एक विद्यालय की सफलता की कहानी-बुनियादी सुविधाएँ व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए चर्चित
० श्याम कुमार कोलारे ० छिन्दवाड़ा - विद्यार्थी अपने जीवन के अमूल्य ज्ञान, शिक्षा एवं जीवन में उन्नत शिखर तक पहुचने के लिए विद्यालय से ही अंकुरित होता है जो आगे एक सुसज्जित रूप में अपने आप को ढ़ालता है । यानि संक्षेप में कहें तो विद्यार्थिओं को जिस प्रकार का स्कूली माहौल एवं शिक्षा दी जाए उनके जीवन को सुद्रण करने में वह वैसा की सफलता के आयाम हासिल करेगा।आइये आज हम आपको एक ऐसी वास्तवित एक विद्यालय की सफलता है की कहानी से परिचित कराते है जो जिसे पढ़कर या सुनकर अन्य विद्यालयों एवं विद्यार्थिओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी। मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिला जो कि सतपुड़ा अंचल में बसा जिला है जो अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए जाना जाता है । जिला मुख्यालय से महज 13 किमी की दूरी पर एक विद्यालय है जिसकी स्थापना करीब 1965 के दशक में हुई होगी । गाँव के बड़े बुजुर्गों के अनुसार सबसे पहले यहाँ स्कूल गाँव में किसी घर में शुरू हुआ, गाँव वाले एक बहुत पुराने स्कूल शिक्षक का नाम लेते थे जिन्होंने स्कूल की स्थापना करी उनका नाम था श्री अवस्थी गुरूजी, उन्होंने यहा बच्चों के लिए शिक्षा का पदार्पण किया । इसके बाद अनेक