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Uttarakhand हल्द्वानी केस पर SC के आये फैसले पर कांग्रेस ने कहा { Qutub ...

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कृष्ण चन्द्र सहाय स्मृति सम्मान समारोह : लोहिया के लाडले थे सहाय जी : रामजी लाल

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० आशा पटेल ०  आगरा। सत्ता व सम्पत्ति से दूर रहने वाले गांधीवादी कृष्ण चन्द्र सहाय की तृतीय पुण्य तिथि पर आयोजित समारोह में सहाय जी के गांधी विचार,चम्बल घाटी शांति मिशन, देहदान, जीवन भर अन्तिम व्यक्ति की मुक्ति को लेकर किये गये अतुलनीय योगदान पर यूथ हॉस्टल,संजय प्लेस,आगरा पर बड़ी संख्या में गांधीवादी विचारकों, समर्थकों, समाजसेवियों, साहित्यकारों, रंगकर्मी, कवि व शायरों आदि ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जननेता, सपा के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामजी लाल सुमन ने की। इस मौके पर गांधी विचार, आचरण, गांधी सत्याग्रह को समर्पित वरिष्ठ गांधीवादी शशि शिरोमणि को गांधी विचार के माध्यमों से की गई उनकी अतुलनीय सेवाओं हेतु ‘कृष्ण चन्द्र सहाय सम्मान’ से विभूषित कर फूल माला, बुके, दुशाला, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र देकर नवाजा गया। रामजी लाल सुमन ने कहा कि सहाय जी सबसे पहले समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया जी के सम्पर्क में आये।एक कार्यक्रम में शिरकत करने जब डॉ.लोहिया चन्द्र शेखर जी के साथ कानपुर प्लेटफार्म की ओर जा रहे थे. कृष्ण चन्द्र सहाय उनको भीख मांगते नजर आये। डॉ. लोहिया ने

दिल्‍ली के अलीपुर से 25 बाल मजदूरों को छुड़ाया गया

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्‍ली। दिल्‍ली के अलीपुर इलाके में कई निर्माण इकाइयों से 25 बाल मजदूरों को छुड़ाया गया है। नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्‍यार्थी द्वारा स्‍थापित कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन(केएससीएफ) की सहयोगी संस्‍था ‘सहयोग केयर फॉर यू’ ने केएससीएफ के ‘एक्‍सेस टू जस्टिस’ कार्यक्रम के तहत अलीपुर एसडीएम, लेबर डिपार्टमेंट और दिल्‍ली पुलिस के साथ मिलकर संयुक्‍त छापामार कार्रवाई के तहत इन बच्‍चों को छुड़ाया है। मुक्‍त करवाए गए सभी बच्‍चों की उम्र नौ से 17 साल है, इनमें से सात लड़कियां हैं। इन बच्‍चों से जबरन जूते, क्रॉकरी और सैनिटरी निर्माण की इकाइयों में बाल मजदूरी करवाई जा रही थी। बच्‍चों ने बताया कि उनसे रोजाना 15-15 घंटे काम करवाया जाता था और मजदूरी के नाम पर केवल सौ से दो सौ रुपए मिलते थे। पुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस एक्‍ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। अलीपुर एसडीएम ने इन निर्माण इकाइयों के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी पुलिस को आदेश जारी किए हैं। बच्‍चों को बालश्रम से मुक्‍त करवाने के बाद ‘सहयोग केयर फॉर यू’ के महासचिव शेखर महाजन ने कहा, ‘इन बच्‍चो

हल्द्वानी मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश न्याय और इंसानियत की जीत : इमरान प्रतापगढ़ी

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद और अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि यह इंसानियत और न्याय की जीत है। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढी जो इस मामले में शुरू से ही सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए जुटे थे और हल्द्वानी की जनता के पक्ष में आवाज़ उठा रहे थे। इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि इस मामले में अब तक उत्तराखंड की भाजपा सरकार का रुख बहुत खराब रहा है  लेकिन अगर वो 'सबका अपना पक्का मकान' होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे का सम्मान करेगी तो सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी के लोगो के साथ खड़ी होगी। कांग्रेस सांसद इमरान ने इस मामले में ट्वीट करते हुए लिखा, यह न्याय की जीत है, इंसानियत के जीत है हल्द्वानी के लोगो के सर से छत नहीं छीनी जायेगी,बच्चो के स्कूल नहीं टूटेंगे,अस्पताल नही टूटेगा,मंदिर मस्जिद धर्मशाला नहीं टूटेगी। शुक्रिया  उच्चतम न्यायालय। बाद में उन्होंने कहा कि इस्मामले में राज्य सरकार का रुख बहुत खराब रहा है और है

