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फ़रवरी 6, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

57वां आईएचजीएफ मेला स्प्रिंग 2024 : 6-10 फरवरी इंडिया एक्सपो सेंटर,ग्रेटर नोएडा में

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० आशा पटेल ०  नयी दिल्ली।  हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा आयोजित आईएचजीएफ दिल्ली मेले का 57वां संस्करण 6 से 10 फर तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे में आयोजित किया जाएगा। इस मेले मे 16 विशाल हॉल हैं, जिनमें से प्रत्येक को होम, फैशन, लाइफस्टाइल, फर्निशिंग और फर्नीचर सहित 14 प्रमुख प्रदर्शन खंडों को समर्पित किया गया है। उत्पादों की विविध श्रृंखला में घरेलू सामान, घरेलू साज-सज्जा, फर्नीचर, उपहार और सजा-सज्जा उत्पाद, लैंप और प्रकाश व्यवस्था, क्रिसमस और उत्सव की साज-सज्जा, फैशन आभूषण और एसेसरीज, स्पा और बेलबीइंग उत्पाद, कालीन और गलीचे, बाथरूम सहायक उपकरण, उद्यान सहायक उपकरण, शैक्षिक खेल -खिलौने, हस्तनिर्मित कागज उत्पाद और स्टेशनरी, साथ ही चमड़े के बैग शामिल हैं। ईपीसीएच के अध्यक्ष, दिलीप बैद ने इस अवसर पर कहा, “दुनिया भर से खरीदारों की एक महत्वपूर्ण आमद के साथ, इस मेले में हमारे प्रदर्शक आगामी स्प्रिंग संस्करण को भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह हमारे लक्ष्य-तीन गुना तीस तक- के अनुरूप है।' हस्तशिल

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2024, साहित्यिक मैराथन का समापन

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० आशा पटेल ०  जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2024, का 5-दिवसीय साहित्यिक मैराथन का समापन हुआ| फेस्टिवल में संस्मरण से लेकर स्पोर्ट्स, हिस्ट्री से माइग्रेशन और फूड से लेकर कई विषयों पर बात हुई| अंतिम सुबह की शुरुआत सप्तक चटर्जी के प्रदर्शन के साथ हुई, जो तीसरी पीढ़ी के हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक थे, जिन्होंने अपने शास्त्रीय वायलिन से मधुर धुनें बजाईं। सत्र ‘शाहजहानाबाद: ऑन देल्ही’स ब्रोकन हिस्ट्री’ में तीन इतिहासकारों, स्वप्ना लिडल, राणा सफवी और विलियम डेलरिम्पल ने शाहजहानाबाद/दिल्ली के इतिहास पर दिलचस्प चर्चा की  इतिहासकार और लेखिका स्वप्ना ने कहा, “अभी हाल ही में प्रकाशित मेरी किताब (शाहजहानाबाद) मेरे दिल के काफी करीब है| उसमें अकबर द्वितीय और उनके पुत्र बहादुर शाह ज़फर द्वितीय के जीवनकाल को वर्णित किया गया है|” शाहजहाँ ने 17वीं सदी में शाहजहानाबाद की स्थापना की थी, जो वर्तमान में देश की राजधानी दिल्ली है| लेखिका राणा सफवी ने दिल्ली पर छह किताबें लिखी हैं, “मुझे अतीत को देखना और वर्तमान में उसकी प्रासंगिकता तलाशना अच्छा लगता है|” हाल ही में मेहरौली, दिल्ली में प्रशासन द्वारा गिराई गई म

पावरग्रिड,उत्तरी क्षेत्र के यूएनएमएस नियंत्रण केंद्र का नई दिल्ली में उद्घाटन

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - आर. के. त्यागी, अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक, पावरग्रिड, ने डॉ. यतींद्र द्विवेदी, निदेशक (कार्मिक), ए. के. मिश्रा, कार्यपालक निदेशक (उत्तरी क्षेत्र-I) बी. वामसी, सीओओ (पावरटेल), की  उपस्थिति में नव स्थापित उत्तरी क्षेत्र यू-एनएमएस नियंत्रण केंद्र का उद्घाटन नई दिल्ली में किया गया। साथ ही इस अवसर पर विक्रम सिंह भाल, कार्यपालक निदेशक (सीएमजी-संयोजक), ए. के. बेहरा (कार्यपालक निदेशक, टीबीसीबी-एसैट प्रबन्धन) आर. एन. गुप्ता, मुख्य प्रबन्धक (एसैट प्रबन्धन, उ.क्षे-I), डॉ सुनीता चौहान मुख्य प्रबन्धक (जीए एंड सी) और अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।  एकीकृत नेटवर्क प्रबंधन प्रणाली (यूएनएमएस) को केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (अंतरराज्यीय विधुत पारेषण के लिए संचार प्रणाली) विनियमन, 2017 और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (विद्युत क्षेत्र संचालन में संचार प्रणाली के लिए तकनीकी मानक) विनियम, 2020 की आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए अभिकल्पित ( डिजाइन) किया गया है। यूएनएमएस संचार व्यवस्था के कार्यप्रणाली एवं उपलब्धता को मापने के लिये महत्त्वपूर्ण भूमिका को सुनिश्चित करेगा,  जो

