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नवंबर 17, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

धरती आबा बिरसा मुंडा जयंती मनाई गई

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 ० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली- धरती आबा बिरसा मुंडा जयंती दिल्ली में आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। बिरसा मुंडा के फोटो पर सभी लोगों ने माल्यार्पण किया। इस मौके पर उद्घाटन भाषण कमल चंद किस्पोट्टा ने दिया। सभी अतिथियों का स्वागत गमछा पहनाकर किया गया। संबोधित करते हुए सुबीर पॉल,राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स फॉर  एससी, एसटी अंड वीमेन इंटरपरिन्यूरस ने कहा कि देश के सभी आदिवासियों को बिरसा मुंडा से अनुप्राणित होनी चाहिए, उन्होंने इतने कम समय में सम्पूर्ण आदिवासी समाज को ब्रिटिश के विरूद्ध खड़ा किया और जीत हासिल की। आदिवासी युवाओं को उद्यमी की और ध्यान देना चाहिए और अपने पैरो पर खड़ा होनी चाहिए तभी आदिवासी समाज का भलाई हो सकता हैं। इस मौके पर भारत सरकार के लेबर कमिश्नर शम्मी तिग्गा बिरसा मुंडा द्वारा किए गए अनेकों कार्यों को बयां किया। मौके को संबोधित करते हुए पीफसी के सीजियम पीसी हेंब्रम ने आदिवासियों को राजनीतिक क्षेत्र में भागीदारी के ऊपर बात रखा, उन्होंने कहा देश के आदिवासी राजनीतिक क्षेत्र में भी अपना योगदान देना चाहि

उत्तराखंड टिहरी झील में होगा अंतर्राष्ट्रीय एक्रो फेस्टिवल

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : उत्तराखंड के पर्यटन मानचित्र में टिहरी झील सबसे तेजी से उभरता हुआ नया स्थल है. एडवेंचर टूरिज्म के शौकीनों के लिए यह स्थान हॉट फेवरेट साबित हो रहा है. यही वजह है कि डेस्टिनेशन उत्तराखंड के अंतर्गत राज्य की धामी सरकार द्वारा विभिन्न आयोजन किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब टिहरी झील में 24 से 28 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय टिहरी एक्रो फेस्टिवल 2023 का आयोजन होने जा रहा है. उत्तराखंड में साहसिक खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. डेस्टिनेशन उत्तराखंड को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार पूरी तन्मयता के साथ कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को साहसिक पर्यटन के खेलों के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा नित नए आयोजन किये जा रहे हैं. टिहरी झील में आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय एक्रो फेस्टिवल इस दिशा में नए आयाम स्थापित करेगा. टिहरी झील में पहली बार अंतरराष्ट्रीय एक्रो फेस्टिवल 2023 की मेजबानी करने जा रहा है. टिहरी एक्रो फेस्टिवल 2023, 24 नवंबर को शुरू होगा और 28 नवंबर को समाप्त होगा. इस रोमांचकारी इवेंट मे

IREDA का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग 21 नवंबर को खुलेगा

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : वित्त कंपनी ("IFC") स्थिति वाली प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमा लेने वाली गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी ("NBFCND-SI") के रूप में पंजीकृत "सार्वजनिक वित्तीय संस्थान" ("PFI") के रूप में अधिसूचित भारत सरकार ("GoI") का एक उद्यम, Indian Renewable Energy Development Agency Limited ने अपने पहले इनिशियल पब्लिक ऑफर के लिए मूल्य बैंड ₹30 से ₹32 प्रति इक्विटी शेयर निर्धारित किया है। कंपनी का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग ("IPO" या "ऑफर") सब्सक्रिप्शन के लिए 21 नवंबर को लोगों के लिए खुलेगा और 23 नवंबर को बंद होगा। निवेशक न्यूनतम 460 इक्विटी शेयर्स के लिए और उसके बाद 460 इक्विटी शेयर्स के गुणकों में बिड लगा सकते हैं। इस ऑफर में 403,164,706 इक्विटी शेयर्स तक के नए इक्विटी शेयर्स जारी करना और 268,776,471 इक्विटी शेयर्स तक का एक बिक्री का प्रस्ताव (OFS) शामिल होता है जो कुल मिलाकर 671,941,177 इक्विटी शेयर्स तक होता है। IREDA नई और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, और ऊर्जा दक्षता और संरक्षण परियोजनाओं को बढ़ावा देने, विकस

हाईटेंशन पोल लगाने के खिलाफ लामबंद हुए बवाना क्षेत्र के ग्रामीण

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - पावरग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया द्वारा प्रभावित किसानों की बिना अनुमति लिए हाईटेंशन पोल गाडने के लिए जमीन खोदने पर विरोध स्वरूप दिल्ली के बवाना विधानसभा क्षेत्र के गांव पंजाब खोड, मुंगेशपुर ओचंदी गांव के किसानों की संघर्ष समिति का धरना पंजाब खोड गांव की उस कृषि भूमि पर सतबीर फौजी की अध्यक्षता में हुआ। किसानों की मांग है कि एक पोल एक खेत में गड़ जाने से पूरे एक एकड़ खेत की भूमि बेकार हो जाती है। ना उसमें खेती हो सकेगी और ना ही मकान बना सकते हैं। हर समय जान जाने का खतरा बना रहेगा।इसलिए यदि पावरग्रिड कारपोरेशन को पोल गाडने ही हैं तो वह पूरी एक एकड़ भूमि का अधिग्रहण करें और शहरीकृत गांव के सर्कल रेट से किसानों को मुआवजा दे। ठीक इसके उल्ट पावरग्रिड कारपोरेशन के अधिकारियों ने जबरन खेतों में घुस कर पोल गाडने के लिए बड़े बड़े गड्ढे खोल डाले। जिसका पता चलते ही ग्रामीण किसानों में हड़कंप मच गया।  जब उन्होंने इसका विरोध किया तो किसानों की पुलिस में शिकायत कर दी गई। किसान भगवान सिंह डबास का कहना है कि पावरग्रिड कारपोरेशन महज फसल नष्ट होने भर का नाममात्र का मुआवजा दे रह