संदेश

जयपुर बुकमार्क का शुभारम्भ :दुनिया भर से बुक इंडस्ट्री के स्टॉक होल्डर्स एकत्र

चित्र
जयपुर : प्रत्येक जनवरी, जब पूरी दुनिया जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शब्दों का जश्न मनाने आती है, तब फेस्टिवल के समानांतर चलने वाले जयपुर बुकमार्क में प्रकाशन के दिग्गज इकट्ठा होते हैं| जयपुर बुकमार्क, वेयर बुक्स मीन बिजनेस, लेखकों, साहित्यिक एजेंट्स, अनुवादकों, प्रकाशकों, डिजाइनर, मार्किट के लोगों, पब्लिसिस्ट, बुकसेलर्स और फेस्टिवल के ऑर्गनाइजर्स के साथ मिलकर प्रकाशन के नए विचारों पर अमल करता है| ये ऐसा प्लेटफार्म है, जहाँ किताबों के व्यावसायिक पहलु पर विचार किया जाता है, इस मंच पर अनुवाद के अधिकारों की भी अदला-बदली होती है, जो हमेशा से जेबीएम का फोकस रहा है| जयपुर बुकमार्क के 7वें संस्करण का आयोजन 22 से 25 जनवरी को किया जायेगा| जयपुर बुकमार्क (जेबीएम) दुनियाभर से बुक इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स को एकत्र करता है| ये संवाद को प्रेरित कर, प्रकाशन से जुड़े सत्रों के साथ ही राउंडटेबल सत्रों के साथ ऐसा मंच देता है, जहाँ आमने-सामने की मीटिंग्स, नेटवर्किंग और बिजनेस संभावनाओं पर बात की जाती है| उद्घाटन संबोधन नोर्वे के राजदूत हेंस जैकब फ्राईडेनले ने दिया| उद्घाटन के समय नीता गुप्ता, नमिता गोखल

"रेत होते रिश्ते" दरकते रिश्तों की,सामाजिक,पारिवारिक जीवन की झलक

चित्र
पुस्तक - रेत होते रिश्ते   (माननीय राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत ) लेखिका -- डॉक्टर मुक्ता ,प्रकाशक -पेसिफिक बुक्स इन्टरनेशनल  पृष्ठ -128,मूल्य - ₹ 220/- समीक्षक - सुरेखा शर्मा मैं यहाँ कैसे आ गई ? शायद मेरे पति ने मुझे मृत समझ कर यहां फेंक दिया होगा ताकि उसे क्रिया-कर्म करने से छुटकारा मिल जाए।परन्तु मैं अभागिन बच गई ।शायद मेरे कर्मों का लेखा-जोखा पूरा नहीं हुआ ।न जाने कितने दिन तक दुख सहने हैं ?' ये कुछ अंश हैं लघुकथा संग्रह की कहानी 'सुक़ून की तलाश ' के जो पुस्तक पढ़ने के बाद भी मन मस्तिष्क को कुरेदते रहते हैं। रेत होते रिश्ते की रचनाएँ भाव-भूमि पर रची गई हैं।जो सहज व सरल होने के साथ -साथ वैचारिक रूप से प्रखर और उद्वेलित करती हैं।    ' रेत होते रिश्ते 'संग्रह में 127 लघु भावकथा हैं।जिनमें दरकते रिश्तों की, सामाजिक, पारिवारिक जनजीवन की झलक स्पष्ट मिलती है। ये भावकथाएँ हर वर्ग के  मानव को उसके अस्तित्व से परिचित करवाने में सफल हुई हैं। लेखिका ने अपने लेखन में जीवन में होने वाली हर छोटी-बड़ी घटनाओं को बहुत ही सहज व सार्थक भावाभिव्यक्ति के बाद हमारे समक्ष यह भावकथा संग

संस्कार :

चित्र
संत कुमार गोस्वामी एक गांव में एक बहुत समझदार और संस्कारी औरत रहती थी।एक बार वह अपने बेटे के साथ सुबह-सुबह कहीं जा रही थी तभी एक पागल औरत उन दोनों मां-बेटे के रास्ते में आ गई और उस लड़के की मां को बहुत बुरा-भला कहने लगी।इस पागल औरत ने लड़के की मां को बहुत सारे अपशब्द कहे लेकिन फिर भी उस औरत की बातों का मां पर कोई असर नहीं हुआ और वह मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गई।* जब उस पागल औरत ने देखा कि इस औरत पर तो उसकी बातों का कोई असर ही नहीं हो रहा है, तो वह और भी गुस्सा हो गई और उसने सोचा कि मैं और ज्यादा बुरा बोलती हूं।अब वो पागल औरत उस लड़के की मां,उसके पति और परिवार के लिए भला-बुरा कहने लगी।लड़के की मां फिर भी बिना कुछ बोले आगे बढ़ते रही।काफी देर भला-बुरा कहने के बाद भी जब सामने से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो पागल औरत थककर लड़के की मां के रास्ते से हट गई और दूसरे रास्ते पर चली गई। उस औरत के जाते ही बेटे ने अपनी मां से पूछा कि मां उस औरत ने आपको इतना बुरा-भला कहा,पिताजी और घर के अन्य लोगों तक के लिए बुरी बातें कही, आपने उस दुष्ट की बातों का कोई जवाब क्यों नहीं दिया?वो औरत कुछ भी जो मन में आया बोलती

