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सालावास के सरकारी स्कूल में स्मार्ट क्लास रूम का भव्य उद्घाटन

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० संवाददाता द्वारा ०  जोधपुर । जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए सालावास गाँव की सरकारी स्कूल अचलदास बागरेचा राजकीय उ.मा. विद्यालय में उत्कर्ष क्लासेस के सह-संस्थापक तरुण गहलोत के जन्मदिवस के अवसर पर स्मार्ट क्लासरूम का भव्य उद्घाटन किया गया। 21 लाख की लागत से निर्मित इस स्मार्ट क्लासरूम एवं 04 लाख की लागत से स्थापित जनरेटर का लोकार्पण ओमप्रकाश गहलोत सहित संस्था के संस्थापक एवं निदेशक डॉ. निर्मल गहलोत, तरुण गहलोत और डॉ. दिनेश गहलोत की मेजबानी तथा बतौर निवेदक लूणी विधायक महेन्द्र बिश्नोई तथा जेएनवीयू के कुलपति प्रो. के. एल. श्रीवास्तव की उपस्थिति में मुख्य अतिथि रूप में आमंत्रित 13 शिक्षा संतों के कर-कमलों द्वारा किया गया।  समारोह में स्कूल के विद्यार्थियों सहित गाँव के कई गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। समारोह में मंच संचालन डॉ. दिनेश गहलोत ने किया।राजस्थानी परंपरा अनुसार किया गया सभी 13 शिक्षा संतों का सम्मान अपनी तरह के पहली बार हुए इस उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित आपणी पाठशाला के संस्थापक धर्मवीर जाखड़, समाज सेविका श्रीमति सुनीता चौधरी, प्राइड

मंच से उठा सवाल-आखिर कौन है भेड़िया

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० अशोक चतुर्वेदी ०  जयपुरः जवाहर कला केंद्र में पाक्षिक नाट्य योजना के तहत ‘खारू का खरा किस्सा’ नाटक का मंचन किया गया। प्रवीण शेखर के निर्देशन में कहानी मंच पर साकार हुई। नाटक भुवनेश्वर कृत कहानी ‘भेड़िए’ पर आधारित है। जिसका नाट्य रूपांतरण सुमन कुमार ने किया। खारू नामक पात्र के इर्द-गिर्द घूमता नाटक समाज में छिपे भेड़ियों की पड़ताल की तरह है। यूं चलती है कहानी... खारू व उसके पिता ग्वालियर की बांदियों को लेकर सौदे के लिए एक जंगल से गुजरते हैं। भेड़ियों का झुंड उनके पीछे पड़ जाता है। बचाव के लिए बांदियों को भेड़ियों के बीच फेंका जाता है। खारू के पिता बेटे को बचाने के लिए गाड़ी से कूद पड़ते हैं और भेड़ियों को मारते-मारते जान गंवा बैठते हैं।  यहाॅं दर्शाया गया कि किस तरह संपन्न वर्ग के लोग गरीबों को सामान या आगे बढ़ने का जरिया मात्र मानते हैं। वहीं पिता का प्रेम भी प्रदर्शित होता है। आगे खारू एक बांदी को भेड़ियों में धकेलने से पहले सिहर उठता है, वह बांदी जाने से पहले अपने गहने खारू को दे जाती है। इस दौरान इंसानी लगाव व प्रेम की झलकियाॅं नजर आई। जिजीविषा की बदौलत खारू भेड़ियों को अंगूठा दिखाते हुए आगे