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मार्च 27, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Delhi : बच्ची को मिले न्याय : गढ़वाल हितैषिणी सभा द्वारा समिति का गठन

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संस्कृत को लेकर अनुवाद में अनन्त संभावनाएं

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने सीएसयू , दिल्ली के सारस्वत सभागार में द्विदिवसीय भारतीय भाषा अनुवाद कार्यशाला के उद्घाटन के अध्यक्षीय भाषण में कहा कि संस्कृत को लेकर अनुवाद में अनन्त संभावनाएं हैं ,लेकिन इसमें ज्ञान के साथ अनुवाद कौशल भी आवश्यक है ।  शिक्षाविद् तथा संगोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रो चांद किरण सलूजा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के सन्दर्भ में कहा कि इस नीति में भारतीय भाषाओं को बहुत ही अधिक महत्त्व दिये जाने के अनेक कारण हैं ? इस नीति से भाषा गत समरुपता देश के सभी सरकारी तथा पब्लिक स्कूल में आएगी क्योंकि भाषा सबल संप्रेषण में शक्ति का काम करती है । संस्कृत कवि तथा अनुवादक और डीन अकादमी प्रो बनमाली विश्बाल ने भारतीय ज्ञान परम्परा में अनुवाद के स्वरूप ,लक्षण तथा विविधता पर व्यापक प्रकाश डाला । डा पवन व्यास ने मंच का संचालन किया और प्रो मधुकेश्वर भट ने अतिथियों का स्वागत किया । इस कार्यशाला के संयोजक प्रो आर एम नारायण सिन्हा ने कार्यशाला के महत्त्व पर प्रकाश डाला और डा सूर्य प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया

बचपन बचाओ आंदोलन ने बर्बरता की शिकार नाबालिग घरेलू सहायिका को मुक्त कराया

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन जिसे बचपन बचाओ आंदोलन के नाम से जाना जाता है, ने  बर्बरता की शिकार एक नाबालिग घरेलू सहायिका को मुक्त कराया। बच्ची की शिकायत पर नियोक्ता के खिलाफ गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी की रहने वाली इस बच्ची को चिकित्सा जांच के लिए ले जाया गया जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती कर लिया। देश जब होली के रंगों की खुशियां मना रहा था, उसी समय बचपन बचाओ आंदोलन को किसी ने फोन कर सूचित किया कि गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में एक घरेलू सहायिका के साथ बर्बरता की गई है और उसकी स्थिति गंभीर है। सूचना के बाद बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और बच्ची को मुक्त कराया। कार्यकर्ताओं ने पाया कि बच्ची के दोनों हाथ सूजे हुए थे और उसके कान एवं चेहरे सहित जिस्म का हर हिस्सा जख्मी था। उसकी पीठ पर बेलन से मारा गया था  जिसकी वजह से वो बोल नहीं पा रही थी । गर्दन पर जले एवं कटे के निशान भी थे। दाएं पैर पर खौलता हुआ पानी डाला गया था जिसकी वजह बच्ची के पैर जल