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गांवों पर थोपे जा रहे अव्यवहारिक नियमों के खिलाफ महापंचायत के लिए ग्रामीणों ने कमर कसी

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। गांवों पर थोपे जा रहे अव्यवहारिक नियमों के खिलाफ तीन सिंतबर को पीरागढ़ी गांव में होने वाली महापंचायत के लिए ग्रामीणों ने कमर कसनी शुरू कर दी है। इस महापंचायत को सफल बनाने के लिए पालम 360 खाप के प्रधान चौ. सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में पंडवाला कलां व कंगनहेड़ी गांव में पंचायत हुई। इस दौरान ग्रामीणों ने एक स्वर में चेतावनी दी कि अब गांवों की उपेक्षा और उनके साथ अन्याय सहन नहीं किया जाएगा। वह अब सभी सरकारों व प्रशासन के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। इस मौके पर पालम 360 खाप के प्रधान चौ. सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि गांवों से हाउस टैक्स लेना, संपत्ति सील करना, भवन उप नियम लागू करना आदि नियम लागू नहीं किए जा सकते, मगर अधिकारी वास्तविक स्थिति का आकलन किए बिना वातानुकूलित कमरों में बैठकर नियम बना देते है, वहीं जनप्रतिनिधि इस दिशा में कोई ध्यान नहीं देते है। इस कारण एक के बाद एक-एक करके गांवों में अव्यवहारिक नियम थोपे जा रहे है। अब ग्रामीण इस तरह के लागू किए नियमों को रद्द कराकर ही चैन लेंगे। इसके अलावा भविष्य में इस तरह के नियम लागू नहीं करने देंगे।  वह अपने हितों और

इंदौर ने भारतीय पत्रकारिता को चमकते सितारे दिए हैं

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० योगेश भट्ट ०  इंदौर।  भाषा, भाव और संदेश का जितना सुंदर समन्वय इंदौर की पत्रकारिता करती है उतना कहीं और नहीं हो सकता। यह शहर सभी को आत्मसात करता है। इंदौर के लोग मूल्यों के प्रति समर्पित हैं और यही कारण है कि इंदौर से प्रकाशित हो रही पत्रिका ‘वीणा’ अपने प्रकाशन की शताब्दी पूर्ण कर रही है। इंदौर के जो पत्रकार दिल्ली और मुंबई गये, वे अपने साथ मालवा और इंदौर के भाषायी संस्कार लेकर गये। इंदौर ने भारतीय पत्रकारिता को चमकते सितारे दिए हैं। यह बात प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति के अंतर्गत वीणा संवाद केन्द्र में मीडिया विमर्श का विशेषांक ‘‘मीडिया का इंदौर स्कूल’’ का लोकार्पण के अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि इंदौर किसी को पराया नहीं मानता, जो यहां आता है वो यहां बस जाता है। इंदौर सांस्कृतिक शहर है। जो शहर बांधता है, वही रचाता भी है। दिल्ली में बैठकर भी वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र माथुर इंदौर के बारे में सोचते थे और उनमें इंदौर बसता था। माणिकचंद बाजपेयी और प्रोफेसर कमल दीक्षित यह बता सकते हैं कि पत्रकार कितने सरल होते हैं। यह इस शहर का सामर्थ्य है यहां से इतने गुण

आईएनआईएफडी के डिज़ाइनर डिस्प्ले 'धागा' में राजस्थानी स्मारकों को किया शोकेस

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० आशा पटेल ०  जयपुर। आईएनआईएफडी जयपुर के वार्षिक डिज़ाइनर डिस्प्ले 2023 'धागा' का आयोजन'राजस्थान इन माय सोल' थीम पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सम्पन्न हुआ। इस डिज़ाइनर डिस्प्ले में स्टूडेंट्स ने अपने कलेक्शन में हैंडीक्राफ्ट्स का प्रदर्शन किया, जिसमें राजस्थान के ऐतिहासिक स्मारकों एवं विरासत को दर्शाया गया। प्रतिष्ठित न्यूयॉर्क, लंदन और लैक्मे फैशन वीक में प्रदर्शित हुए स्टूडेंट्स के रचनात्मक डिजाइंस को भी शो के दौरान शोकेस किया गया।  शो में 'रिफ्लेक्शन ऑफ प्योरिटी', 'वन नाइट इन थार', 'फीलिंग डिजिटली ब्लू', 'ट्रेडिशनली ग्लोबल', 'रूदाली गोथ्स',' ब्लशिंग ब्रीज', 'म्हारी राजस्थानी ढाणी', आदि विभिन्न कलेक्शंस को शोकेस किया गया। इस अवसर पर फर्स्ट इंडिया के सीईओ, जगदीश चंद्रा मुख्य अतिथि थे। इसके साथ ही कमला पोद्दार ग्रुप (केपीजी) की चेयरपर्सन कमला पोद्दार, अभिषेक पोद्दार और रोमा पोद्दार भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध राजस्थानी कवि, स्वर्गीय कन्हैयालाल सेठिया की डिजिटल रूप से प्रिंटेड कवि