मेरा संघर्ष बाहर की बजाए आंतरिक ज़्यादा रहा है - योगेश भारद्वाज
बॉलीवुड के उभरते कलाकार योगेश भारद्वाज एक सफल एक्टर होने के साथ साथ कवि और कहानीकार भी हैं। इनका जन्म रोहतक (हरियाणा) के एक छोटे से गांव 'बसाना' में हुआ। चूँकि इन्हें बचपन से ही गाने और भजन लिखने का शौक था उनके इस शौक ने उन्हें बहुत बड़ी जागरण पार्टी के साथ जुड़ने का मौक़ा दिलाया। इस जागरण पार्टी से वह चार साल जुड़े रहे जहाँ इनके भजनो की बहुत धूम रही। योगेश के अनुसार "कभी यह नहीं सोचा था कि बड़ा होकर कला ही मेरा व्यवसाय भी बनेगी। बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद रोहतक शहर के जाट कॉलेज में पढ़ने गया तो युवा महोत्सव के बारे में पता चला। एक नाटक करते हुए सिनेमा जगत के प्रसिद्ध अभिनेता जयदीप अहलावत से मिलना हुआ। उन्होंने मेरी प्रतिभा को देखते हुए कहा कि तुम इस क्षेत्र में अच्छा कर सकते हो। उनसे मैं इतना ज़्यादा प्रभावित हुआ कि मैंने अभिनय को अपनी जिंदगी बनाने का फ़ैसला कर लिया।"साल 2012 में योगेश रोहतक स्थित फ़िल्म संस्थान में अभिनय की पढ़ाई करने चले गए। वहाँ उन्हें समझ आया कि उनकी भूख 'प्रसिद्धि' की नहीं बल्कि 'सिद्धि' की है। वहाँ से पासआउट होने के बाद