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जुलाई 6, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक नकद निकासी पर 2 प्रतिशत टीडीएस

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किसी बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की नकद निकासी की जाएगी तो 2 प्रतिशत की स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की जाएगी। डिजिटल भुगतान और कम नकद अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने तथा डिजिटल भुगतान पर जोर देने के लिए हाल में उठाए गए अनेक कदमों से आगे बढ़ते हुए यह प्रस्ताव किया गया है। नयी दिल्ली -  - केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि कंपनी कर की 25 प्रतिशत न्यूनतम दर को 400 करोड़ रुपये तक वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए लागू किया जाएगा। फिलहाल, 250 करोड़ रुपये तक वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए यह दर लागू है। श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि 99.3 प्रतिशत कंपनियां इसमें शामिल होंगी। अब केवल 0.7 प्रतिशत कंपनियां ही इस दर से अलग होंगी। पैन – आधार में से एक के बदले दूसरे के इस्तेमाल का प्रस्ताव इस बजट में पैन और आधार में से किसी एक को इस्तेमाल में लाने का भी प्रस्ताव किया गया है और जिनके पास आयकर विवरणी भरने के लिए पैन न हो उन्हें अपना आधार नम्बर उल्लिखित करने की अनुमति

5 करोड़ रुपये से अधिक आय वालों के लिए टैक्स 3 से 7 प्रतिशत बढ़ा

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केन्‍द्रीय बजट में उन लोगों के लिए रिटर्न दाखिल करने को अनिवार्य बनाने का प्रस्‍ताव किया गया है जिन्‍होंने किसी एक वर्ष में किसी चालू खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमाई कराई है अथवा जिन्‍होंने विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च की है अथवा किसी एक वर्ष में बिजली खपत पर 1 लाख रुपये से ज्‍यादा की रकम खर्च की है। इसके तहत उन लोगों के लिए भी रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य किया गया है नयी दिल्ली - 2 करोड़ से 5 करोड़ रुपये तक और 5 करोड़ रुपये एवं उससे अधिक की कर योग्‍य आमदनी वाले उच्‍च आय वर्ग के लोगों के लिए प्रभावी कर दरों को क्रमश: 3 व 7 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्‍ताव किया गया है। केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने लोकसभा में 2019-20 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि बढ़ते आमदनी स्‍तर को ध्‍यान में रखते हुए उच्‍च आय वर्ग के लोगों को राष्‍ट्र के विकास में और अधिक योगदान करने की जरूरत है। उन्‍होंने करदाताओं का धन्‍यवाद करते हुए कहा कि वे राष्‍ट्र निर्माण में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अपेक्षाकृत कम आय वाले छोटे एवं मझोले लोगों पर टैक्स बो

डी डी चैनल स्‍टार्ट-अप को प्रोत्‍साहन देने के लिए मंच उपलब्‍ध कराएगा

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भारत में स्‍टार्ट-अप अपनी जड़ें जमा रहे हैं और उनकी निरंतर वृद्धि को प्रोत्‍साहित किए जाने की जरूरत है। तथाकथित 'एंजेल टैक्‍स' मुद्दे का समाधान करने के लिए, अपेक्षित घोषणाएं पस्‍तुत करने वाले और अपनी विवरणियों में सूचना प्रदान करने वाले स्‍टार्ट-अप तथा उनके निवेशकों के शेयर प्रीमियमों के मूल्‍यांकनों के संबंध में किसी भी प्रकार की जांच नहीं की जाएगी नयी दिल्ली -  - वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार स्‍टार्ट-अप के लिए विशेष रूप से डीडी चैनल शुरू करने का प्रस्‍ताव कर रही है।  संसद में आम बजट 2019-20 पेश करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह चैनल स्‍टार्ट-अप को प्रोत्‍साहन देने के लिए मंच उपलब्‍ध कराएगा, जिसके तहत स्‍टार्ट-अप के विकास, वेंचर पूंजी और अन्‍य प्रावधानों के बारे में चर्चा की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि इस चैनल को स्‍टार्ट-अप खुद तैयार करेंगे और चलाएंगे। स्‍टार्ट-अप के मामले में हानियों को आगे ले जाने और उनके संतुलन के संबंध में कुछ शर्तों को शिथिल करने का प्रस्‍ताव किया गया है। स्‍टार्ट-अप में निवेश करने के लिए आवासीय मकान की बिक्री से

केंद्रीय बजट पर व्यापारियों के संगठन "कैट" ने ख़ुशी जताई 

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सरकार ने देश में व्यापार और वाणिज्य को सुव्यवस्थित करने के लिए बहुतमहत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। घरेलू विनिर्माण और आंतरिक व्यापार, किफायती आवास, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने, श्रम कानूनों को सुव्यवस्थित करने,  सोशल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना, विभिन्न क्षेत्रों केलिए ब्लू प्रिंट की स्थापना, ग्रामीण भारत को आधुनिक प्रणाली में शामिल करना, कारीगरों को वैश्विक बाजार से जोड़ना गैर बैंकिंग वित्त कंपनियां को महत्व देना बजट की महत्वपूर्ण घोषण हैं जो राष्ट्रीयअर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित होंगी। देश भर में बड़े बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार का ध्यान एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो देश के व्यवस्थित विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक है। नयी दिल्ली - कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने संसद में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट को एक क्रांतिकारी दस्तावेज  बताया है जिसमें व्यापारी समुदाय और एसएमई क्षेत्र को प्राथमिकता में रखागया है । बजट में की गई घोषणाओं को अगर एक निश्चित समय सीमा के साथ रणनीतिक तरीके से लागू किया जाए तो निश्चित रूप से भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में  बदलने में द

समकालीन यथार्थ को अभिव्यक्त करता “ सवालों का कारखाना ”

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   समीक्षक : डॉ. शेख अब्दुल वहाब, एसोसिएट प्रोफेसर, इस्लामिया महाविद्यालय तमिलनाडु नेपाली की चर्चित प्रगतिशील वामपंथी रचनाकार  सरिता तिवारी का अद्यतन नेपाली काव्य संग्रह 'सवालों का कारखाना' का प्रमोद धिताल द्वारा किया गया हिंदी अनुवाद मेरे सम्मुख है l सन् 2010 के पश्चात लिखी गयीं ये कविताएँ राजतन्त्र का अंत और गणतंत्र की स्थापना की पृष्ठभूमि में निम्न मध्यवर्गीय जनजीवन का संघर्ष और उनके विडम्बनापूर्ण जीवन का यथातथ्य दृश्य पाठकों के सामने उभारती हैं l “ सवालों का कारखाना ” (नेपाली कविताएँ) में 'पेट' से लेकर 'भागते – भागते नीली आँखों से' तक कुल 32 कवितायेँ हैं l समस्त कविताएँ सरिता की वैचारिकता के प्रमाण प्रस्तुत करती हैं l कविताओं में नेपाली राजनीतिक परिदृश्य की आलोचना है, जीवन की विसंगतियों और विभीषिकाओं का चित्रण है l नारी जीवन की त्रासदी है l राजनीतिक अवसरवादिता पर प्रहार है l वैश्वीकरण के दुष्प्रभाव के चित्र अंकित हैं l स्त्री के प्रति पुरुष सत्ता की दमन नीति की भर्त्सना है l व्यवस्था के प्रति प्रतिरोध का स्वर है l आधुनिकता से आगे उत्तर आधुनिकता का विद्