किसी एक भाषा में निपुणता हासिल करें

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० योगेश भट्ट ०  अमरावती । भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने अमरावती स्थित पश्चिम क्षेत्रीय परिसर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने संस्थान के सभी अध्ययन कक्षाओं, कम्प्यूटर लैब, ग्रंथालय, स्टूडियो आदि का निरीक्षण किया और संस्थान में अध्ययनरत अंग्रेजी, हिंदी व मराठी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के साथ संवाद भी किया। आईआईएमसी के पश्चिम क्षेत्रीय परिसर अमरावती की ओर से मराठी पत्रकारिता दिवस के मौके पर होने वाले ‘संपादक संवाद’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रो. द्विवेदी अमरावती पहुंचे हैं। आईआईएमसी के महानिदेशक ने कहा कि जीवन में प्रोत्साहन व प्रेरणा पाने के लिए बेहतरीन साहित्य का अध्ययन करें और किसी एक भाषा में निपुणता हासिल करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि जीवन में सुगमता और सफलतापूर्वक आगे बढ़ने के लिए कम से कम तीन भाषाओं का ज्ञान हासिल करना आवश्यक है। प्रो. द्विवेदी के अनुसार लोगों पर प्रभाव स्थापित करने का भाषा एक बेहतर माध्यम है। संवाद के दौरान प्रो. द्विवेदी ने विद्यार्थियों के साथ अपने दीर्घ पत्रकारिता एवं शैक्षणिक अनुभवों को भी साझा किया और व

हरप्रीत लाइव विद फुल बैंडइं डिया हैबिटैट सेंटर में

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली । युवा भारतीय संगीतकार हरप्रीत अलग गीत शैली के लिए जाने जाते हैं। अपनी इसी शैली से श्रोताओं को हमेशा मंत्रमुग्ध करने वाले हरप्रीत इस बार पूरे बैंड के साथ स्टेज पर उपस्थित रहेंगे। हरप्रीत के गाने का एक बहुत ही खास तरीका है। वह लोकप्रिय कवियों को एक अनोखी शैली में सुनाते हैं.इस शाम हरप्रीत अपने पूरे बैंड के साथ इंडी संगीत-हिंदी, पंजाबी, उर्दू और अन्य भारतीय बोलियों में गीत गायेंगे । उनके साथ अनिर्बन घोष - बास गिटार, सिद्धार्थ पडियार - परकशन-साउंड और सुमंत बालकृष्णन इलेक्ट्रिक गिटार पर साथ देंगे। हरप्रीत अपने पूरे बैंड के साथ कविता की पुनर्खोज और इंडी संगीत - हिंदी, पंजाबी, उर्दू और अन्य भारतीय बोलियों का प्रदर्शन करेंगे। मूल संगीत रचनाओं की एक शाम, गायक-गीतकार हरप्रीत (गिटार/वोकल्स) और अनिर्बान घोष - बास गिटार, सिद्धार्थ पडियार - पर्क्यूशन और इलेक्ट्रिक गिटार पर सुमंत बालकृष्णन। हरप्रीत को कबीर, बाबा नानक और बाबा बुल्ले शाह जैसे मानवतावादी कवियों के महाकाव्य कार्यों के लिए संगीत बनाने के लिए जाना जाता है। प्रसिद्ध कवियों को जन-जन तक ले जाने का श्रेय हरप्रीत को ज

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 में गूंजेगी सशक्त महिलाओं की आवाज़

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० आशा पटेल ०  जयपुर । आइकोनिक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 19 से 23 जनवरी को आमेर, जयपुर में होगा| इस अपने 16वें संस्करण में, फेस्टिवल में  लेखिकाओं की कलम के बिखरेंगे रंग |फेस्टिवल के कई महत्वपूर्ण सत्र लेखिकाओं की उपलब्धि को समर्पित होंगे, जिनमें उनके लेखन के माध्यम से उनके सफ़र को बुना जायेगा| एक विशेष सत्र, फीमेल गेज़ पर आधारित होगा| जब कोई कथानक किसी महिला के नज़रिए से लिखा जाता है, तो वो कैसे दूसरे से भिन्न होता है? ये ‘फीमेल गेज़’ महिलाओं को पोर्ट्रेट करने का नजरिया बदल देता है और वो महज एक ‘वस्तु’ से ऊपर उठ पाती है| इस सत्र में शामिल होने वाले वक्ता हैं: एमिली पर्किन्स, यूजेनिया कुजनेत्सोवा, एना फिलोमिना अमराल और ताध्ग मैक डोंने| इनसे संवाद करेंगी लेखिका सस्क्या जैन| सत्र में, ये वक्ता महिला नजरिये से लेखन के सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनैतिक निहितार्थों की व्याख्या करेंगे| बुकर प्राइज विजेता बेर्नार्दिन एवारिस्तो का संस्मरण, मेनिफेस्टो: ऑन नेवर गिविंग अप उनके संघर्षमय जीवन की कहानी कहता है| कैसे उन्होंने दशकों तक लड़ाई लड़ी, जिससे वो अपनी बात दुनिया के सामने रख सकें| फेस्टिवल में, ए