नेपाल-भारत अन्तर्राष्ट्रीय संबधों पर महत्वपूर्ण चर्चा

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० योगेश भट्ट ०   नई दिल्ली : पडोसी देश नेपाल के साथ भारत के सदियों से चले आ रहे भौगोलिक, ऐतिहासिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक संबध हमारी विदेश नीति में भी विशेष महत्त्व रखते है। इसी सन्दर्भ में नेपाल से विशेष रूप आमंत्रित दिल्ली में पधारे नेपाल संविधान सभा सदस्य तथा पूर्व सांसद हरिचरण शाह के सानिध्य में नेपाल-भारत अन्तर्राष्ट्रीय संबधों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई | जिसमें नेपाल निवासी इंद्रा बहादुर थापा, नेपाल से प्रकाशित हिमालिनी पत्रिका के दिल्ली ब्यूरो प्रमुख- प्रोफ़ेसर एस.एस. डोगरा, भारत सरकार में अधिकारी-लेखक कृष्णा कुमार, विजय यादव,  अमरेन्द्र महतो ने आर्थिक, सामाजिक,व्यापारिक, रक्षा,संचार, साहित्यिक, मधेसी समुदाय, सांस्कृतिक, धार्मिक, नेपाल पर चीन के प्रभाव जैसे तमाम विषयों पर अपने-अपने विचार प्रकट किए | हरिचरण शाह पिछले पांच दशकों से नेपाल के सर्वागीण विकास के लिए तत्पर हैं | वे जल्द ही राजधानी दिल्ली में नेपाल-भारत अन्तर्राष्ट्रीय संबधों पर ही एक बड़ी सेमीनार आयोजित करने की योजना को साकार करने जा रहे हैं |

दिल्ली द्वारका में समस्याओं से निजात पाने के लिए महापंचायत

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। क्षेत्र में महीनों से कई समस्याओं से निजात पाने के लिए द्वारका सेक्टर-3 स्थित मधु विहार वार्ड में महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में मधु विहार वार्ड, राजापुरी, भरत विहार, विश्वाश पार्क, राजापुरी, महावीर इनक्लेव, साध नगर, अर्जुन नगर, पालम एक्सटेंशन, बिजवासन एवं आस पास के इलाकों के लोग, प्रधान, आरडब्ल्यूए के अलावा अन्य लोग शामिल हुए। महापंचायत में बिजली, पानी, सीवर जाम, ट्रैफिक जाम, इलाके में बढ़ती चोरी, दिल्ली नगर निगम द्वारा असवैधानिक हाउस टैक्स चालान, सड़क बनाने में अनियमितिता आदि घटनाओं का मुद्दा जोर सोर से उठा।  महापंचायत की अध्यक्षता मधु विहार आरडब्ल्यूए के प्रधान एवं फेडरेशन ऑफ साउथ एंड वेस्ट डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर फोरम के चेयरमैन रणबीर सिंह सोलंकी ने किया। इन्होंने सभी की समस्याएं सुनीं। फेडरेशन के चेयरमैन रणबीर सोलंकी ने कहा कि क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या सीवर ओवर फ्लो की है क्योंकि अनियमित तरीके से डाले गए सीवर ध्वस्त हो गया है जिससे लोगों के घरों में एक फुट तक गंदा पानी भर गया है ऐसे में वहां के लोगों का जीवन यापन की क्या स्थिति है यह सोचने

वायु प्रदूषण से बढ़ती मौतें बेहद चिंताजनक

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० ज्ञानेन्द्र रावत ०  समूची दुनिया प्रदूषण की भीषण चपेट में है। दुनिया के 15 शहरों और दक्षिण एशिया के 18 शहरों में वायु प्रदूषण की भयावह स्थिति ने सबको हैरत में डाल दिया है। जबकि समूची दुनिया में खराब वायु गुणवत्ता के कारण हर साल तकरीब 60 लाख से कहीं ज्यादा लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं। यहां यह भी जान लेना जरूरी है कि वायु प्रदूषण से कई जानलेवा बीमारियां यथा अस्थमा, कैंसर, हृदय रोग व फेफडे़ सम्बंधी बीमारियां पैदा होती हैं। सबसे खतरनाक बात यह है कि वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का आंकडा़ लगातार बढ़ता ही जा रहा है।  यूनीवर्सिटी आफ लंदन के वैज्ञानिकों द्वारा किये गये शोध में इसका खुलासा हुआ है। जहां तक दक्षिण एशियाई देशों का सवाल है, यहां के विकसित शहरों में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का आंकडा़ डेढ़ लाख को पार कर गया है। वैज्ञानिकों ने आशंका व्यक्त की है कि एशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के 18 शहरों में रहने वाले लाखों लोगों की मौत वायु प्रदूषण के चलते समय से पहले हो सकती है। शोधकर्ता वैज्ञानिकों ने नासा से जुटाये गयेआंकडो़ं के आधार पर प्रदूषण सम्बंधी मौतों के लिए नाइट्रोजन डाईआ