इस सदी के अंत तक बढ़ेगा भारी जल संकट
० सुरेश भाई ० वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 21वीं शदी के अंत तक जल ढूंढने पर भी मुश्किल से प्राप्त होगा।यही कारण है कि लगभग 100 मिलियन लोग जल की कमी की सीमा पर खड़े हैं। इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ और नीति आयोग के अनुसार भविष्य में पानी की कुल उपलब्धता के चलते आपूर्ति दुगना बढ़ सकती है।इसलिए सचेत किया जा रहा है कि भारत की 40 फीसदी आबादी को 2030 तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं होगा।यह संकेत एक तरह से सही साबित इसलिए भी है कि जलस्रोत और नदियां प्रदूषण,अतिक्रमण,शोषण की मार झेल रही है। ध्यान रहे कि भारत में दुनिया की 18 फ़ीसदी आबादी रहती है। जहां केवल चार फ़ीसदी साफ पानी है। इसमें से भी 80 फीसदी पानी कृषि के लिए उपयोग किया जा रहा है।ऐसे में यदि पानी को बचाने के प्रयास नहीं हुए तो जन जीवन संकट में पड़ जाएगा। बीते दिनों भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल निकायों की गणना भी की गई थी।जिसके अनुसार देश में कुल 24,24,540 जल निकाय है। इसमें सबसे अधिक 7.47 लाख तालाब व जलाशय पश्चिम बंगाल में है।सबसे कम 134 सिक्किम में है। और 188 चंडीगढ़, 893 दिल्ली, 993 अरुणाचल में है।इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 24