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अप्रैल 28, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

स्कूल ऑफ़ गीता’ द्वारा स्कूली छात्रों के लिए ‘गीता कांटेस्ट जूनियर’

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० योगेश भट्ट ०  जयपुर एवं दौसा के बांदीकुई शहर में आयोजित प्रतियोगिता में अनेकों विद्यार्थियों ने भाग लिया । आज के समय मे यह बहुत ज़रूरी हो गया है की हमारे देश के बच्चे हमारी संस्कृति से जुड़ें और जीवन मे आगे बढ़े और इसके लिए हरे कृष्ण मूवमेंट जयपुर के स्कूल ऑफ़ गीता ने अनूठा प्रयास किया है | बच्चों को भगवदगीता की शिक्षाओं का सन्देश देंने के लिए हरे कृष्ण मूवमेंट एवं कृष्ण भावनामृत सेंटर के संयुक्त तत्वाधान में गीता कांटेस्ट जूनियर का आयोजन किया  जिसमे राजस्थान के अलग अलग जिलों के स्कूलों के हज़ारों छात्रों ने भाग लिया |इसमें जयपुर एवं दौसा के बांदीकुई शहर में आयोजित प्रतियोगिता में शामिल अनेकों विद्यार्थियों ने भाग लिया l गीता कांटेस्ट जूनियर में बच्चों ने बड़े उत्साह से भाग लिया और बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया, इसमें कक्षा पांच से लेकर कक्षा आठ के बच्चों को भगवान् कृष्ण और प्रभूपाद जी की किताबें पढने को दी गई जिन्हें पढ़कर उन्होंने परीक्षा दी | यह किताबें हमे यह सन्देश देती है की कैसे जीवन में संतुलन रखा जाए साथ ही यह हमे अपनी आध्यात्मिक जड़ों से जोडती हैं |  हरे कृष्ण मूवमेंट जयपुर के मीड

फिक्की फ्लो जयपुर चैप्टर करेगी जयपुर कला मेले की मेजबानी

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० आशा पटेल ०   जयपुर । फिक्की फ्लो जयपुर चैप्टर 4 और 5 मई को जयपुर  में राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में 'जयपुर कला मेले' का आयोजन करेगी। फिक्की फ्लो की चेयर पर्सन रघु श्री पोद्दार ने बताया कि कलात्मक अभिव्यक्तियों के एक विविध मिश्रण के साथ, जयपुर कला मेला कलाकारों के लिए एक मौका ले कर आया है, जो स्थापित और उभरते दोनों कलाकारों को चमकने के लिए एक मंच प्रदान करेगा और राजस्थान की जीवंत विरासत को प्रदर्शित करेगा। कला प्रेमी पारंपरिक राजस्थानी उत्कृष्ट कृतियों से लेकर स्थानीय विषयों की समकालीन व्याख्याओं तक, प्रदर्शन पर मौजूद कलाकृतियों की विविध श्रृंखला से मंत्रमुग्ध होने की उम्मीद कर सकते हैं। पूरे क्षेत्र के पुरस्कार विजेता कलाकार अपनी बेहतरीन रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे, जिससे आगंतुकों को राजस्थानी कलात्मकता की समृद्धि में एक अनूठा अवसर मिलेगा। उन्होनें बताया कि जयपुर कला मेले में इंटरैक्टिव अनुभवों के माध्यम से रचनात्मकता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दिखाई देगी। उपस्थित लोगों को अनुभवी कारीगरों द्वारा आयोजित आकर्षक कार्यशालाओं में भाग लेने का मौका मिलेगा, जहां वे पारंपरिक शिल्प

Uttrakhand गढ़वाली बोली नहीं बल्कि भाषा है Exclusive Interview Dr.Nand Ki...

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