज संस्थाओं के सदस्य और शिक्षा, महिला एवं बाल विकास और श्रम विभाग