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‘प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना’ में बदलावों को मंजूरी

नयी दिल्ली - भारत की सुरक्षा, हिफाजत एवं देश की रक्षा करने वालों की खुशहाली से सम्‍बन्धित अपने विजन के अनुरूप ही प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपना पदभार संभालने के बाद अपने प्रथम निर्णय के तहत राष्‍ट्रीय रक्षा कोष के अधीनस्‍थ 'प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना' में एक प्रमुख बदलाव को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री ने निम्‍नलिखित बदलावों को मंजूरी दी है: छात्रवृत्ति की दरें बालकों के लिए प्रति माह 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये और बालिकाओं के लिए प्रति माह 2250 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दी गई हैं।  छात्रवृत्ति योजना के दायरे में अब ऐसे राज्‍य पुलिस कर्मियों के बच्‍चों को भी ला दिया गया है, जो आतंकी/नक्‍सल हमलों के दौरान शहीद हो गए हैं। राज्‍य पुलिस कर्मियों के बच्‍चों के लिए नई छात्रवृत्तियों का कोटा एक साल में 500 होगा। गृह मंत्रालय ही इस सम्‍बन्‍ध में प्रमुख मंत्रालय होगा।   पृष्‍ठभूमि राष्‍ट्रीय रक्षा से जुड़े प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए नकदी या वस्‍तु के रूप में प्राप्‍त होने वाले स्‍वैच्छिक दान को संभाल कर रखने और उनके उपयोग के लिए वर्ष 1962 में राष्‍ट्रीय रक्षा कोष (एन

तंबाकू के खतरे से निपटने के लिए जन आंदोलन चलाया जाना चाहिए

नयी दिल्ली - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ भागीदारी में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष्य में तंबाकू और फेफड़ों का स्वास्थ्य विषय पर राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मंत्रालय की सचिव सुश्री प्रीति सूदन ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम और तंबाकू के उपयोग से लोगों के फेफड़ों के स्वास्थ्य और कैंसर से लेकर सांस लेने की गंभीर बिमारियों से जुड़े जोखिमों के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक दीर्घकालीन प्रभावी और आंकड़ों तथा साक्ष्य पर आधारित ढांचा तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण है। इस कार्यक्रम में नीति आयोग के स्वास्थ्य सचिव डॉ. वी के पॉल ने प्रतिभागियों को तंबाकू निषेध शपथ दिलाई। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव संजीव कुमार, संयुक्त सचिव विकास शील और भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. हैंक बेकेडम भी इस अवसर पर उपस्थित थे। अपने संबोधन में सुश्री प्रीति सूदन ने समुदाय सहभागिता की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि लोग और परिवार इस बारे में जानकारी प्राप्त करें कि धूम्र

15वें वित्‍त आयोग के अध्‍यक्ष एवं सदस्‍य मेघालय के दौरे पर जाएंगे

नयी दिल्ली - 15वें वित्‍त आयोग के अध्‍यक्ष  एन. के. सिंह एवं इसके सदस्‍यगण 3 से 5 जून तक मेघालय के दौरे पर रहेंगे। इस दौरे का मुख्‍य उद्देश्‍य वित्‍तीय अंतरण के लिए केन्‍द्र सरकार के समक्ष अपनी सिफारिशें पेश करने से पहले इस राज्‍य की वित्‍तीय स्थिति के विभिन्‍न पहलुओं की समीक्षा करना है। इस राज्‍य के अपने दौरे के दौरान वित्‍त आयोग के अध्‍यक्ष एन. के. सिंह और इसके सदस्‍यगण मेघालय के मुख्‍यमंत्री एवं उनके कैबिनेट मं‍त्रियों के साथ-साथ मेघालय सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ भी बैठकें करेंगे। 15वें वित्‍त आयोग के सदस्‍यों में ए. एन. झा, डॉ. अशोक लाहिड़ी, डॉ. अनूप सिंह एवं प्रो. रमेश चंद शामिल हैं। वित्‍त आयोग के अध्‍यक्ष और इसके सदस्‍यगण इस दौरान मेघालय के ग्रामीण स्‍थानीय निकायों के प्रतिनिधियों, शहरी स्‍थानीय निकायों के प्रतिनिधियों और इस राज्‍य के व्‍यापार एवं उद्योग निकायों के प्रतिनिधियों के साथ भी अलग-अलग बैठकें करेंगे। वित्‍त आयोग के अध्‍यक्ष और इसके सदस्‍यगण इस राज्‍य के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे। इसी तरह महिला स्‍वयं सहायता  समूहों और मेघालय राज्य एक्व

मुख्तार अब्बास नकवी ने केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री का पदभार संभाला

नयी दिल्ली -  मुख्तार अब्बास नकवी ने अंत्योदय भवन में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री का पदभार संभाला। इस अवसर पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में सचिव शैलेश एवं मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने केन्‍द्रीय मंत्री का स्‍वागत किया। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का कामकाज संभालने के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नकवी ने कहा किआने वाले दिनों में अल्पसंख्यक मंत्रालय की प्राथमिकता "3ई" यथा एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट और एम्पावरमेंट के माध्यमसे अल्पसंख्यकों का शैक्षणिक-आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण रहेगी। विकास की रोशनी को समाज के अंतिमव्यक्ति तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है।  नकवी ने कहा कि मंत्रालय की प्राथमिकता अल्पसंख्यकों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराना रहेगी। विशेषकरलड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराकर बीच में ही स्कूली शिक्षा छोड़ देने (ड्रॉपआउट) की दर को कम करनेके लिए युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। इस दिशा में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत देशभर में अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, हॉस्टल, सद्भाव मंडप आदि का निर्माणयुद्ध