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डाॅ.कल्पना पाण्डेय की सद्य प्रकाशित कृति 'अनावरण' हृदय को उन्मुक्त और अनावृत किया

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०  शकुंतला मित्तल ०  प्रतिष्ठित,वरिष्ठ साहित्यकार ,अति विनम्र,स्नेहिल व्यक्तित्व और मृदु भाषी मेरी छोटी बहन समान आदरणीया प्रिय कल्पना पाण्डेय जी की पुस्तक कुछ समय पूर्व प्राप्त हुई।तत्काल पढ़ कर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहती थी पर फोन के टंकण में कुछ तकनीकी खराबी आ गई। लीजिए प्रस्तुत है मेरी समीक्षा एक वरिष्ठ साहित्यकार की पुस्तक अनावरण के लिए हृदय की मुक्तावस्था का सफर कराती कविताएँ हैं अनावरण वरिष्ठ कवयित्री और साहित्यकार डाॅ.कल्पना पाण्डेय  की सद्य प्रकाशित कृति 'अनावरण' मेरे पास आई तो शीर्षक पढ़ते ही हृदय में आचार्य रामचंद्र शुक्ल का यह कथन गूंज उठा," हृदय की मुक्तावस्था रसदशा कहलाती है और हृदय की इसी मुक्ति की साधना के लिए मनुष्य की वाणी जो शब्द विधान करती आई है,उसे कविता कहते हैं।" मैंने उत्सुकतावश कवयित्री की कविताओं को पढ़ते हुए उनके रचना संसार में प्रवेश किया तो इस बात को गहराई से अनुभूत किया कि डाॅ कल्पना पाण्डेय ने हृदय पर चढ़े स्वार्थ,लोभ,मोह अपना-पराया के सभी आवरण उतार कर हृदय को पहले उन्मुक्त और अनावृत किया है और समाज,देश,प्रकृति सबके साथ शुद्ध भावनात्मक

एफआईएमटी कालेज में कामनवेल्थ गेम्स डाक्यूमेंट्री फिल्म का पोस्टर एवं टीजर लॉन्च

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली -  एफआईएमटी- पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के स्टूडेंट्स द्वारा कामनवेल्थ गेम्स पर निर्मित डाक्यूमेंट्री का पोस्टर एवं टीजर कालेज की निदेशक डॉ सरोज व्यास ने लांच किया।गौरतलब है कि लेखक-पत्रकार-एसिसटेंट प्रोफेसर एस.एस.डोगरा के निर्देशन में बारह विद्यार्थियों की टीम ने मिलकर "एन एमेजिंग जर्नी आफ कामनवेल्थ गेम्स" डाक्यूमेंट्री को दो महीने की मेहनत से तैयार किया है। इस अवसर पर, डॉ.प्रोफेसर एस.पी.सिंह, डॉ शालिनी कुमार, डॉ शिखा शर्मा, एसिस्टेंट प्रोफेसर अनुप्रिया, सुषमा, पूजा सहित विद्यार्थियों रमन, अक्षय,ईशा,युक्ता, आदित्य, प्रखर,आर्यन, संजनी, हार्दिक ने भी उपस्थित रहकर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। डॉ सरोज व्यास ने अपने संबोधन में उक्त उपलब्धि के लिए पूरे बीजेएमसी विभाग तथा विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की।

