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Rajasthan Transgender Community Included in OBC ट्रांसजेंडर समुदाय ओबीसी...

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सामाजिक कार्यों के लिए वैदेही शक्ति स्त्री सम्मान एवं लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड्स से हुए सम्मानित।

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० आनंद चौधरी ०  नई दिल्ली। वैदेही फाउंडेशन के संगठन महासचिव और कवि साहित्यकार विमल मिश्र ने बताया कि, वैदेही फाउंडेशन पिछले 9 वर्षों से दिल्ली में माता सीता जी की प्राकट्योत्सव मना रहा है। जिसमें अपने क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के लिए, देश भर से चुने हुए पाँच स्त्री को वैदेही स्त्री शक्ति सम्मान से सम्मानित किया जाता है, और किसी एक वरिष्ट स्त्री या पुरुष को उनके द्वारा देश समाज के लिए किए गये उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड्स से सम्मानित किया जाता है।  इस वर्ष का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड्स भारतीय प्रशाशनिक सेवाअधिकारी, सेवा निवृत्त साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित, वरिष्ठ साहित्यकार मन्त्रेश्वर झा को दिया गया। एवं कला एवं संस्कृति क्षेत्र में सुप्रसिद्ध गायिका विजया भारती, शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में सुप्रसिद्ध लेखिका डाॅ मंजु गुप्ता, पत्रकारिता के क्षेत्र में जानी मानी टीवी उद्धघोषिका शिखा ठाकुर, सामाजिक कार्य के क्षेत्र में डॉ स्नेहा राउत्रे और स्वास्थ्य के क्षेत्र में डॉ गुंजन कुमारी भागवत को वैदेही स्त्री शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया। वैदेही फाउं

पुस्तक "स्मार्ट भिखमंगा" का लोकार्पण

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० योगेश भट्ट ०  काठमांडू : नेपाल में हिमालयन लिटरेचर फेस्टिवल के तहत न्यूयॉर्क राइटर्स वर्कशॉप दौरान लेखक रवि शंकर की अध्यक्षता में भारत सरकार में कार्यरत अधिकारी एवं लेखक कृष्ण कुमार की तीसरी पुस्तक "स्मार्ट भिखमंगा" का विधिवत लोकार्पण हुआ। पत्रकार-लेखक प्रोफेसर एस.एस. डोगरा की छठी पुस्तक "उदाची वाम" जो रसियन भाषा में लिखी गई है, उसका पोस्टर भी लॉन्च किया गया।  इस सुअवसर पर रामकृष्ण आश्रम नेपाल के अध्यक्ष एवं आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी एकर्थानंदा, विशिष्ट अतिथि "हिमालिनी" पत्रिका के प्रबंध निदेशक डॉ. सच्चिदानंद मिश्र, नेपाल के पूर्व सांसद हरिचरण साह, इंग्लैंड की प्रमुख शिक्षाविद एवं लेखिका मारिया क्लेरी, त्रिभुवन विश्वविद्यालय में कार्यरत डॉ. (प्रो.) विमुंस पौडेल, नेपाली युवा उद्यमी रवि कुमार सहित देश-विदेश से निमंत्रित अनेक साहित्यकार उपस्थित थे।

हिमालय देवतात्मा है तथा संस्कृत भारत की आत्मा -कुलपति प्रो वरखेड़ी

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली । केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने हिमालयन चन्द्रखानी पास ट्रेक , कुल्लू,हिमालय के छात्र-छात्राओं का अभिनन्दन करते कहा कि हिमालय देवतात्मा है तथा संस्कृत भारत की आत्मा । उन्होंने कहा कि जिस तरह हिमालय प्राचीन काल से ही भारत की रक्षा करता आया है । उसी प्रकार संस्कृत भी भारतीय संस्कृति की रक्षा करती आयी है । यह गौरवमय ,शौर्य से भरे तथा साहसिक पर्वतारोहन मात्र कुछ छात्र छात्राओं की यात्रा ही नहीं रही , बल्कि यह इसके एक एक प्रतिभागी के परिवार , संबंधी ,मित्र तथा परिजनों की सहभागिता का प्रतीक है ।  हमारा दिव्य तथा भव्य हिमालय नदियों , प्रकृति तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करता है , उसका संदेश संस्कृत के छात्र छात्राएं को विशेष रुप से अपने अपने परिसरों , महाविद्यालयों , समाजों तथा दोस्तों के बीच पहुंचाया जाना चाहिए ,ताकि पर्यावरण संतुलन की बात तथा उसका महत्त्व जन जन तक पहुंच सके । इस अभियान के प्रमुख ए.एन . विजेन्द्र राव ,मैसूर तथा प्रो मदन मोहन झा ,डीन , छात्र कल्याण तथा इस कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी तथा कर्मयोगियो

