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जुलाई 3, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कृषि भारत की रीढ़ है तो सहकारिता आंदोलन देश की आत्‍मा

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वर्ष 2022 तक कृषि निर्यात को मौजूदा 30 बिलियन डॉलर से 60 बिलियन अमरीकी डॉलर यानी दोगुना करने में सहकारी क्षेत्र की महत्‍वपूर्ण भूमिका है। यह पहल कृषि निर्यात नीति 2018 का एक हिस्‍सा है, जिसका उद्देश्‍य कृषि निर्यात को दोगुना करना और भारतीय किसानों और कृषि उत्‍पादों को वैश्विक मूल्‍य श्रृंखला के साथ एकीकृत करना है। नयी दिल्ली - केन्‍द्रीय कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने कहा कि यह सरदार पटेल का दृष्टिकोण था कि देश में सहकारी समितियों के माध्‍यम से किसानों को मजबूत बनाया जाना चाहिए। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि कृषि भारत की रीढ़ है तो सहकारिता आंदोलन देश की आत्‍मा है।  तोमर ने यह बात केन्‍द्रीय वाणिज्‍य, उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ एक पूर्वालोकन कार्यक्रम के दौरान कही। उन्‍होंने भारत अंतर्राष्‍ट्रीय सहकारी व्‍यापार मेले (आईआईसीटीएफ) की घोषणा की। यह मेला अक्‍टूबर, 2019 में नई दिल्‍ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया जाएगा। तोमर ने कहा कि यह मेला सहकारी समितियों को अपने उत्‍पादों का भारी संख्‍या में दर्शकों के सामने प्रदर्शन करने का एक अच्‍छा अवसर उपलब्‍ध क

सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र 2.5 लाख रोजगार के अवसर प्रदान करेगा

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देश में डिजिटल प्रौद्योगिकी में तेजी से हुई प्रगति से भारत इस क्षेत्र को  2018 के 2.5 बिलियन डॉलर के स्‍तर से 7.2 बिलियन डॉलर तक ले जा सकता है। इसका कारण क्‍लाउड कम्‍प्‍यूटिंग, टीओटी, बिग डाटा, मशीन लर्निंग, ब्‍लॉक चेन सहित कौशल विकास और प्रशिक्षण के विभिन्‍न 52 क्षेत्रों में स्‍वस्‍थ समापन है। आने वाले वर्षों में भारत आईटी क्षेत्र में सबसे अधिक विकसित देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होगा नयी दिल्ली - केन्‍द्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री महेन्‍द्र नाथ पांडेय ने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में व्‍यापक कौशल विकास कार्यक्रम के माध्‍यम से आईटी क्षेत्र लगभग ढाई लाख नये रोजगार जुटाएगा। उन्‍होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी युवा ताकत को वास्‍तव में कुशल बल में बदलना प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में एनडीए सरकार का विजन है। 'विश्‍व कौशल भारत' -इंटरनेशनल क्‍लाउड कम्‍प्‍यूटिंग चैलेंज, 2019 को संबोधित करते हुए पांडेय ने कहा कि देश में डिजिटल प्रौद्योगिकी में तेजी से हुई प्रगति से भारत इस क्षेत्र को  2018 के 2.5 बिलियन डॉलर के स्‍तर से 7.2 बिलियन डॉलर तक ले जा सकता है। इ

मनरेगा ग्रामीण भारत में जल संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ा रही है

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पानी की समस्या से जूझ रहे 1593 ब्लॉकों को कवर किया जाएगा और जिसके तहत जल संरक्षण एवं वर्षा जल के संचय पर फोकस किया जाएगा। देश में स्वच्छता अभियान की भांति ही जल संरक्षण को भी एक 'जन आंदोलन' का रूप देने का प्रयास किया जाएगा। मनरेगा दरअसल 'जल शक्ति अभियान (जेएसए)' में एक प्रमुख साझेदार है और इसे सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है नयी दिल्ली - पिछले पांच वर्षों के दौरान मनरेगा एक ऐसी प्रमुख ताकत बनकर उभरी है जो समस्त ग्रामीण भारत में जल संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ा रही है। इस योजना के जरिए पहले मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में गहराए संकट को कम करने पर ध्यान दिया जाता रहा है, लेकिन अब यह राष्ट्रीय संसाधन प्रबंधन (एनआरएम) से जुड़े कार्यों के जरिए ग्रामीण आमदनी बढ़ाने के एक ध्यान केन्द्रित अभियान में तब्दील हो गई है। वर्ष 2014 में मनरेगा अनुसूची-I में संशोधन किया गया जिसके तहत यह अनिवार्य किया गया है कि कम से कम 60 प्रतिशत व्यय कृषि एवं उससे जुड़ी गतिविधियों पर करना होगा। इसके परिणामस्वरूप अधिनियम के तहत स्वीकृति योग्य कार्यों की एक सूची तैयार की गई है जिसमें ऐसी लगभग 75 प्रतिशत

डीयू में प्रवेश के लिए ग्रेड की जगह आंध्र प्रदेश के छात्रों के अंक आधार होंगे

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आंध्र प्रदेश के इंटरमीडिएट बोर्ड ने 2017-18 से प्रथम वर्ष के लिए ग्रेडिंग प्रणाली लागू की थी, जो 2018-19 के द्वितीय वर्षके लिए भी लागू रही। ग्रेडिंग प्रणाली के तहत छात्रों को हर विषय में ग्रेड दिये जाते हैं। चूंकि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश अंकों के प्रतिशत के आधार पर मिलता है, अत: इन छात्रों ने यह मुद्दा उपराष्ट्रपति केसमक्ष उठाया। नयी दिल्ली - उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' को सलाह दी कि सभी प्रदेशों के हायर सैकेंडरी या इंटरमीडियेट बोर्डों को यह सिफारिश जारी करने पर विचार किया जाना चाहिएकि जो शिक्षा बोर्ड अपने परिणाम ग्रेडों में जारी करते हैं उन्हें साथ ही में अंक भी जारी करने चाहिए जिससे प्रतिशत केआधार पर विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन करने में सरलता हो।  उपराष्ट्रपति ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को संसद भवन में अपने कक्ष में बुला कर इस मुद्दे पर चर्चा की।इससे पहले आंध्र प्रदेश के कुछ छात्रों ने उपराष्ट्रपति से मिलकर, दिल्ली विश्वविद्यालय में उनके प्रवेश में आ रहे व्यवधान से, उन्हें अवगत