स्वच्छ भारत मिशन के बारे में रॉयटर्स के लेख पर पेय जल और स्वच्छता मंत्रालय की प्रतिक्रिया
नयी दिल्ली - संवाद समिति रॉयटर्स ने एक लेख प्रकाशित किया है जिसका शीर्षक है “मोदी की स्वच्छ भारत की घोषणा, लेकिन वास्तविकता कुछ और धुंधली हो सकती है”। इस लेख में उसने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत, खासतौर से ग्रामीण स्वच्छता के बारे में वार्षिक राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2018-19 के हाल के निष्कर्षों के बारे में सवाल उठाए हैं। ग्रामीण स्वच्छता के बारे में वार्षिक राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2018-19 (एनएआरएसएस) देश का सबसे बड़ा स्वतंत्र स्वच्छता सर्वेक्षण है जो एक स्वतंत्र सत्यापन एजेंसी द्वारा कराया जाता है। इसमें 6136 गांवों, 92040 परिवारों और 5782 स्कूलों, 5803 आंगनवाड़ी केंद्रों, 1015 सार्वजनिक शौचालयों और 6055 सार्वजनिक स्थलों के चयन ढांचों को शामिल किया गया, जिसकी वजह से यह देश का सबसे अधिक वर्णन करने वाला स्वच्छता सर्वेक्षण बन गया है। एनएआरएसएस 2018-19 में पाया गया कि गांवों में शौचालयों का इस्तेमाल 93.4 प्रतिशत और ग्रामीण भारत में 96.5 प्रतिशत होना चाहिए। भारत की गुणवत्ता परिषद द्वारा 2017 में, और में राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन द्वारा 2016 कराए गए 2 और स्वतंत्र सर्वेक्षण...