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"वीमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया" पुरस्कार के लिए नामांकन आमंत्रित

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वाट्सअप ने डब्ल्यूटीआई पुरस्कार 2019 के लिए डब्ल्यूईपी के साथ करार किया है और वह विजेताओं को 100,000 डॉलर के बराबर की सहायता प्रदान करेगा। महिलाओं के रूपांतरण को एक आन्दोलन करार देते हुए सुश्री रेनाटा लोक-डेसालियन ने कहा, “हमने  अपनी थीम के रूप में महिलाओं की उद्यमशीलता को इसलिए चुना क्योंकि इन पुरस्कारों के मध्य में यह विचार है कि महिलाएं परिवर्तन का नेतृत्व करें। मेरा मानना है कि अगर कोई भी ऐसा समूह है जो निर्णायक रूप से भारत, और विश्व, सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धियों को गति प्रदान कर सकता है, वे भारत की महिलाएं हैं। नयी दिल्ली - भारत सरकार के प्रमुख विचार मंच नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से वीमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (डब्ल्यूटीआई) पुरस्कारों का चौथा संस्करण आरंभ किया है। भारत में संयुक्त राष्ट्र की रेजीडेंट कॉडिनेटर सुश्री रेनाटा लोक-डेसालियन ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और महिला उद्यमशीलता मंच (डब्ल्यूईपी) के साझीदारों की उपस्थिति में डब्ल्यूटीआई पुरस्कार 2019 के लिए नामांकन प्रक्रिया आरंभ की। पुरस्कार के लिए आवेदन आरंभ हो चुके हैं और नामां

फ़िल्म "पुने टू गोवा" कॉमेडी,सस्पेंस और थ्रिलर से भरपूर होगी

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यह फ़िल्म स्ट्रगलर फिल्मी कलाकारों के ट्रिप पर आधारित है जिनमे उनको पुने से गोवा के टूर्स पर जाते होने वाले अनुभव ,रहस्यमयी घटनाएं और उनके ऊपर आने वाले संकट को दिखाता है । इस फ़िल्म में सस्पेंस के अलावा रोमान्स का तड़का भी देखने को मिलेगा, डायरेक्टर अमोल भगत ने कहा कि ये फ़िल्म दर्शको को खूब पसंद आएगी ! नयी दिल्ली - बॉलीवुड से आने वाली फ़िल्म "पुने टू गोवा" अमोल भगत की निर्देशन में बन रही है । जो उनकी ये पहली बॉलीवुड डेब्यूट फिल्म है । मोरया प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले इस कॉमेडी ,सस्पेंस और थ्रिलर फ़िल्म का निर्माण हो रहा है । इस फ़िल्म का एक जर्नी सॉन्ग बॉलीवुड के लोकप्रिय  सिंगर जावेद अली ने गाया है और गाने को पी शंकरम ने म्यूजिक दिया है  फ़िल्म का संवाद और पटकथा वेलकम,रेडी जैसी फिल्मे कर चुके राजन अग्रवाल ने लिखा है इस फिल्म के निर्माता प्रल्हाद रामभाऊ तावरे ,रविन्द्र हरपले और  जितुभाई .डी. सोनी तथा सहनिर्माता नवा निसर्ग प्रोडक्शन(किशोर खरात) ,नवनाथ जाचक, विठ्ठल घुगे, मारुति मानवर है !  फ़िल्म की शूटिंग जल्द ही गोवा में शुरू होने वाली है। इस फ़िल्म को भारत के साथ साथ अलग अ

"तिनका-तिनका" रोचक,मनोरंजक,प्रेरक नाटक का कुशल मंचन

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रोचक, मनोरंजक, प्रेरक और चुस्त कहानी, कसे हुए निर्देशन एवं सभी कलाकारों के बेहतरीन अभिनय ने दर्शकों को अंत तक बांधे रखा और अनेक अवसरों पर दर्शकों को रुलाया भी खूब। नई दिल्ली । यहां भव्या कल्चरल सोसाइटी, नई दिल्ली द्वारा लोक कला मंच, लोधी रोड में प्रेम भारती की कहानी पर तैयार नाटक तिनका-तिनका का अनूठा प्रदर्शन किया गया।  नाटक में बेहतरीन अभिनय के साथ ही कुशल निर्देशन संजय पोपली ने किया और सह निर्देशन में उनके साथ थे मंजीत सिंह। कहानी आज की घर-घर की उस समस्या पर आधारित थी, जिसमें बहु के अपने ससुराल जनों के प्रति दोहरे रवैये और रात दिन की कलह के चलते बेटे को भी अपने माँ बाप को कुछ दिनों के लिए अपने घर में रखने पर परेशानी होती है और बहु के साथ वह भी उनके प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाता है। बहु बेटे की आँखें तब खुलती हैं जब बेटे के माता-पिता बेटे की विपरीत परिस्थितियों और बुरे दिनों में अपना घर-खेत बेंचकर और सड़क पर आकर भी उनकी मदद करते हैं।       नाटक में अपनी-अपनी भूमिकाओं के साथ अन्य कलाकारों, पीके आर्य, वंदना कपूर, श्रुति झा,एकम बनर्जी, नीता गुप्ता, हरीश चौधरी, निश्चय कु. सागर, विजय शर्म

मीडिया को विकासवादी सकारात्मक राजनीति का वाहक बनना होगा- उपराष्ट्रपति

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मीडिया को भी विकासवादी सकारात्मक राजनीति का वाहक बनना होगा, “मीडिया सरकारों और राजनैतिक दलों की जवाबदेही अवश्य तय करे परंतु उसके केन्द्र में जनसरोकार हों न कि सत्ता संस्थान। मीडिया यथा स्थितिवादी राजनीति में बदलाव का कारक बने। मीडिया को दलीय राजनीति से ऊपर उठकर जनकेन्द्रित मुद्दे उठाने चाहिए।” रांची  - उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने कहा कि “मीडिया राष्ट्रीय संसाधन है। जिसे पत्रकार बंधु जन विश्वास या ट्रस्ट में प्रयोग करते हैं।” उन्होंने कहा कि यदि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, तो लोकतांत्रिक व्यवस्था में इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि “संसद और मीडिया एक दूसरे के सहयोगी हैं। दोनों ही संस्थान जनभावनाओं को अभिव्यक्ति देते हैं।” उपराष्ट्रपति झारखंड प्रदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र प्रभात खबर के 35वें वार्षिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर इलेक्ट्रानिक मीडिया के दौर में प्रेस के महत्व की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा “शब्दों का सौंदर्य, विचारों का विस्तार, पत्रकारिता की गंभीरता, अभिव्यक्ति की मर्यादा-अखबार के पन्नों में ही दिखते हैं। टेक्नोलॉजी