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मार्च 10, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
बिफ़्फ़ मुंबई का जादू चलेगा : सीज़न 4 की शुरुआत
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० डॉ तबस्सुम जहां ० मुंबई - बॉलीवुड इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के चौथे सत्र का शुभारंभ हो गया है। 15 मार्च से देश विदेश की फिल्मों के लिए आवेदन स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस बार भी बेहतरीन चयनित फ़िल्म को नवंबर में होने वाले फेस्टिवल में दिखाया जाएगा और पुरुस्कृत किया जाएगा। बॉलीवुड इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल का आग़ाज़ एक बार फिर से ज़ोरो शोरों से होने जा रहा है। 15 मार्च से देश विदेश की फिल्मों के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरु हो रही है। पिछले बरस की तरह इस बार भी फीचर फिल्म, डाक्यूमेंट्री (लांग, शॉर्ट), लॉन्ग शॉर्ट फिल्म, शॉर्ट फिल्म, मोबाइल फ़िल्म, एनिमेशंस फ़िल्म, एल जी बी टी क्यू फ़िल्म, वेब सीरीज़, म्यूज़िक वीडियो, फीचर फिल्म स्क्रिप्ट( स्क्रीनप्ले), शॉर्ट फिल्म स्क्रिप्ट (स्क्रीनप्ले) कैटेगरी बनाई गई हैं इस बार ख़ास बात यह है कि सिनेमा पर आधारित किताबों को भी फेस्टिवल में शामिल किया गया है। बता दें कि इससे पहले बिफ़्फ़ मुंबई फेस्टिवल सीज़न 3 का सफ़ल समापन 18 दिसंबर को मुंबई में हुआ था। 17-18 दिसंबर को हुए इस दो दिवसीय आयोजन में देश-विदेश से आईं अनेक शख्सियतें जुड़ीं। फेस्टिवल में ज
समारोह में स्त्री शक्ति ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली, स्त्री अस्मिता तथा सशक्तिकरण की समन्वित भावना प्राचीन काल से ही रही है और घर दीवारों या छतों मात्र से नहीं होता , बल्कि घर में महिलाओं का सम्मान,खुशी और सुरक्षा से होती है । केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली में एक सप्ताह का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया जिसमें अनेक रचनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । इनमें महिला फोटो शूट और लड़कियों तथा महिलाओं पर व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण उन पर तेजाब फेंकने की कुप्रथाओं को लेकर पर फोटो सेशन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । साथ ही साथ स्त्री शक्तिकरण से जुड़े मनोरम चित्रावली का भी सेशन रखा गया । कुलपति प्रो वरखेड़ी ने कहा कि इन प्रतियोगिताओं को नवोन्मेषी पहल माना जा सकता है । साथ ही साथ सर पर पुस्तक रख कर और उसे संतुलन बना कर दौरना भी श्रमसाध्य प्रतियोगिता रही । कुलपति ने सभी विजेताओं को सम्मानित करते यह भी कहा कि महिलाओं की स्वतंत्रत समिति ने श्रीमति गंगा शर्मा, श्रीमति उषा तलवार तथा श्रीमति रामवती को साल 2023 का श्रेष्ठ महिलाकर्मी की घोषणा की है । इसके लिए भी मैं अपने तथा विश्वविद्यालयका की तरह से हार
Delhi डोमेस्टिक एयरपोर्ट का नाम फ़िर से पालम गांव के नाम पर किए जाने की मांग
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० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली - उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायत पालम-360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के डोमेस्टिक एयरपोर्ट का नाम फिर से पालम एयरपोर्ट किए जाने की मांग को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। इस मुलाकात के बारे में उन्होंने साफ कहा है कि पालम गांव एक ऐतिहासिक गांव है, जिसका देश और दिल्ली प्रदेश के निर्माण में अद्वितीय योगदान है। इसलिए इसके मान सम्मान और नाम निशान के साथ किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ पूरे गांव देहात और ग्रामीण समाज को बर्दाश्त नहीं है। यही जनभावना हमने केंद्र सरकार तक पहुंचाई है। इस बारे में चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि- आप सब जानते हैं कि जब से दिल्ली एयरपोर्ट बना है, डोमेस्टिक एयरपोर्ट का नाम पालम गांव के नाम से ही था क्योंकि ये पालम गांव की जमीन पर ही बसा है। पालम गांव एक ऐतिहासिक गांव है जिसने लाल किले की नींव रखी है और ना सिर्फ दिल्ली देहात का बल्कि उत्तर भारत के प्रतिनिधित्व को पालम 360 खाप के नाम से ही सब जानते हैं और इस गांव की बड़ी पुरानी ऐतिहासिक परंपराएं रही हैं।
राकेश शर्मा को पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली । देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘वीणा’ (इंदौर) के संपादक राकेश शर्मा को इस वर्ष के पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। सम्मान समारोह 2 अप्रैल को इंदौर में आयोजित किया जाएगा। 1 जुलाई, 1961 को उत्तर प्रदेश के गांव न्यामतपुर, जिला इटावा में जन्मे राकेश शर्मा हिंदी साहित्य की बहुविधि सेवा कर रहे हैं।15 से अधिक पुस्तकों के लेखक राकेश शर्मा अब तक 10 से अधिक पत्रिकाओं एवं पुस्तकों का संपादन भी कर चुके हैं, जिनमें 'बहुरंग', 'विचार की अनवरत यात्रा', 'आरोग्यम' एवं 'मालव ज्योति' आदि विशेष हैं । भारत सरकार के श्रम मंत्रालय में 31 वर्ष तक सहायक निदेशक (राजभाषा) के पद पर कार्यरत रहे शर्मा वर्तमान में वर्ष 1927 से निरंतर प्रकाशित हिंदी की सबसे पुरानी पत्रिका ‘वीणा' के संपादक हैं। साहित्यिक अवदान के लिए उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के ‘श्रीकृष्ण सरल’ सम्मान सहित अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं। यह दूसरा मौका है, जब ‘वीणा’ के संपादक को पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यि
