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डीडी इंडिया का प्रसारण अब कोरिया में भी

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नयी दिल्ली - दूरदर्शन ने 15 सितंबर 2019 को अपनी स्‍थापना के 60 वर्ष पूरे कर लिए। इसी  दिन 1959 को दूरदर्शन की शुरुआत प्रायोगिक तौर पर की गई थी। अपने साठ साल का लंबा सफर तय करते हुए दूरदर्शन आज दुनिया के सबसे बड़े लोक प्रसारकों में से एक बन चुका है और राष्‍ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है । देश की कई पीढि़यां दूरदर्शन देखकर बड़ी हुई हैं। जहां तक समाचारों की विश्‍वसनीयता और लोक प्रसारक की भूमिका तथा मनोरंजन के माध्‍यम की बात है, दूरदर्शन का कोई मुकाबला नहीं है। रामायण, महाभारत, हम लोग, बुनियाद, मालगुड़ी डेज़ और उड़ान जैसे पुराने दौर के कार्यक्रमों से लेकर आज के समय में राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय घटनाओं की हाईटैक कवरेज तथा स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा और सशक्तिकरण जैसे विषयों पर प्रभावित कार्यक्रम का सवाल है दूरदर्शन सभी आयु वर्ग के लोगों का पसंदीदा प्रसारण माध्‍यम बना हुआ है। यह देश के सामाजिक ताने-बाने को समृद्ध बनाने में भी बड़ा योगदान कर रहा है। केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दूरदर्शन की स्‍थापना के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर नई दिल्‍ली में आयोजित समारोह में

सिंगल यूज़ प्लास्टिक को लेकर स्थिति साफ करे सरकार

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नयी दिल्ली - कैट ने कहा है कि  देश में केवल व्यापारी ही अकेले ऐसे हैं जिनके साथ देश के  130 करोड़ लोगों का सीधा सम्बन्ध रहता है और इस मुद्दे की सफलता में देश भर के लगभग 7 करोड़ से अधिक शॉपिंग आउटलेट प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। कैट ने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए 1 सितंबर, 2019 से एक देशव्यापी अभियान शुरू किया है, जिसमें देश भर के व्यापारियों को एकल प्लास्टिक को बेचने या खरीदने की सलाह दी गई है। व्यापारियों से यह भी कहा गया है की वो अपने ग्राहकों को सामान खरीदने के लिए स्वयं के बैग लाने की सलाह दें ! कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स  (कैट ) ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर को भेजे गए पत्र  में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने के आवाहन के सन्दर्भ में कहा है की  इस मुद्दे के विभिन्न पहलुओं को लेकर व्यापार एवं उद्योग में कई तरह के भ्रम बने हुए हैं जो यदि दूर नहीं किये गए तो सिंगल यूज़ प्लास्टिक को समाप्त करने पर कई तरह के अवरोधक बनेंगे ! कैट ने आग्रह किया है कि देश में एकल उपयोग प्लास्टिक को समाप्त करने के लिए पर्यावरण मं

इण्डिया गेट पर प्लास्टिक का बहिष्कार,सुखी रहे संसार अभियान

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नयी दिल्ली - सी 1 जनक पुरी नर्सरी एस डी एम सी स्कूल की प्रधानाचार्या सुजाता गुप्ता, सुषमा भंडारी नर्सरी विंग इंचार्ज पश्चिमी क्षेत्र ,इण्डिया गेट पर प्लास्टिक का बहिष्कार,सुखी रहे संसार,ये पन्क्तियां लिखी तख्ती के साथ जागरूकता के लिए , बच्चों द्वारा नाटक,भाषण प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर नर्सरी कक्षा का शकील नन्हा गजलकार की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। साथ ही वरिष्ठ अधिकारीयों के अलावा पश्चिमी क्षेत्र के डी डी ई रिषिपाल राणा,एस डी एम सी शिक्षा सीमिति की अध्यक्ष पुष्पा , मेयर सुनीता कांगड़ा ,नन्दिनी शर्मा समेत भारी संख्या में बच्चे तथा लोग ,अधिकारी ,अध्यापक प्लास्टिक मुक्त वातावरण अभियान का हिस्सा बने।   : 

गाय

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गाय जन जन का संकल्प यही है अब ये गाय न मरे हर मन का संकल्प यही है अब तो प्लास्टिक ही मरे                               सब जन रखें हाथ में थैला                              देश हमारा  न हो मैला                              प्लास्टिक का ये इस्तेमाल                              बन गया देखो मृत्यु- कालद गाय हमारी माता है ये हमको रखना होगा याद प्लास्टिक  विरुद्ध करें क्रान्ति बस यही है एक  फरियाद                               इसके कारण हो बीमारी                                मौत हमारी निश्चित है                                धरती से आकाश तलक                                सब कुछ प्लास्टिक पीडित है फिर क्यूं इसका साथ निभाएँ ऐसी क्या मजबूरी है इस पल से बस ठान यही लें इस से अपनी दूरी है                                 नित प्रलोभन देकर इसने                                 कैंसर सबको दे डाला                                 नाश करेगा ये दुनिया का                                 ये है जहरीली हाला अमर ज्योति के समक्ष  खड़ा प्रण एस डी एम सी लेता है शिक्षा विभाग का नन्हा बालक अब इसका प्रणेता ( रचयित

