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सर्व ब्राह्मणों की व्यवसायिक टेलीफोन डायरेक्टरी शीघ्र प्रकाशित साथ ई-डायरेक्ट्री  

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छत्तीसगढ़ - सर्व ब्राह्मणों की टेलीफोन डायरेक्टरी बनाने जा रहे है जिसमें सभी ब्राह्मणों को एकजुटता व समाज को जोड़ने मे सहायक होगी। सभी ब्राह्मणों को एक सूत्र में जोड़ना है जिसके लिए अत्यंत आवश्यक है । युवा ब्राह्मणों की प्राथमिकता आज व्यवसाय हो गई है। व्यवसाय की उन्नति के लिये व्यवसायिक संबंध स्थापित होना अति आवश्यक है। विप्र-बन्धु नेटवर्क इस कमी की पूर्ति करते हुए ब्राह्मणों के व्यवसाय को बढ़ाने में भागीदार बनेगा। विप्र-बन्धु नेटवर्क के माध्यम से ब्राह्मणों की व्यवसायिक डायरेक्ट्री निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ करने का शुभारंभ हो चुका है l लम्बे समय से लंबित व्यवसायिक डायरेक्ट्री निर्माण के उद्देश्य को ब्राह्मणों के हित में है । वी.बी.एन. युवा ब्राह्मणों के व्यवसायों को नि:शुल्क संकलित कर समाजजनों के समक्ष एक नि:शुल्क डायरेक्ट्री के माध्यम से उपलब्ध करायेगा। साथ ही प्रदेशभर में यह कार्यक्रम शीघ्र ही प्रारंभ किया जायेगा। और डायरेक्ट्री के साथ ई-डायरेक्ट्री भी निर्माण करने की हमारी योजना है ताकि शासन की मंशा के अनुरूप ई-भुगतान को बढ़ावा देते हुए नगद प्रवाह को रोका जा सके। देश में विभिन्न

"डिजिटल भारत डिजिटल संस्कृति" कार्यक्रम में सीसीआरटी ई-पोर्टल और यूट्यूब चैनल का उद्घाटन होगा

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नयी दिल्ली - भारत के अल्‍प ज्ञात स्थानों और उनकी ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी संस्कृति के अज्ञात पहलुओं का पता लगाने और समझने के लिए सीसीआरटी ने "अनटोल्ड टेल्स ऑफ इंडियाज़ सिटीज" श्रृंखला नाम से पुस्तकों का प्रकाशन शुरू किया है। जीवन सिंह ठाकुर द्वारा लिखित और सीसीआरटी द्वारा इस श्रृंखला में प्रकाशित 'देवास की सांस्कृतिक परम्परा' नामक इस पुस्तक का विमोचन केन्‍द्रीय मंत्री द्वारा किया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह आज 21 /10 /2019  को दिल्ली के द्वारका स्थित सीसीआरटी हेड क्वाटर में राष्ट्रीय सांस्कृतिक संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र (संस्कृति मंत्रालय) द्वारा आयोजित “डिजिटल भारत - डिजिटल संस्कृत” कार्यक्रम में भाग लेंगे। भारत को एक नए डिजिटल शिखर पर ले जाने और हमारी संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्री सीसीआरटी ई-पोर्टल और यूट्यूब चैनल (रूट्स 2 रूट्स से सहायता के साथ) का उद्घाटन करेंगे। विभिन्न क्षेत्रीय संस्कृतियों का ज्ञान भारतीय परंपराओं की समझ उपलब्‍ध कराता है। सीसीआरटी ने इस उद्देश्य के साथ एक वृत्‍तचित्र &q

"ब्रिजिटल नेशन" पुस्तक ऐसे समय में प्रकाशित हुई है जब प्रौद्योगिकी सकारात्मक रूप से लाखों भारतीयों के जीवन को बदल रही है

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नयी दिल्ली - प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी द्वारा उत्‍पन्‍न की गई चुनौतियों को अवसरों में बदलने की आवश्यकता का उल्‍लेख करते हुए, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के निर्माण का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि पूरे डाक संगठन के लिए प्रौद्योगिकी द्वारा उत्‍पन्‍न व्यवधान को एक प्रौद्योगिकी सघन बैंकिंग प्रणाली में बदल दिया गया, जिससे डाक बैंक के माध्यम से लाखों लोग लाभान्वित हुए, जिसने 'डाकिया को बैंक बाबू' में बदल दिया। यह पुस्तक भविष्य का एक शक्तिशाली विज़न प्रस्तुत करती है जहां प्रौद्योगिकी और मानव परस्पर लाभकारी पारिस्थितिकी तंत्र में सह-अस्तित्व में हैं। यह पुस्‍तक तर्क प्रस्‍तुत करती है कि मानव श्रम के प्रतिस्थापन के रूप में प्रौद्योगिकी को स्वीकार करने की जगह, भारत इसका उपयोग अधिक रोजगार उत्पन्न करने के लिए एक सहायता के रूप में कर सकता है। अत्याधुनिक डिजिटल उपकरण आकांक्षाओं और उपलब्धियों के बीच एक सेतु का काम कर सकते हैं - इसलिए इसे 'ब्रिजिटल' नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "ब्रिजिटल नेशन" पुस्तक का विमोचन किया और आयोजित एक कार्यक्रम में रतन टाटा को इसकी

शायरों ने बिखेरा अपना जलवा Nazmi Sikandrabaadi Mushayra

शायरों ने बिखेरा अपना जलवा Nazmi Sikandrabaadi Mushayra ~ VIDEO  https://www.youtube.com/watch?v=C0rKp52ZXtQ

दीपावली ज्योतिर्मय महोत्सव है

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दीपावली ज्योतिर्मय महोत्सव है। यह हमारे भीतर जितना लालित्य का उत्सव है उतना ही हमें वाह्य आनंद की भी अनुभूति कराता है। जहां सदा सत्य का उजाला हो वही साहस  निष्ठाऔर ज्ञान का उत्सव ही उत्सव होता है। दीपावली प्रकाश एवं अंधकार का मनोरम समन्वय है इसका अर्थ है उसमें अग्रगामिता का भाव निहित है।हम सदियों से इस पर्व को इसी आधार पर मनाते चले आ रहे हैं।सत्य पर असत्य की विजय, अंधकार पर प्रकाश की विजय माना जाता है। दीपावली समाज व व्यक्ति के जीवन के अनगिनत आयामों को नया रूपांकन प्रदान करता है। वर्तमान समय जिस तरह से नकारात्मक और संवेदनशीलता का पर्याय बना हुआ है उसमें स्नेह के रंगों को समाहित करने की आवश्यकता है। प्रेम से ही स्वस्थ वातावरण का निर्माण होता है यह ऐसा प्रर्यावरण बनाता है जो वास्तविक कलात्मकता की दीवाली ला सकता है।  मौसम आनंदायक कहा जा सकता है जो न गरमी का है नहीं सर्दी का। दीपावली पर मिट्टी के इतने रंग उभर कर आते हैं शायद ये पहले दिखाई नहीं देते, भिन्न भिन्न आकार के दीये,हाथी घोड़े, लक्ष्मी की प्रतिमाएं कलाकारों की कला को जीवंत कर डालती है अच्छा हो कला के इन हाथों को सक्षम और संरक्षण द