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फ़रवरी 9, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

संवाददाता एवं साहित्यकार यश गोयल को 'काव्य-2020' सम्मान

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जयपुर - वरिष्ठ पत्रकार द ट्रिब्यून के विशेष संवाददाता एवं साहित्यकार यश गोयल को लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र मेंं मुख्यमंंत्री अशोक गहलोत, आर्ट-क्लचर-संस्कृति मंत्री डॉ बीडी कल्ला,और अंंतर्राष्टीय ख्याति प्राप्त साहित्यकार डॉ परीक्षित सिंह,मंंत्री भजन लाल जाटव ने एक विशेष कार्यक्रम में 'काव्य-2020' सम्मान प्रदान किया  ।                                                                                   कांग्रेस के कुशल राजनीतिज्ञ और काव्य संस्था के संयोजक राजीव अरोड़ा और काव्य संस्था के प्रमुख समन्वयक डॉ एस एन सिंह और अध्यक्ष वीर सक्सेना और महासचिव फारूक आफरीदी भी मंच पर साथ रहे।

तुम्हारे दु:ख दूर करने के लिए कल सुबह तुम्हारे घर आऊंगा

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संत कुमार गोस्वामी  किसी शहर में एक सेठ रहता था । किसी कारणवश उस बेचारे को अपने कारोबार में घाटा पड़ गया और वह गरीब हो गया । गरीब होने का उसे बहुत दुख हुआ था । इस दुख से तंग जाकर उसने सोचा कि इस जीवन से क्या लाभ? इससे तो मर जाना अच्छा है ।  यह सोचकर एक रात को वह सोया तो रात को उसे सपने में एक संन्यासी नजर आया जो उसे कह रहा था, 'सुनो, सेठ, तुम मरो मत, मैं तुम्हारे सारे दु:ख दूर करने के लिए कल सुबह तुम्हारे घर पर आऊंगा । तुम मेरे सिर पर डंडा मारना, मैं उसी समय सोने का बन जाऊंगा ।' संन्यासी की बात सुनकर दुःखी सेठ ने सोचा कि चलो एक बार और देख लेते है।  यही सोचकर वह सुबह से ही अपने घर पर बैठे संन्यासी की प्रतीक्षा करने लगा । उसका नौकर नाई भी उस समय उसके पास ही बैठा था । थोड़े ही क्षणों के पश्चात् जैसे ही यह संन्यासी सेठ को आता दिखाई दिया तो उसने झट से अपना डंडा उठाकर उसके सिर पर दे मारा ।  बस फिर क्या था, देखते-ही-देखते वह सोने का बनकर गिर पड़ा । उसे वहां से उठाकर खुशी से नाचता सेठ अंदर ले गया । उसने नाई को इनाम में कुछ रुपए देकर कहा, "तुम जाओ, लेकिन यह बात बाहर जाकर किसी से मत