भीम ज्ञान चर्चा एवं महिलाओं की जाग्रति तथा उत्थान के लिए प्रोग्राम का आयोजन किया गया 

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नयी दिल्ली -कबीर आश्रम जन कल्याण परिषद,राजनगर।।,पालम कालोनी, नयी दिल्ली के तत्वावधान में भीम ज्ञान चर्चा एवं महिलाओं की जाग्रति तथा उत्थान के लिए विशेष प्रोग्राम का आयोजन किया गया।  प्रोग्राम में गाजियाबाद से आये ,मा. रमेश गौतम जी-भीम मिशन के प्रचारक एवं समाज सेवक,मा.भीम रत्न शकुन बौद्ध जी-संस्थापक प्रबुद्ध सेवा संस्थान(गाजियाबाद),एवं सुप्रसिद्ध समाज सेविका। .मा.ज्ञान दीपक पूनम बौद्ध जी -भीम मिशनरी। मा.मंजू गौतम -भीम मिशनरी। द्वारका से:मा.एडवोकेट आर.वी.सिंह जी-सुप्रसिद्ध समाज सेवी एवं भीम मिशनरी। राजनगर।।,पालम से,.मा.वी.पी.सिंह अध्यक्ष(कबीर आश्रम जन कल्याण परिषद) राजनगर।।,पालम। मा.एम.एस. पुष्कर सदस्य(अम्बेडकर समाज संघ),राजनगर।।,पालम। .आर.के.बौद्ध महासचिव(कबीर आश्रम जन कल्याण परिषद),राजनगर।।,पालम। प्रोग्राम में उपस्थित रहे सभी महिलाओं, बच्चों एवं पुरुषों को उपरोक्त सभी प्रबुद्ध लोगों ने अपने-2 विचारों से अवगत कराते हुए, अपने महापुरुषों के द्वारा बताये गए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया , खासकर महिलाओं के लिए अंधविश्वास एवं पाखणवाद से निजात दिलाने के लिए बहुत सारे टिप्स दिए गए।

7वां हम सब साथ साथ सोशल मीडिया मैत्री सम्मेलन एवं सम्मान समारोह भीलवाड़ा में होगा

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नयी दिल्ली - हम सब साथ साथ और सहयोगी संस्थाओं द्वारा प्रत्येक वर्ष पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण देश/नेपाल के अलग-अलग स्थानों पर सोशल मीडिया मैत्री सम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। इसमें प्रत्येक वर्ष देश-विदेश की विभिन्न कला क्षेत्रों की उत्कृष्ट चयनित प्रतिभाएं शामिल होकर अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं और विश्व बंधुत्व की भावना को प्रबल करती हैं।  इस वर्ष 7वां हम सब साथ साथ सोशल मीडिया मैत्री सम्मेलन एवं सम्मान समारोह विनायक विद्यापीठ, भीलवाड़ा (राज.) के सौजन्य से विद्यापीठ के मनोरम वातावरण में 24-25 दिसम्बर,2019 को प्रस्तावित है।  इसमें प्रदर्शन एवं सम्मान हेतु पहले आओ, पहले पाओ आधार पर साहित्य, संगीत (गायन, वादन, नृत्य), प्रदर्शन कला (चित्र, मूर्ति/क्राफ्ट कला आदि), सामाजिक लघु फ़िल्म, समाज सेवा आदि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी उत्कृष्ट प्रतिभाओं (विशेषकर, उत्कृष्ट छिपी प्रतिभाएं) की प्रविष्टियां उनके प्रमुख (1 या अधिकतम 2 क्षेत्र, जिसमें सिद्धहस्त हों) प्रदर्शन क्षेत्र के विवरण/प्रमाणों सहित नीचे दिए गए मेल पर आमन्त्रित हैं। प्रविष्टियां स्वयं/किसी

पितृ तो वटवृक्ष हैं

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।। पितृ देवो भव ।। पितृ तो वटबृक्ष हैं, उनकी जड़ हैं हम। उनके सुयोग्य कर्मो के, फलों से उत्पन्न हैं हम।।   जिनकी शाखाओं में हम झूले। जड़ चेतन से बढ़े कदम। पितृ तो वटबृक्ष हैं उनकी जड़ें है हम।। पितृ ऋण तो चुका न पायें, श्रद्धासुम चढ़ायें हम। स्मृति पटल पर चित्र तम्हारे। विस्मित न कर पायें हम।। अर्चन पूजा जब करनी थी, भूल भुलैया में थे हम। आशीष तुम्हारा सदा मिले, प्यार मिले हरदम।। मौसम आते जाते हैं, पितृ पक्ष का अनूठा दर्शन। सदा कृपा दृष्टि बनी रहे, समस्त पित्रो को कोटि-कोटि नमन।