संदेश

नवंबर 5, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Delhi : No More Terrorism : आतंकवाद के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन { Qutub Ma...

चित्र

देश में 70 वर्ष में सर्वाधिक बेरोगजारी है

चित्र
० संवाददाता द्वारा ०  2014 में भाजपा के कथनानुसार देश को आजादी मिली तब देश पर कर्जा था 55 लाख करोड़, भाजपा के केन्द्र में 9 साल के शासन में यह कर्ज बढ़कर हो गया 157 लाख करोड़ । उन्होंने कहा कि 70 साल में 55 लाख करोड़ का कर्ज केन्द्र सरकार पर रहा, किन्तु साढ़े नौ वर्ष में ही भाजपा की केन्द्र सरकार ने बढ़ाकर 157 लाख करोड़ कर दिया। जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की जनता से किये गये वादे किसी झूठ से कम नहीं है और अब प्रधानमंत्री कांग्रेस की नकल करते हुये अपने वादों को गारंटी बोलने लगे है । प्रधानमंत्री कहते हैं कि देश की मिट्टी की सौगंध में देश बिकने नहीं दूंगा, लेकिन आधे से ज्यादा सरकारी उपक्रम बिक चुके हैं। मोदी पहले प्रधानमंत्री जिन्होंने देश में कोई सरकारी उपक्रम नहीं बनाया, किन्तु बेचने का कोई मौका नहीं छोड़ा । उक्त विचार एआईसीसी के प्रवक्ता एवं एआईसीसी के राजस्थान मीडिया प्रभारी अतुल लोंढे पाटिल ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस जब जनता को गारंटी देती है तो उसके पीछे हमारा वित्तीय प्रबंधन भी होता

भारत की टिकाऊ और गुणकारी भोजन विद्या सबको अपनानी ही चाहिए"-प्रधानमंत्री मोदी

चित्र
० आनंद चौधरी ०  भारत में खाद्य क्षेत्र के विकास में तीन महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं। छोटे किसान, लघु उद्योग और महिलाएं। भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की उन्नति को गति दे रहा है। भारत के भोजन में विविधता है और यह विविधता शेष विश्व के लिए किसी लाभांश जैसी है।” नई दिल्ली : 'वर्ल्ड फूड इंडिया' नई दिल्ली में शुरू हुआ। ‘इंटरनेशनल इयर ऑफ मिलेट्स’ के रूप में मनाए जाने के मद्देनजर, इस तीन दिवसीय प्रोग्राम के दौरान एक खाद्य स्रोत के रूप में मोटे अनाज के उपजाऊपन और पौष्टिकता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जहां वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एक साथ जमा रहेगा।  खाद्य उत्पादन और प्रसंस्करण में भारत की ताकत को प्रदर्शित करना तथा खाद्य क्षेत्र में निवेश और सहयोग को आकर्षित करना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है। भारत ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की वृद्धि और विकास पर जोर दिया है, यह खाद्य उत्पादन, खाद्य पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिससे खाद्य-संबंधित गंभीर चुनौतियों का समाधान करने वाले एक

आतंकवाद के ख़िलाफ़ किया विरोध प्रदर्शन

चित्र
० आनंद चौधरी ०  नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के बैनर-तले दिल्ली के तीन मूर्ति हाइफ़ा चौक पर आतंकवाद के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य विश्व को आतंकवाद से मुक्त बनाना और अमन व शांति का वातावरण पैदा करना था। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के संगठन महामंत्री गोलोक बिहारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में मंच के कार्यकर्ताओं ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। गोलोक बिहारी ने कहा कि आज पूरी दुनिया आतंकवाद से त्रस्त है। दुनिया का हर व्यक्ति भय के वातावरण में जी रहा है। असुरक्षा का भाव हर व्यक्ति के मन-मस्तिष्क पर हावी है।  विश्व में शांति और मानव विकास के लिए सभी प्रकार के आतंकवाद की समाप्ति आवश्यक है। मंच के वरिष्ठ अधिकारी एडवोकेट जेपी शर्मा ने कहा कि भारत 75 वर्षों से आतंकवाद झेल रहा है। दुनिया आतंकवाद की चपेट में अब आई है। इसलिए अब पूरी दुनिया को एकजुट होकर आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ना पड़ेगा। सरदार टीपी सिंह ने कहा कि कश्मीर, पंजाब, मुंबई समेत पूरा भारत आतंक का दर्द झेल चुका है, अब नो मोर टेररिज़्म। ले. जेनरल आरएन सिंह ने रैली को संबोधित करते ह

संदीप ठाकुर कलम के सच्चे सिपाही को सलाम

चित्र
०  विनोद तकियावाला ०  नयी दिल्ली - काल के चक्र महाकाल के इशारे पर निरतंर - र्निविध्न घूम रहा है। सृष्टि का नियम युग युगांतरों के चला आ रहा है। जब से उस अदृश्य सता में इस संसार का निवार्ण किया होगा। तभी से द्वैत्य या दो शिव के संग शक्ति ' दिन के साथ रात,सुख के संग दुःख , निर्माण - विध्वंस ,जन्म के साथ मृत्यु। तभी हमारे धर्म ग्रंथों में कहा गया है जिसका जन्म हुआ उसकी मुत्यु निशचित है। यह अरक्षण कटु सत्य है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के पत्रकारिता जगत के आसमान में चमकने वाला एक सितारा हमेशा के लिए बुझ गया।आज हम एक ऐसे शख्सियत के बारे बताने जा रहे है। जिसे दिल्ली एन सी आर मीडिया जगत में एक दंबग,मस्त मौला कलम के सच्चे सिपाई के रूप में अपनी पहचान बनाई।आप नेअपने सम्पूर्ण दायित्वों का र्निवाह करते हुए अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। चाहे वह पारिवारिक या समाजिक या पत्रकारिता का।चाहे इस राह में कितने भी विषम व विकट परिस्थिति क्यूं नही हो। एक ऐसा व्यकित्व जिसने ना केवल पत्रकार व पत्रकारिता के जगत को एक नई सोच,नये मुक्काम तक पहुँचाया बल्कि जीने का तरीका व सलीका भी स्वयं जी कर दुनिया वाले को स