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जनवरी 9, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

IIMC दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किये जाएंगे

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) का 55वां दीक्षांत समारोह 10 जनवरी को प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। आईआईएमसी के चेयरमैन आर जगन्नाथन और महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर भी समारोह में शामिल होंगे।  इस समारोह में आईआईएमसी नई दिल्ली और इसके पांच क्षेत्रीय केंद्रों ढेंकनाल, आइजोल, अमरावती, कोट्टायम और जम्मू के संकाय सदस्य भी शामिल होंगे। दीक्षांत समारोह में वर्ष 2021-22 और 2022-23 बैच के विद्यार्थियों (आईआईएमसी दिल्ली और उसके सभी केंद्र) को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किये जाएंगे। इसके अलावा, दोनों बैचों के 65 विद्यार्थियों को अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। भारतीय जन संचार संस्थान देश का सबसे प्रतिष्ठित मीडिया एवं संचार शिक्षण संस्थान है। वर्ष 1965 में स्थापित आईआईएमसी हिंदी पत्रकारिता, अंग्रेजी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, रेडियो एवं टेलीविजन, डिजिटल मीडिया, ओड़िया, मराठी, मलयालम और उर्दू पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करता है।

राष्ट्र के पुनर्निर्माण का आधार बनेगा राम मंदिर

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० डॉ. संजय द्विवेदी ०  आज पूरी दुनिया उत्सुकता के साथ 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण का इंतजार कर रही है। दुनिया में कोई भी देश हो, अगर उसे विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचना है, तो उसे अपनी विरासत को संभालना ही होगा। हमारी विरासत, हमें प्रेरणा देती है, हमें सही मार्ग दिखाती है। इसलिए आज का भारत, पुरातन और नूतन दोनों को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहा है। एक समय था जब अयोध्या में राम लला टेंट में विराजमान थे, लेकिन आज राम मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है। राम मंदिर का निर्माण एक अनथक संघर्ष का प्रतीक है। अयोध्या यानि वह भूमि जहां कभी युद्ध न हुआ हो। ऐसी भूमि पर कलयुग में एक लंबी लड़ाई चली और त्रेतायुग में पैदा हुए रघुकुल गौरव भगवान श्रीराम को आखिरकार छत नसीब होने वाली है।  राजनीति कैसे साधारण विषयों को भी उलझाकर मुद्दे में तब्दील कर देती है, रामजन्मभूमि का विवाद इसका उदाहरण है। आजादी मिलने के समय सोमनाथ मंदिर के साथ ही यह विषय हल हो जाता तो कितना अच्छा होता। आक्रमणकारियों द्वारा भारत के मंदिरों के साथ क्या किया गया, यह छिपा हुआ तथ्य नहीं है। किंतु उन हजारों मंदिरों की जगह, अयोध्या की जन्मभूमि को नहीं

सुनहरी बाग़ मस्जिद को कुछ नहीं होने देंगे : सांसद इमरान प्रतापगढ़ी

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० संवाददाता द्वारा ०  वक़्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा बहुत ज़रूरी है क्योंकि दिल्ली सरकार और माफिया की बुरी नज़र इनपर पड़ी हुई है, और सुनहरी बाग़ मस्जिद की सुरक्षा के लिए हम पूरी जान लगा देंगे और मस्जिद को कुछ नहीं होने देंगे। नई दिल्ली - इंडिया इस्लामिक कलचलर सेंटर में वक़्फ़ वेलफेयर फोरम द्वारा वक़्फ़ मामलात के विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद, कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की तो वहीं पटना हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस इक़बाल अहमद ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इलाहबाद हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस ज़ेड यू खान ने विशेष अतिथि के तौर पर शरीक होकर अपने विचार रखे साथ ही वक़्फ़ वेलफेयर फोरम के ट्रस्टी व पूर्व इनकम टैक्स कमिश्नर एम एन ए चौधरी ने अपने स्वागत भाषण में वक़्फ़ की अहमियत और फोरम के उद्देश्यों पर रोशनी डाली  फोरम के चैयरमेन जावेद अहमद ने फोरम के द्वारा वक्फ समपतियों के लिये किये गये प्रयास और दिल्ली मे सुनहरी बाग मस्जिद के बचाव के संबंध मे जनता से मिल रहे सहयोग की सराहना किया। कार्यक्रम