आजादी के अमृत महोत्सव में गुमनाम नायकों की प्रतिष्ठा

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : भारत अपनी आजादी के अमृत महोत्सव में कुशल राजनीतिक नेतृत्व के कारण सभी जगह और हर मोर्चे पर प्रतिष्ठित हो रहा है। सुनियोजित दुष्प्रचार के जरिए जो विमर्श गढ़े गए उनकी कलई खुल रही है। सत्ता के इशारे पर चाहे राजशाही ने हो या लोकतांत्रिक निरंकुशता ने ,जिसने भी देश की आजादी के महानायकों को हाशिए पर पहुंचाया ,देश उनकी वास्तविकता को भांपकर अब धूल चटा रहा है । अपने एक ही जीवन में मृत्युदंड की सजा पाने वाले वीर दामोदर सावरकर हों या 84 दिन की भूख हड़ताल कर अंग्रेजी दासता और निरंकुश राजशाही के विरुद्ध बिगुल बजाने वाले टिहरी के मुक्तिनायक अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन।  इस परंपरा के असंख्य राष्ट्रभक्तों के सत्कर्म और समर्पण कोई नहीं भुला सकता। देश में नई शिक्षा नीति में मातृभाषा पर जोर देने के साथ ऐसे गुमनाम ऐतिहासिक प्रेरक व्यक्तित्वों के अध्ययन पर अमल आजादी के अमृत पर्व पर हो रहा है। ये विचार स्वातंत्र्यवीर श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर पर्वतीय लोकविकास समिति और हिम उत्तरायणी पत्रिका द्वारा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में "आजादी का अमृत महोत्सव और सुमन की टिहरी"विषय पर आयो

नेप - 2020 को लेकर सीएसयू तथा इग्नू के बीच मेमोरेंडम औफ अन्डरस्टेंडिंग -कुलपति प्रो वरखेड़ी '

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली । कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तथा इग्नू के बीच एक ' समझौता ज्ञापन ' के अवसर पर बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यह समझौता तो अग्नि की तरह संकेतित है जो वस्तुत: चेतना की तरह काम करेगी । उन्होंने कहा कि इग्नू जहां दुनिया की प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है ,वहीं केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भी संस्कृत के डोमेन में सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है । अतः दोनों विश्वविद्यालयों के इस पांच वर्षीय अकादमिक समझौते से संस्कृत वैश्विक स्तर पर पहुंचेगी । इसके लिए हर संभव यह प्रयास करना होगा कि इसका लाभ संस्कृत के प्रति छात्र-छात्रा तक पहुंच सके । अतः विश्वविद्यालय के सभी परिसरों में छात्र -छात्रा के लिए सजगता अभियान भी चलाना होगा क्योंकि अपने विश्वविद्यालय के द्वारा उठाया गया कोई भी कदम का प्रभाव बड़ा ही प्रभावी तथा दूरगामी होता है ।प्रो वरखेड़ी ने यह भी कहा कि यह समझौता ज्ञापन राष्ट्रिय शिक्षा नीति - 2020 को ध्यान में रखते हुए किया गया है जिसके माध्यम से संस्कृत को लेकर मल्टी डीसीप्लीनरी (भगनी भाषा) पाठ्यक्रम बनाने पर भी बल दे

प्रेगनेंसी को बेहतर बनाने के लिए ये डाइट गर्भवती महिलाओं के लिए होगी वरदान - डॉ चंचल शर्मा

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स्वस्थ आहार गर्भवती माँ और गर्भस्थशिशु दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला जो खाती और पीती है वह उसके बच्चे के पोषण का मुख्य स्रोत है। आशा आयुर्वेदा के डाइट विशेषज्ञ विशेषज्ञ सलाह देते हैं। कि होने वाली मां के आहार में विभिन्न प्रकार के स्वस्थ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ शामिल होने चाहिए। ताकि बच्चे के विकास के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान किए जा सकें। हमारे देश में करीब 35 लाख शिशु आसामयिक (untimely) (सही समय से पहले) जन्म लेते हैं, 15 लाख बच्चे विकार लेकर पैदा होते हैं, और हर साल 10 लाख बच्चों को विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाइयों (एसएनसीयू) से छुट्टी दी जाती है। ऐसे नवजात शिशुओं को मृत्यु, स्टंटिंग और विकास में देरी का बहुत अधिक जोखिम होता है। आज प्रेगनेंसी डाइट की जागरुकता के कारण भारत ने newborn babies की मृत्यु दर कम करने में उन्नति की है। नवजात शिशुओं की मृत्यु में भारत की हिस्सेेदारी, जो वर्ष 1990 में दुनिया में नवजात शिशुओं की मृत्यु का एक तिहाई थी, आज कुल एक चौथाई से भी कम है। वर्ष 1990 की तुलना में वर्ष 2016 में भारत में हर महीने , new

