संदेश

दिसंबर 5, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हिसार में सामुदायिक रेडियो स्टेशन 90.0 'भव्यवाणी' का उद्घाटन

चित्र
० संवाददाता द्वारा ०  हिसार , हरियाणा - पत्रकारिता और जनसंचार विभाग, ओम स्टर्लिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी, हिसार में स्थापित सामुदायिक रेडियो स्टेशन 90.0 'भव्यवाणी' का उद्घाटन किया। दीक्षांत समारोह में हिसार के लोकसभा सदस्य बृजेंद्र सिंह, हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने युवाओं से आह्वान किया है कि वे सक्रिय और नवोन्मेषी बनें, नई तकनीक को अपनाएं, मजबूत नेटवर्क बनाएं और देश के विकास इंजन के रूप में स्वयं को कुशल, उन्नत कुशल व पुनःकुशल बनायें; क्योंकि भारत, दुनिया का विकास इंजन है। उन्होंने नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अंतर्गत बहु-विषयक दृष्टिकोण के माध्यम से समग्र ज्ञान-प्राप्ति के अनुभव पर जोर दिया, क्योंकि शिक्षा ही देश और लोगों के विकास का आधार होती है और अपने परिवार, देश और देशवासियों की समान रूप से सेवा करती है; क्योंकि मेधावी युवा, राष्ट्रीय संपत्ति होते हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा स्टार्ट-अप देश है।अनुराग सिंह ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में ओम स्टर्लिंग ग्लोबल यूनिवर

प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री की एफडीआई सीमा 74% करने की मांग की

चित्र
० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली-द सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री ( कापसी ) ने मांग की कि इस क्षेत्र में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट ( एफडीआई ) की सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% किया जाए. प्राइवेट सिक्योरिटी डे के अवसर पर यह मांग उठाते हुए CAPSI के चेयरमैन कुंवर विक्रम सिंह ने कहा कि प्राइवेट सिक्योरिटी day पूरे देश में मनाया जा रहा है. इस अवसर पर हम सरकार से यह मांग करते हैं कि इस क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% किया जाए. जिससे इस क्षेत्र को आधुनिक बनाने के साथ ही इस क्षेत्र को और उन्नत तथा डिजिटाइज करने में मदद हासिल हो. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में इस समय करीब एक करोड़ लोग कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि CAPSI ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है. जिसमें यह मांग की गई है कि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेगुलेशन एक्ट 2005 को संशोधित किया जाए. इसकी वजह यह है कि प्राइवेट सिक्योरिटी क्षेत्र में लगातार परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. हमारी एफडीआई में निवेश सीमा को बढ़ाने की मांग भी इस क्षेत्र के परिदृश्य में लगातार होते बदलाव का ही परिणाम है. उन्होंने कहा कि हम सरक

राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 में सीएसटीटी की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी - प्रो गिरीश नाथ झा

चित्र
० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग ,शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अध्यक्ष प्रो गिरीश नाथ झा ने प्रशासनिक शब्दावली के 9वीं संस्करण की विशेषज्ञ समिति की एक पांच दिवसीय बैठक में कहा कि यह आयोग भारत सरकार के मार्गदर्शन में भारतीय भाषाओं के संवर्धन तथा उन्नयन के लिए महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहा है । भारतीय शिक्षा नीति -2020 में भारतीय भाषाओं के महत्त्व पर विशेष ध्यान दिया गया है ।  यह आयोग भारतीय भाषाओं में शिक्षण के लिए संस्कृत को केंद्र में रखकर जिस शब्दावली का निर्माण कर रहा है उससे भारतीय सारी भाषाएं एक दूसरे के करीब आएंगी और उनकी सटीकता भी बनी रहेगी ।  इस प्रशासनिक शब्दावली के पुनर्वीक्षण का एक और यह उद्देश्य है कि भारतीय भाषाओं में जो समय समय पर नये शब्दों का निर्माण हो रहा ,उनको भी आयोग अपने विशेषज्ञों की सलाह पर इस प्रशासनिक शब्दावली में समाविष्ट करे । किसी भाषा में नये शब्दों के सहज ग्रहण से उसकी जीवंतता भी पुष्ट होती है। ऐसे शब्दकोशों के निर्माण से न केवल प्रशासनिक कार्यों में पर्याप्त सहायता मिलती है , बल्कि हिंदी अंग्रेजी़

मोहन लाल गुप्ता स्मृति व्याख्यान माला में प्रयाग शुक्ल देंगे व्याख्यान

चित्र
० आशा पटेल ०  जयपुर।  ‘कविता संभव’, ‘यह एक दिन है’, ‘अधूरी चीज़ें तमाम’, ‘बीते कितने बरस’, ‘यह जो हरा है’, ‘यहाँ कहाँ थी छाया’, ‘इस पृष्ठ पर’, ‘सुनयना फिर यह न कहना’ उनके काव्य-संग्रह हैं। ‘यानी कई वर्ष’ में उनके छह संग्रहों की कविताएँ संकलित की गई हैं। प्रतिनिधि कविताओं का संकलन ‘पचास कविताएँ’ में हुआ है। ‘ह्वाइल अ प्लेन ज़ूम्स पास्ट इन द स्काई’ अंग्रेज़ी में प्रकाशित काव्य-संग्रह है। जल महल के पास स्थित पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय म्यूज़ियम की ओर से आयोजित की जा रही मोहन लाल गुप्ता स्मृति व्याख्यान माला के तहत इस बार जाने-माने कवि, कथाकार और कला समीक्षक प्रयाग शुक्ल का व्याख्यान होगा। ये कार्यक्रम 10 दिसम्बर को जल महल स्थित म्यूजियम परिसर में आयोजित किया जाएगा जिसमें प्रयाग शुक्ल कला के बदलते स्वरूप पर अपने विचार व्यक्त करेंगे। इस दौरान वे राजस्थान की कला के बदलते स्वरूप को भी अपने व्याख्यान का माध्यम बनाएंगे। प्रयाग शुक्ल का जन्म 28 मई, 1940 को कलकत्ता, पश्चिम बंगाल में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा पुरखों के गाँव तिवारीपुर (ज़िला फ़तेहपुर, उत्तर प्रदेश) में हुई। आगे कोलकाता विश्वविद्यालय से स्न