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अक्तूबर 23, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भारत और स्विट्जरलैंड रेल परिवहन के क्षेत्र में सहयोग के लिए सहमत

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नयी दिल्ली  - भारत और स्विट्जरलैंड ने रेल परिवन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। संयुक्‍त कार्य समूह में माल भाड़ा, यात्री परिवहन, रेलवे विद्युतिकरण उपकरणों त‍था परिवहन और सुरंग प्रौद्योगिकी पर विस्‍तार से चर्चा की गई।  बैठक में इस बात पर भी सहमति व्‍यक्‍त की गई कि रेलवे क्षेत्र में सहयोग की प्रगति पर समयबद्ध तरीके से संस्‍थागत स्‍तर पर निगरानी रखी जाएगी।    दोनों पक्षों ने संयुक्‍त बैठक में यह फैसला लिया। रेल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच 2017 में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए थे। बैठक में भारतीय दल का नेतृत्‍व वाणिज्‍य और उद्योग तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया जबकि स्विट्जरलैंड के दल का नेतृत्‍व वहां की पर्यावरण, परिवहन, ऊर्जा तथा संचार मंत्री सुश्री सिमोनेटा सोमारुगा ने किया। सुश्री सोमारुगा ने पीयूष गोयल को रेल परिवहन के क्षेत्र में काम करने वाली स्विट्जरलैंड की कंपनियों को उनकी विशेषज्ञता तथा नए उत्‍पादों के प्रदर्शन और भारतीय कंपनियों के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए कम समय में ही पर्याप्‍त अवसर दिलाने के लिए धन्‍यवाद दिया। उन्होंने इसके

Taleem Ki Taaqat क़ौम शिक्षा से बनती है Qalbe Sadiq

Taleem Ki Taaqat क़ौम शिक्षा से बनती है Qalbe Sadiq >VIDEO https://www.youtube.com/watch?v=JfzdpYvTitE

2019~20 में आयोजित होने वाले हुनर हाटों की थीम होगी~एक भारत श्रेष्‍ठ भारत

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नयी दिल्ली - अल्‍पसंख्‍यक मंत्रालय अगले पांच  वर्षों के दौरान पूरे देश में 100 हुनर हाटों का आयोजन करेगा। हुनर हाट दिल्‍ली, गुरूग्राम, मुंबई, चेन्‍नई, कोलकाता, बेंगलुरू, लखनऊ, अहम दाबाद, देहरादून, पटना, इंदौर, भोपाल, नागपुर, रायपुर, हैदराबाद, पुडुचेरी, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, रांची, भुवनेश्वर, अजमेर में  आयोजित किए जाएंगे केंद्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान हुनर हाट के जरिए लाखों शिल्पकारों, कारीगरों और पारंपरिक रसोइयों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी। नकवी ने कहा कि प्रयागराज में आयोजित होने वाले हुनर हाट में स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्‍पाद जैसे असम के बांस व जूट उत्पाद, वाराणसी सिल्क, लखनऊ की चिकनकारी, सिरेमिक, कांच के बने सामान व चर्म उत्‍पाद, उत्तर प्रदेश के पारंपरिक हस्तशिल्प, उत्तर पूर्वी क्षेत्र के पारंपरिक हस्तशिल्प, गुजरात से बंधेज, मिट्टी का काम व तांबा उत्पाद, आंध्र प्रदेश से कलमकारी और मंगलागिरी, राजस्थान से संगमरमर की कलाकृतियां और हस्तशिल्प, बिहार से मधुबनी पेंटिंग, हिमाचल प्रदेश और

साहस,निष्ठा और ज्ञान का उत्सव ही दीवाली है

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लेखिका > सुषमा भंडारी दीपावली का पर्व प्रतिपल हमारे भीतर विद्यमान रह्ता है। दीपशिखायें प्रकाशित  होती हैं और माहौल को खुशनुमा करती हैं जितना उत्सव इस मन में होता  है उतना कहीं भी नहीं हो सकता,मगर ये तब सम्भव है जब हम दशहरा मनायें प्रतिपल।  दशहरा यानि सत्य की जीत का  बुराइयों के दमन का । इस मन में प्रतिक्षण उत्पन्न होते विकारों के दमन की समाप्ति का। हम रावण तो बन जाते हैं सहज , सहर्ष स्वत; ही रावण को मारते नहीं हैं ,जानते हैं ये हमारा नाश करेगा किन्तु फिर भी अपने भीतर इसका राजपाठ होने देते हैं। सदा सत्य का उजाला ही असली दीवाली है साहस  निष्ठा और ज्ञान का उत्सव ही दीवाली है। दीपावली राम रूपी, सत्य रूपी प्रकाश को जागृत करने  एवं रावण रूपी अंधकार को मारने का का त्यौहार है।हम सदियों से इस पर्व को इसी आधार पर मनाते चले आ रहे हैं। असत्य पर सत्य की विजय, अंधकार पर प्रकाश की विजय । देखना ये है कि हम इसे कितना सार्थक कर पाते हैं।  दीपावली समाज व व्यक्ति के जीवन के अनगिनत आयामों को दर्शाता है जिनमें से एक धर्म भी है,कई लोग अराजकता को फैलाने के उद्देश्य से धर्म से जोड़ देते हैं जो ठीक नहीं। वर