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सितंबर 1, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

खुशहाल भविष्य और जीवन के लिए नारियल की खेती

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० संवाददाता द्वारा ०  एशियाई एवं पैसफिक क्षेत्र के सभी नारियल उत्पाादक देश इंटरनेशनल कोकनट कम्युनिटी (आईसीसी) के स्थाापना दिवस यानी 2 सितंबर को हर वर्ष विश्व नारियल दिवस मनाते हैं। आईसीसी एक अंतर शासकीय संगठन है। नारियल दिवस मनाने का उद्देश्य नारियल के प्रति जागरूकता बढ़ाना और अहमियत उजागर करना तथा इस फसल की ओर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना है। इस मौके पर कोच्चि में अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला भी होगी। नयी दिल्ली - नारियल विकास बोर्ड 2 सितंबर को 24वें विश्व नारियल दिवस पर समारोह आयोजित कर रहा है। इस वर्ष का मुख्य विषय है- खुशहाल भविष्य और जीवन के लिए नारियल की खेती करें। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस समारोह का उद्घाटन जूनागढ़ (गुजरात) में करेंगे। इस दौरान तोमर बहुमाली भवन, जूनागढ़ में बोर्ड के राज्य केंद्र का लोकार्पण करेंगे और बोर्ड के राष्ट्रीय पुरस्कारों एवं निर्यात उत्कृष्टतता पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणा करेंगे। साथ ही, वे किसानों को संबोधित करेंगे। कोच्चि (केरल) में भी एक कार्यक्रम होगा, जिसमें जूनागढ़ से सीधा प्रसारण किया जाएगा। जूनाग

रतनाव त्रिदिवसीय रंगोत्सव का आयोजन दिल्ली के श्री राम सेंटर में आज से

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० योगेश भट्ट ०   · ‘रामगढ़ की कथा’ एक ऐसा शहर जहाँ सेठों को 7 खून माफ़ थे · ‘रूप विदरूप नाटक’ में पद्मश्री कथक नृत्यांगना शोवना नारायण द्वारा एसिड पीड़ितों का दर्द और साहस दर्शाया जाएगा · एक हिजड़ा है, जिसने बच्चों के लिए शिक्षा की लड़ाई लड़ी, समाज के भेदभाव और रूढ़िवादिता को चुनौती देती हैं नाटक ‘लल्लन मिस’ · नाटकों का मंचन 1से 3 सितम्बर तक श्री राम सेंटर मंडी हाउस शाम 6:30 बजे से होगा · इस बार आजीवन रंगसेवा के लिए दिए जाने वाले रतनाव रंग पुरस्कार के लिए प्रख्यात नाटककार मोहन महर्षि और अंजुला महर्षी को चुना गया हैं नई दिल्ली : दिल्ली के इतिहास में रंगमंच के प्रेमी पहली बार एक महिला नाटककार द्वारा लिखित निर्देशित अभिनीत और प्रस्तुत तीन ऐसे नाटक देखगे, जो उन समस्याओं के बारे में सीधे सवाल उठाते हैं जो महिलाओं से जुड़े हुए हैँ। रंगमंच के जरिये ऐसे ज्वलंत विषयों प़र अधारित ये रंगोत्सव एक नया ओर अनूठा प्रयोग होगा।रमा थिएटर नाट्य विद्या संस्था (रतनाव) द्वारा आयोजित रतनाव त्रिदिवसीय रंगोत्सव का आयोजन 1 सितम्बर से 3 सिंतबर तक श्री राम सेंटर मंड

