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दिल्ली में जमके बही भोजपुरी काब्यधारा

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नई दिल्ली : ऐसे में जब कि देश की राजधानी दिल्ली में उमस पूरे शबाब पर है, सावन की रिमझिम फुहार और पसीने से तर-ब-तर जनमानस का हिन्दी भवन, आई टी ओ, नई दिल्ली में सिर्फ सोशल मीडिया के बुलावे पर इतनी संख्या में समाज के हर आयु वर्ग के लोगो का इकठ्ठा होना यह बताने के लिए काफी था कि ग्लोबलाइजेशन के इस युग मे जबकि समाज पश्चिमी सभ्यता को पूरी तरह से अपनाने के लिए उत्सुक दिखता है, अधिसंख्य ऐसे भी लोग हैं जिनके मन में अपनी मातृभाषा के प्रति तीव्र लगाव अभी भी बरकरार है ।  मौका था 'जय भोजपुरी जय भोजपुरिया परिवार' की पाँचवी वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में आयोजित दूसरा भोजपुरी कवि सम्मेलन का । इस आयोजन की खासियत यह थी कि अतिथि से ले कर कवि तक, सभी  धरातल से जुड़े अपनी बोली-भाषा  के बढ़न्ती में लगे हुए आम जन एवम साधारण सच्चे सेवक थे ।  गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर एवम माँ शारदे के प्रतिमा के साथ ही साथ भोजपुरी के सिरमौर्य अंजन जी, भिखारी ठाकुर, महेन्द्र मिसिर के फोटो पर पुष्पांजलि के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ ।  लव कुमार सिंह ने इस भोजपुरी कवि सम्मेलन का मंच संचालन सम्भाला जो की काबिल

"बाल यौन उत्पीड़न" पर परिचर्चा एवं "इनसे मिलिए" कार्यक्रम का रोचक आयोजन

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नयी दिल्ली - बाल यौन उत्पीड़न पर परिचर्चा हुई, फिर इनसे मिलिए में मुख्य अतिथियों लक्ष्मी शंकर वाजपेयी और ममता किरन से सवाल जवाब और अन्त में अध्यक्ष विनोद बब्बर जी का वक्तव्य। निर्णायक मंडल में सर्वश्री कीर्तिवर्धन अग्रवाल,  प्रो. (डॉ) रवि शर्मा और शिप्रा कुलश्रेष्ठ शामिल थीं। मंच संचालन किशोर श्रीवास्तव, भावना शर्मा और सुमन द्विवेदी ने संभाला।   दिल्ली में व्यंग्यकार राजीव तनेजा के संजीवनी पीजी सभागार में हम सब साथ साथ और सहयोगी संस्थाओं;  सुरभि संगोष्ठी, नव प्रभात जन सेवा संस्थान तथा केबीएस प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में  "बाल यौन उत्पीड़न, समस्या और समाधान" पर आयोजित परिचर्चा में देश के विभिन्न स्थानों से आई विद्वान प्रतिभाओं (सर्वश्री अन्नपूर्णा बाजपेयी (कानपुर, उप्र), अशोक कुमार (दिल्ली), चक्रपाणि द्विवेदी (रायबरेली, उप्र), इंदु रानी (अमरोहा, उप्र), डॉ. ज्योति लाकड़ा (दिल्ली), डॉ. मुक्ता (गुड़गांव, हरियाणा), मोती प्रसाद साहू (अल्मोड़ा, उ.खं.), मीनाक्षी भसीन (दिल्ली), परिनिता सिन्हा (गुड़गांव, हरि.), रश्मि अग्रवाल (नजीबाबाद, उप्र), रेनू राय (दिल्ली), प्रो. शरद नारायण खरे (मंड