सिवान डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र छात्राओं को 19 मेडल

चित्र
छपरा - पांचवा दीक्षांत समारोह का आयोजन जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा में संपन्न हुआ सिवान डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र छात्राओं को 19 मेडल पर कब्जा जमाया। डीएवी पीजी कॉलेज की प्राचार्य अजय कुमार पंडित के अनुसार सत्र 2015 से 2017 2014 से 2016 के छात्र छात्राओं को मिला। नूर आलम भूगोल,शाजिया इमाम,रसायन शास्त्र,भूगोलआफ़ताब ,इतिहास संदीप कुमार,हिंदी प्रियंका कुमारी,गणित अर्पणा कुमारी, भौतिकी पूजा कुमारी,राजनीति विज्ञानं के किरण कुमारी, साइकोलॉजी ब्यूटी कुमारी को स्वर्ण पदक  विश्वविद्यालय के प्रांगण में दिया गया। 2014 सत्र अर्थशास्त्र की श्रुति निगम इतिहास की अलंकृता राज, राजनीतिक विज्ञान की हिना खाहम, उर्दू की नाहिदा परवीन, जूलॉजी की नीलू कुमारी स्वर्ण पदक मिला। वही हिंदी विषय में अभयतोष गिरि को मिला इन से खास बातचीत हुआ इन्होंनेj बताया इसके लिए अथक परिश्रम करना पड़ा आज यह गोल्ड मेडल मिला लिए आप लोगों का स्नेह आशीर्वाद का देन है। 

Exclusive Interview with Poet/Writer/Artist ANJU MOTWANI

चित्र

डिजिटल पेमेंटस के मामले में दिल्ली दूसरे स्थान पर

चित्र
नयी दिल्ली - फुल-स्टैक फाइनेंशियल कंपनी, रेजरपे ने ‘द एरा ऑफ राइजिंग फिनटेक’ रिपोर्ट का चौथा संस्करण लॉन्च किया। यह रिपोर्ट भारत में तेजी से विकसित हो रहे फिनटेक इकोसिस्टम का गहन अध्ययन प्रदान करती है। रिपोर्ट  डिजिटल लेनदेन के पैटर्न और यूपीआई जैसे उद्योग नवाचारों के प्रभाव का विश्लेषण करती है जो इस डिजिटल समावेशी अर्थव्यवस्था का उपयोग कर रहे हैं। इस रिपोर्ट  के सभी निष्कर्ष जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 तक रेजरपे प्लेटफार्म पर हुए लेनदेन पर आधारित हैं। दिलचस्प बात यह है कि पिछले डेढ़ साल में, बीमा और म्यूचुअल फंड जैसे पारंपरिक क्षेत्र भी भुगतान स्वीकृति के लिए ऑनलाइन तरीकों को अपना रहे हैं। 2019 में, वित्तीय सेवा क्षेत्र में 12 फीसदी की वृद्धि हुई, 80 फीसदी हिस्सा ऑनलाइन क्रेडिट से, 14 फीसदी बीमा से और 5 फीसदी म्यूचुअल फंड से आया। रेजरपे के सीईओ और को-फाउंडर श्री हर्षिल माथुर ने कहा, ‘पिछले साल दिल्ली में फिनटेक क्षेत्र के लिए काफी जोर रहा, नए डिजिटल भुगतान मोड को अपनाने के साथ, डिजिटल मुद्रा को मुख्यधारा में लाया गया है। और पिछले छह महीनों में क्षेत्र में डिजिटल भुगतान के व्यवसायों और उ

एआई-संचालित डीप टेक वर्नाकुलर स्टार्टअप इनस्टोरीड को एसओएसवी से मिली फंडिंग

चित्र
किसी भी प्लेटफ़ॉर्म पर टूल को इंटिग्रेट करने में मदद करने के लिए इनस्टोरीड ने वेब एप्लिकेशन और एपीआई बनाए हैं, और यह कई भाषाई यूजर्स के लिए टूल का लाइसेंस बेचता है। वर्तमान में यह टूल अंग्रेजी और हिंदी में उपलब्ध है। इनस्टोरीड के सॉल्युशन कंटेंट मार्केट के लिए हैं, जिसकी मार्केट वैल्यू 300 बिलियन डॉलर है। नयी दिल्ली - : एआई-संचालित डीप टेक कंटेंट स्टार्टअप इनस्टोरीड ने एसओएसवी और पूरी दुनिया में स्टार्टअप्स को सीड फंडिंग उपलब्ध कराने वाले शंघाई-बेस्ड चाइनाएक्सीलेटर से निवेश प्राप्त हुआ है। इनस्टोरीड ब्रांड्स को उनके कंटेंट से ग्राहकों के दिमाग पर पड़ने वाले भावनात्मक असर के बारे में बताता है। एसओएसवी ने अब तक 940 स्टार्टअप्स में फंडिंग की है। इनस्टोरीड का टूल ब्रांड के इमोशन कोशंट को पहचानकर तथा उनके लिए अनुकूलित सिफारिशें देकर अपने ग्राहकों की भावनात्मक जरूरतों को टारगेट करने में मदद करता है, जिससे एआई का उपयोग करके रियलटाइम में एंगेजमेंट और कंटेंट प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। किसी भी प्लेटफ़ॉर्म पर टूल को इंटिग्रेट करने में मदद करने के लिए इनस्टोरीड ने वेब एप्लिकेशन और एपीआई बनाए हैं, और