देश की 30 महिलाओं को सराहनीय कार्य के लिए किया गया सम्मानित

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली । महिलाएं केवल घर परिवार की ही जिम्मेदारी नहीं संभालती हैं बल्कि देश के विकास में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान है। बच्चों को अच्छे संस्कार देने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए समाज को उनके प्रति दृष्टिकोण बदलना होगा। कुछ इस प्रकार के विचार नई दिल्ली में वुमेन इन लीडरशिप कांक्लेव -2022 में वक्ताओं ने व्यक्त किए। कान्कलेव का आयोजन सामाजिक संस्था सोसायटी फॉर हेल्थ एंड एंपावरमेंट आँफ वूमेन 'SHE' और लोक कला परिषद द्वारा किया गया। कॉन्क्लेव में राज्यसभा सांसद गीता शाक्य मुख्य अतिथि थीं और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की सदस्य विशाखा शैलानी सम्मानित अतिथि थीं। SHE की अध्यक्ष प्रीति तिवारी ने सम्मानित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी संस्था लोगों के स्वास्थ्य, विशेष रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता और पर्यावरण में सुधार के लिए कार्य करती है। यह संस्था पुरुषों और स्त्रियों में समानता और महिलाओं तथा बालिकाओं के अधिकारों के लिए भी कार्य करती है। सांसद श्रीमती शाक्य ने कहा कि जिस तरह पुरुषों की सफलता के पीछे स्त्री का हाथ होता

बधिर क्रिकेट को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए आईनॉक्स ने आईडीसीए के साथ मिलाया हाथ

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० नूरुद्दीन अंसारी ०  नई दिल्ली ,  टैलेंट और प्रयासों को एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के विजन के साथ, बधिर क्रिकेट को मुख्यधारा क्रिकेट में लाने के लिए आईनॉक्स लीजर लिमिटेड (आईनॉक्स) ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर भारतीय बधिर क्रिकेट संघ(आईडीसीए) के साथ अपनी पार्टनरशिप की घोषणा की है। आईडीसीए का मोट्टो भारत में दिव्यांग क्रिकेट को बढ़ावा देना और देश में दिव्यांग युवाओं के जीवन के डेवलपमेंट के अन्य पहलुओं को प्रमोट करना है। आईडीसीए देश भर में आईनॉक्स सिनेमाघरों के सिनेमा स्क्रीन्स और लॉबी डिस्प्लेज पर अपना #DareToDream कैंपेन शुरू करेगा। आईनॉक्स लीजर लिमिटेड के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, आलोक टंडन ने कहा, “भारत की बधिर क्रिकेट टीम धीरज और संकल्प की मानवीय भावना का एक अनूठी टेस्टिमनी है। शारजाह में डिफ-आईसीसी टी-20 चैंपियंस ट्रॉफी 2022 के लिए निर्धारित भारतीय टीम को लेकर जागरूकता पैदा करने और उत्साह बढ़ाने के लिए आईडीसीए के साथ पार्टनरशिप करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। आईनॉक्स टीम की तरफ से मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।” इस पार्टनरशिप के प्रति आभार जताते हुए, इंडियन डिफ क्रिकेट एसोसिएश

क्या आयुर्वेदिक इलाज से ठीक हो सकती है निसंतानता की समस्या

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० नूरुद्दीन अंसारी ०  नयी दिल्ली - निसंतानता एक ऐसा दोष है जिससे महिला और पुरुष दोनों ही पीड़ित हैं। भारत में हर 10 से 15 प्रतिशत कपल फर्टिलिटी की दिक्कत से परेशान है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की फर्टिलिटी रेट 2015 से 2021 में 2.2 से 2.0 तक पहुंच गई है। आमतौर पर टेस्ट से पहले 35 प्रतिशत महिलाओं को ही इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार माना जाता है। लेकिन कई मामलों में 35 प्रतिशत पुरुष भी जिम्मेदार होते है। और तो कई मामलों में 20 प्रतिशत महिला और पुरुष शामिल हो सकते हैं। यूं तो निसंतानता की समसया के लिए कई उपचार मौजूद है। लेकिन आज हम इस लेख में जानेंगे की क्या आयुर्वेदिक इलाज से निसंतानता की समस्या ठीक हो सकती है? आयुर्वेदिक की बात करें तो जीवन का विज्ञान है। आयूर्वेद इलाज में इनफर्टिलिटी का इलाज सभंव है और बिना सर्जरी के नेचुरल तरीके से समस्या को ठीक किया करता है। एलोपेथी दवाई कितनी भी अच्छी क्यों ना हो या बिमारी प्रबंधन पर ध्यान देता हो कई मामलों में हाथ खड़े कर देता है। जबकि आयूर्वेदा हमें ज्ञान देता है की बिमारी को जड़ से खत्म कैसे करें। आयूर्वेद की हर्बल दवाई के सेवन से शत-प्रतिशत कामयाबी