कृष्ण चन्द्र सहाय स्मृति सम्मान समारोह : लोहिया के लाडले थे सहाय जी : रामजी लाल

० आशा पटेल ० 
आगरा। सत्ता व सम्पत्ति से दूर रहने वाले गांधीवादी कृष्ण चन्द्र सहाय की तृतीय पुण्य तिथि पर आयोजित समारोह में सहाय जी के गांधी विचार,चम्बल घाटी शांति मिशन, देहदान, जीवन भर अन्तिम व्यक्ति की मुक्ति को लेकर किये गये अतुलनीय योगदान पर यूथ हॉस्टल,संजय प्लेस,आगरा पर बड़ी संख्या में गांधीवादी विचारकों, समर्थकों, समाजसेवियों, साहित्यकारों, रंगकर्मी, कवि व शायरों आदि ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जननेता, सपा के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामजी लाल सुमन ने की। इस मौके पर गांधी विचार, आचरण, गांधी सत्याग्रह को समर्पित वरिष्ठ गांधीवादी शशि शिरोमणि को गांधी विचार के माध्यमों से की गई उनकी अतुलनीय सेवाओं हेतु ‘कृष्ण चन्द्र सहाय सम्मान’ से विभूषित कर फूल माला, बुके, दुशाला, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र देकर नवाजा गया।
रामजी लाल सुमन ने कहा कि सहाय जी सबसे पहले समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया जी के सम्पर्क में आये।एक कार्यक्रम में शिरकत करने जब डॉ.लोहिया चन्द्र शेखर जी के साथ कानपुर प्लेटफार्म की ओर जा रहे थे. कृष्ण चन्द्र सहाय उनको भीख मांगते नजर आये। डॉ. लोहिया ने समाजवादी कार्यकर्ताओं को उसी वक्त आदेशित किया कि वे सहाय के रहने के बन्दोबस्त के साथ-साथ उनकी शिक्षा की भी समुचित व्यवस्था करें। हिन्दुस्तान में खासतौर पर उत्तर प्रदेश में देश की सड़ी-गली व्यवस्था के खिलाफ जब जय प्रकाश जी का आंदोलन शुरू हुआ तो उत्तर प्रदेश में महावीर भाई और सहाय जी इसके कर्ता-धर्ता थे। 
मेरा ये सौभाग्य है कि जय प्रकाश आन्दोलन में सहाय  के आदेशानुसार जिस दिन पूर्व प्रधानमंत्री, किसानों के मसीहा चौ.चरण सिंह को सत्याग्रह करना था, परस्थितियों वश चौ. साहब के मना करने के बाद मुझे आदेश मिला कि उसी स्थान पर मुझको सत्याग्रह करना है, जहां हमको सत्याग्रह स्थल से ही गिरफ्तार करके राय बरेली जेल भेज दिया गया। वे निष्ठावान गांधीवादी कार्यक्रर्ता थे. उनके लिबास से ही हमे प्रेरणा मिलती थी. जीवन भर मूल्यों के लिए जिये. डाकूओं के ह्दय परिवर्तन कराने में उनका बड़ा योगदान था. मै उनकी स्मृतिओं को प्रणाम करता हूं।
मुख्य अतिथि जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि सहाय के जीवन को नापना, तोलना, जांचना, समझना आसान नही है. अपनाना तो बहुत ही हिम्मत, क्षमता शक्ति और आत्मबल का काम है। बड़ी से बड़ी चुनौती को सहजता से स्वीकार करने की क्षमता, हिम्मत रखने वाला व्यक्तित्व. चाहे गोवा मुक्ति का सत्याग्रह हो, चबंल घाटी में अंहिसा का बेमिसाल प्रयोग हो, चंदनवन में चन्दन तस्कर बीरप्पन से मिलने जाने का मामला या साथियों द्वारा जीवन यापन के लिए प्राप्त सम्मान राशि को आपदा ग्रस्तों को देने का निर्णय.वे सदा तत्पर रहे ।
गांधी शांन्ति प्रतिष्ठान दिल्ली से पधारे विशिष्ट अतिथि, वरिष्ठ गांधीवादी रमेश चन्द शर्मा ‘रमेश भैया’ ने कहा कि उनकी पहनावा अपने ही ढंग का था. सफेद खादी का बनियान रूपी जेब लगा छोटा कुर्ता, सफेद खादी की लुंगी, कंधे पे खादी का थैला, साइकिल की सवारी, सहाय जी की पहचान बन गई थी । पारदर्शिता ऐसी कि हर साल अपना खाता सार्वजनिक करते. सभी का आभार व्यक्त करते, शुक्रिया अदा करते, सबकी खैर खबर लेते. सहाय जी जीवन भर कंचन मुक्ति, बंधन मुक्ति, गोवा मुक्ति, हिंसा मुक्त समाज, साद्गी, समता, सद्भावना, सौहार्द, सांझापन, स्वलम्बन, अन्तिम व्यक्ति की मुक्ति को लेकर जीवन भर सक्रिय रहे। वरिष्ठ गांधी वादी शोभा शाखरवाडे बतौर विशिष्ट अतिथि ने कहा कि सहाय सच्चे कर्मयोगी थे, वे बिना फल या परिणाम की चिन्ता किये अच्छे काम के लिए उतर जाते थे।

श्री कृष्ण चन्द्र सहाय स्मृति से विभूषित वरिष्ठ गांधीवादी शशि शिरोमणि ने आभार व कर्तिज्ञता ज्ञार्पित करते हुए कहा कि दुनिया में हथियारों का भय दिखाया जा रहा है, जबकि अमन, सौहार्द,शान्ति व भाईचारा गांधी के दिखायें रास्ते सत्य, अहिंसा , सत्याग्रह और मोहबत से ही हासिल की जा सकती है। दुनिया में ज्यादा तर देश गांधी के दीवाने ही नहीं उपासक है। आयोजन समिति की ओर से डॉ. मधु भारद्वाज द्वारा स्वागत भाषण, मधु सहाय जोशी द्वारा आभार एवं हरीश ‘चिमटी’ द्वारा कार्यक्रम का संयोजन,नियोजन व संचालन किया गया।

कार्यक्रम में अनेक गणमान्य उपस्थित थे .. डॉ.अशोक शिरोमणि,महेश शर्मा एपीएस,राजेंद्र मिलन,बलदेव भटनागर,अमीर अहमद ,वत्सला प्रभाकर ,वरिष्ठ पत्रकार-डॉ.बचन सिंह सिकरवार, आदर्श नंदन गुप्ता,"हिन्दुस्तान वार्ता"यूपी हैड-धर्मेन्द्र कु.चौधरी, डा.गिरजा शंकर, सहारा समय से पंकज राठौर,दिव्या शर्मा , नेहा माथुर ,रोहित मानी ,शैलजा,डा.असीम आनंद , नसरीन बेगम,रमन भल्ला,आभा चतुर्वेदी , शंभू चौबे ,शमी आगाई,नीरज स्वरूप ,अश्वनी शिरोमणि ,अमरीश पटेल , डाक्टर मुनीश्वर गुप्ता,डाक्टर भगवान शर्मा ,डाक्टर शशि तिवारी, ज्योत्सना रघुवंशी, बिल्लो राम बाल्मिकी , राजीव अग्रवाल ,सिविल सोसायटी महासचिव अनिल शर्मा,वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट-असलम सलीमी, डाक्टर प्रदीप श्रीवास्तव,धर्मेन्द्र सिंह आदि प्रमुख थे।

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