टीसीएल ने मिनी एलईडी क्यूएलईडी टीवी के दम पर अपनी नेतृत्‍व क्षमता को मजबूत किया

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली  : कंपनी की रचनात्‍मकता और नवाचार की संस्कृति से प्रेरित होकर, टीसीएल ने पिछले चार दशकों में काफी तेज रफ्तार से विकास किया है और आज यह दुनिया भर के टीवी उद्योग में दिग्गज कंपनियों में से एक बन चुकी है। वर्टिकल एकीकृत क्षमताओं के साथ कंपनी के अलग-अलग उत्‍पाद बाजार में हैं, जिसमें कई पुरस्कार विजेता टीवी और ऑडियो होम एप्लायंसेज भी शामिल हैं। इन सबकी बदौलत, टीसीएल आज दुनिया भर में नंबर वन एंड्रॉयड स्मार्ट टीवी ब्रांड है। एलसीडी डिस्प्ले का भविष्‍य : मिनी एलईडी टेक्‍नोलॉजी हाई कॉन्ट्रास्ट, बेहतरीन चमक और अल्‍ट्रा-थिन प्रोफाइल एवं कई लोकल डिमिंग जोन्‍स के साथ, मिनी एलईडी टेक्‍नोलॉजी टीसीएल 2022 टीवी को असाधारण पिक्चर और कलर क्वॉलिटी से लैस करती है। इससे फास्ट मूविंग इमेज (जैसे स्पीड स्पोटर्स के विडियो या एक्शन फिल्मों) काफी परफेक्ट, खूबसूरत और सहज रूप में टीवी पर प्रसारित होती है। इसमें किसी तरह की झिलमिलाहट नहीं होती और न ही तस्वीरें हिलती हुई दिखाई देती हैं। 2018 से, टीसीएल को मिनी एलईडी टेक्‍नोलॉजी में अपनी उपलब्धियों पर गर्व है। कंपनी की कई मीडिया और प्रोफेशन

डी डी ए की जो पालिसी 2013 में बनी उसे अभी तक लागू नही किया गया

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली,  हमारे देश के विकास और विकास में योगदान देने के उद्देश्य से कई सोसाइटी और हाउसिंग सोसाइटीज सदस्यों की मदद करती हैं।आज भारत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में अपना स्वर्णिम काल देख रहा है, जिन्हें एक महान दूरदर्शी नेता होने के लिए दुनिया भर में सराहा गया है। वह हमेशा समाज द्वारा इन निस्वार्थ गतिविधियों की बहुत सराहना करता है। हाउसिंग सोसाइटी सदस्यों का समर्थन करने और एक समुदाय बनाने के लिए मौजूद है। आवास सहकारी समिति का मुख्य उद्देश्य भूमि खरीदना, भवन निर्माण करना और सदस्यों को उसे आवंटित करना है। भारत आजादी के 75वें वर्ष को मनाने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इस वर्ष हमारे संगठन "नारी शक्ति महिला कल्याण चैरिटेबल ट्रस्ट" ने समाज के लिए एक जागरूकता आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस मौके पर मौजूद मुख्य वक्ता व जानकर सी एस एस ओ एस (सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विसेज ऑफीसर्स सोसाइटी) के प्रेसिडेंट नेह श्रीवास्तव ने कहा कि आज दिल्ली में डी डी ए के फ्लैट की कीमत हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट से भी कही महंगे हो गए है।आज डी डी ए को जरूरत है अपने लैंड