मधु विहार वार्ड के निवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर: सोलंकी
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० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली - दिल्ली सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर डाली गई सीवर सिस्टम अब मधु विहार के लोगों के लिए जी का जंजाल बन गया है। पुरानी कहावत है जो हरेक जगह कही नहीं जाती कि पानी में छुपा के मल त्याग करोगे तो वह छिप नहीं सकता। वास्तव में मधु विहार में सीवर सिस्टम का यह हाल है कि करोड़ों रुपयों का टेंडर सीवर के लिए छोड़ा गया जिसमे अधिकारी कर्मचारी बिचौलिए ठेकेदारों ने बंदर बांट तो की पर सीवर कारगर हो उसका ध्यान नहीं दिया परिणाम स्वरूप अब गलियां सड़कें नालियां बनने के बावजूद सीवर ओवर फ्लो हो रहा है और निवासी पक्की गलियों में भी सीवर के गंदे पानी में तैरते नजर आ रहे है। लोग परेशान होकर आरडब्ल्यूए से शिकायत करते है।आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी जल बोर्ड व डीएसआईआईडीसी के अफसर को बताते हैं, अफसर कर्मचारियों को भेजकर सीवर का पानी निकालने का प्रयास करते हैं पर सिल सिला बंद नही हो रहा है। द्वारका के नजदीक होने की वजह से यहां की कीमत भी लगभग द्वारका जितनी ही है तो लोगो को लगता है हमे लाखो रुपया खर्च करने से सारी मूलभूत सुविधाएं मिलेगी मगर इतना पैसा लगाने के बावजूद मधु विहार निवासी नारकीय
नारी सम्मान –सशक्तिकरण और प्रेम-विवाह
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० योगेश भट्ट ० नारी सम्मान हेतु जागरूकता के लिए प्रति वर्ष आठ मार्च को महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए महिला दिवस मनाया जाता है | दूसरे शब्दों में यदि सभी पुरुष महिलाओं का सम्मान करते, उन्हें बराबरी का हक़ देते और उनसे दुर्व्यवहार नहीं करते तो इस दिन को मनाने के जरूरत ही नहीं होती | वास्तव में आज भी नारी शक्ति को वह हक और सम्मान नहीं मिलता जिसकी वह हकदार है | महिला से हमारे मुख्य चार रिश्ते हैं- मां, बहन, पत्नी और बेटी | बाकी रिश्ते इन रिश्तों के बाद हैं | हमें नारी को प्रोत्साहन देना ही होगा क्योंकि वह परिवार की धुरी है | संसद में महिलाओं को 33% जगह न मिलना और निर्भया केस सहित अन्य नरपिशाचों का मृत्यु दंड के बाद भी आज तक जीवित रहना सोचनीय है | अब 20 मार्च 2020 को 3 बार फांसी टलने के बाद 4 नरपिशाचों को फांसी दीए जाने की बात हो रही है । सत्य तो यह है कि नारी के बिना परिवार है ही कहां ? विख्यात लेखक रोयडन कहते हैं “मानव को इधर-उधर भटकने से बचा कर सभ्यता के साथ रहने-बसाने का श्रेय महिला को ही जाता है |” कई अन्य विद्वानों ने भी नारी के पक्ष में बहुत कुछ कहा है जो यथार्थ है | इस बीच
जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह को जाट महासभा से निकालने की मांग
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० योगेश भट्ट ० जयपुर। सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बयान जारी कर कहा है कि जाट महाकुंभ के मंच से भगवान राम, मंदिर, मूर्ति व पंडितो का नाम लेकर जमकर मखौल उड़ाया गया। साथ ही ब्राह्मणों के विरुद्ध अनर्गल अपमानजनक टिप्पणी करने वाले जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह के खिलाफ जाट महासभा से कठोर कार्यवाही करने की मांग की है। दिनेश शर्मा ने बताया कि कोई समाज अपना सम्मेलन करें, आपत्ति नहीं है, पर दूसरे समाज की बुराई का हक किसने दिया। जाट और ब्राह्मणों में कोई मतभेद नहीं है फिर भी जाट महासभा के नेता द्वारा खुले मंच पर कहा कि मंदिर जाना, मूर्ति पूजा करना, जल चढ़ाना, राम की पूजा करना सब ढोंग-पाखंड है। मूर्ति स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठा दिए की अगर मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा हो सकता है तो ऐसा करने वाले पंडित अपने मरे हुए मां-बाप में प्राण क्यों नहीं डाले सहित भगवान राम, मंदिर, मूर्ति व पंडितो को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है। इसके अलावा ब्राह्मण समाज पर अशोभनीय व अपमानजनक कटाक्ष किये गये है इससे मेरी निजी धार्मिक व सामाजिक भावना आहत हुई है। जाट समाज सदैव
Banodhiya Vaishy Community बनोधिया वैश्य समाज दहेज़ लेने और देने के खिलाफ...
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