KIET ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस को मिला स्वायत्त दर्जा,नवाचार को मिलेगा बढ़ावा

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : KIET ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने स्वायत्त दर्जा हासिल कर लिया है। संस्थान ने इसकी घोषणा करते हुए इसे एक बड़ा मील का पत्थर बताया। 1998 में कृष्णा चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा स्थापित संस्थान की स्वायत्त स्थिति भविष्य में शैक्षिक गुणवत्ता और तकनीकी शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देगी। स्वायत्त दर्जा प्राप्त करने से KIET को अपने पाठ्यक्रम को स्वतंत्र रूप से डिजाइन और अपग्रेड करने का अधिकार मिलेगा। यह संस्थान को उद्योग की जरूरतों और नई शिक्षण विधियों को अपनाने की अनुमति देता है, जिससे छात्रों के लिए सीखना अधिक व्यावहारिक हो जाएगा। स्वायत्तता प्रदान करने से KIET को स्वतंत्र रूप से परीक्षा और मूल्यांकन आयोजित करने का अधिकार मिलेगा। केआईईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संयुक्त निदेशक, मनोज गोयल ने कहा कि स्वायत्तता के साथ, अब हम उद्योग और समाज की बदलती मांगों को पूरा करने के लिए अपने पाठ्यक्रमों को बेहतर ढंग से डिजाइन कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारे छात्र अपने भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। KIET ने प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और व्यावहारिक विज्ञान में आधुनिक अनु

रोटरी के जल संरक्षण कार्यक्रम ने भारत में किसानों की मदद के लिए 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान किए

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली, भारत में सिंचाई की सुविधाएँ सीमित होने के कारण किसानों को खेती के लिए बारिश के जल पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे वो जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होते हैं। सूखा, बाढ़ और तूफान आदि से मिट्टी की उर्वरता, फसल की पैदावार और पशुधन उत्पादन पर असर पड़ता है, और उत्पादकता एवं किसानों की आय में कमी आ जाती है। भारत में जल संसाधन के प्रबंधन और कृषि विधोयों में सुधार के लिए, रोटरी क्लब के नेतृत्व में एक अभियान किसानों को उनकी फसल में सुधार करने, पैदावार बढ़ाने और अपनी आय बढ़ाने में मदद कर रहा है, ताकि वो अपने परिवारों की स्थिति में सुधार लाने और ज़्यादा मजबूत समुदाय बनाने में समर्थ बन सकें। इस अभियान के अंतर्गत रोटरी के सदस्य, विशेषज्ञ और तकनीकी सलाहकार चार राज्यों - राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सामुदायिक स्तर पर किसानों की क्षमता बढ़ाने के लिए राज्य और देश की सरकारों के साथ सहयोग करेंगे।  क्लब प्रेसिडेंट ऑफ़ द प्रोग्राम स्पॉन्सर रोटरी क्लब ऑफ़ दिल्ली प्रीमियर सुधांशु पचीसिया ने कहा, “हमारे देश में जहाँ केवल 50 प्रतिशत कृषि-योग्य भूमि ही सिंचित हो प

फिक्की फ़्लो जयपुर चैप्टर डिजिटल साक्षरता से दृष्टिबाधित शिक्षार्थियों को करेगा "स्वावलंबी"

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० आशा पटेल ०  जयपुर | फिक्की फ़्लो जयपुर चैप्टर ने "स्वावलंबन" का उद्घाटन करते हुए डिजिटल साक्षरता के माध्यम से दृष्टिबाधित व्यक्तियों को सशक्त बनाने का प्रयास किया है। फ्लो चेयरपर्सन रघुश्री पोद्दार के डाईनेमिक नेतृत्व में यह पहल समाज के सभी सदस्यों के लिए समान अवसर पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्यक्रम इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज, जयपुर में आयोजित किया गया |रघु श्रीपोद्दार  ने बताया कि "स्वावलंबन" फिक्की फ्लो जयपुर चैप्टर और उद्भव विजन फाउंडेशन के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है, जिसका उद्देश्य दृष्टिबाधित व्यक्तियों को आवश्यक कौशल और शिक्षा प्रदान करना है। डिजिटल प्रयोगशालाओं के लिए डेस टॉप कंप्यूटरों के उदार दान के माध्यम से इस पहल का लक्ष्य 100 से अधिक विशेष शिक्षार्थियों को सशक्त बनाना है उन्हें डिजिटल दुनिया को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने के लिए आवश्यक उपकरणों और संसाधनों से लैस करना है।इस आयोजन का मुख्य आकर्षण डॉटस्क्वायर की सुश्री रीचा चंद्रा द्वारा डेस्कटॉप कंप्यूटर का दान करना था जो दृष्टिबाधित शिक्षार्थियों के लिए डिजिटल लैब स्थापित कर