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फिल्म "हम तो हुए हैं तुम्हारे" 27 सितंबर को होगी रिलीज़

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हिंदी फीचर फिल्म "हम तो हुए हैं तुम्हारे" 27 सितंबर को रिलीज़ हो रही है। यह फिल्म मनोरंजन से भरपूर है, फिल्म की कहानी,गीत,संगीत दर्शकों को पसंद आएगी ऐसी आशा की जा रही है।  फिल्म के स्टार कास्ट में अजीत पंडित ,आशिमा शर्मा तथा हनी शर्मा प्रमुख भूमिका में हैं।  आयुषी नैना फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फिल्म की शूटिंग कानपुर ,उत्तर प्रदेश की है। फिल्म के डायरेक्टर दीपक ए त्रिपाठी ने कहा है कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अपनी एक अलग पहचान बनाएगी वह दर्शकों से कहना चाहते है कि इस फिल्म को देखे ,एक अलग तरह की स्टोरी आपको देखने को मिलेगी।  इस फिल्म में गायक कुमार शानु ,उदित नारायण और खुशबु जैन की आवाज़ में कई बेहतरीन गीत हैं साथ ही अविनाश पाठक का सुन्दर संगीत और सुशील कुमार के लिखे गीत हैं। इस फिल्म के प्रोड्यूसर सुधीर तिवारी ,सारिका मिश्रा तथा भानु त्रिवेदी। सिनेमाटोग्राफी शिवा चौधरी का है..

उत्तराखंड में पंचायती चुनाव का शंखनाद आरंभ

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उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायती राज का शंखनाद आरंभ हो गया है। प्रत्याशियों का प्रचार लोकलुभावन व्याख्यानों विज्ञापनों के साथ साथ डोर टु डोर अपने और अपने सहयोगियों से चरम सीमा पर है।  जनपद पौड़ी गढ़वाल के थाना क्षेत्र सतपुली में  चार सौ पेटी शराब की पकड़ी गई हैं  यह पता नहीं लगा कि यह शराब कहां परोसी जानी थी, और इस का उपभोक्ता कौन है। ये तो सारी मिली भगत का स्वरूप है।  यह भी समाचार है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से जो प्रत्याशी हैं ही छोटे बाजारों में निवासित उम्मीदवार हैं। राजनीति के पंडित वोट के लिए उन्हें वोटर लिस्ट में शामिल कर लेते हैं। इस आधार पर उनका अधिकार बनता ही है उत्तराखंडी जब पलायन कर रहा है और ये लोग धंधे के रूप में उत्तराखंड में निवासित हैं साथ ही समाज से धुल मिल रहे हैं जिन लोगों ने इन्हें बसाया सारी गलती उनकी है। स्वत्रंता के पश्चात ग्राम पंचायतों में केवल मात्र  जन्म मृत्यु का विवरण मात्र , किसानों को प्रशिक्षण दिलना तथा अधिक से अधिक सैकड़ों में देय धन पर विकास का कार्य पानी रास्तों का सुधारीकरण था।जो बर्तमान में करोड़ों और लाखों रूपयों में करवा जाता है। तब भारत के प्र

जॉब करने वाली स्त्रियों के फैशन जॉब

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जॉब परिवार को चलाने की एक गाड़ी है जिसमें जीवन के सब सपने हैं और इस गाड़ी को पहले घर के मुखिया यानि पुरुषवर्ग चलाता था । तब छोटे छोटे सपने छोटे छोटे खर्च होते थे किन्तु अब इस युग में जहां अबला , सबला बन चुकी हैं, पढ़ाई में अव्वल आ रहीं हैं ,वहीं पुरुषों के साथ प्रत्येक क्षेत्र में कन्धे से कन्धा मिला कर चल रही हैं । गृहस्थी की गाड़ी चलाने में भी स्त्रियां पुरुषों का भरपूर साथ दे रही हैं। जॉब का सम्बन्ध समाज के प्रत्येक तबके से है। इस को कई हिस्सों में बांटा जा सकता है ।  गरीब वर्ग----यहां स्त्रियाँ घरों में चौका बरतन करती हैं फैक्ट्रियों में काम करती हैं । अपनी योग्यता अनुरूप कोई न कोई काम ढूंड ही लेती हैं अपने ,अपने बच्चों के , परिवार के सपने पूरा करने की कोशिश करती हैं।यहां स्त्रियां अधिकतर शादीशुदा होती हैं। मध्यम वर्ग------यहां स्त्रियाँ शादीशुदा व कुंवारी दोनों होती हैं। शादीशुदा वर्तमान संवारने का प्रयास करती हैं और कुंवारी आगामी सपनों को पूरा करने के लिये तत्पर रह्ती हैंं।  इनको हम कई वर्गों में विभक्त कर सकते हैं। एक वे जो काफी शिक्षित होती हैं और उंचे पदों पर विराजमान होती हैं जैस

डीडी इंडिया का प्रसारण अब कोरिया में भी

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नयी दिल्ली - दूरदर्शन ने 15 सितंबर 2019 को अपनी स्‍थापना के 60 वर्ष पूरे कर लिए। इसी  दिन 1959 को दूरदर्शन की शुरुआत प्रायोगिक तौर पर की गई थी। अपने साठ साल का लंबा सफर तय करते हुए दूरदर्शन आज दुनिया के सबसे बड़े लोक प्रसारकों में से एक बन चुका है और राष्‍ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है । देश की कई पीढि़यां दूरदर्शन देखकर बड़ी हुई हैं। जहां तक समाचारों की विश्‍वसनीयता और लोक प्रसारक की भूमिका तथा मनोरंजन के माध्‍यम की बात है, दूरदर्शन का कोई मुकाबला नहीं है। रामायण, महाभारत, हम लोग, बुनियाद, मालगुड़ी डेज़ और उड़ान जैसे पुराने दौर के कार्यक्रमों से लेकर आज के समय में राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय घटनाओं की हाईटैक कवरेज तथा स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा और सशक्तिकरण जैसे विषयों पर प्रभावित कार्यक्रम का सवाल है दूरदर्शन सभी आयु वर्ग के लोगों का पसंदीदा प्रसारण माध्‍यम बना हुआ है। यह देश के सामाजिक ताने-बाने को समृद्ध बनाने में भी बड़ा योगदान कर रहा है। केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दूरदर्शन की स्‍थापना के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर नई दिल्‍ली में आयोजित समारोह में

सिंगल यूज़ प्लास्टिक को लेकर स्थिति साफ करे सरकार

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नयी दिल्ली - कैट ने कहा है कि  देश में केवल व्यापारी ही अकेले ऐसे हैं जिनके साथ देश के  130 करोड़ लोगों का सीधा सम्बन्ध रहता है और इस मुद्दे की सफलता में देश भर के लगभग 7 करोड़ से अधिक शॉपिंग आउटलेट प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। कैट ने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए 1 सितंबर, 2019 से एक देशव्यापी अभियान शुरू किया है, जिसमें देश भर के व्यापारियों को एकल प्लास्टिक को बेचने या खरीदने की सलाह दी गई है। व्यापारियों से यह भी कहा गया है की वो अपने ग्राहकों को सामान खरीदने के लिए स्वयं के बैग लाने की सलाह दें ! कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स  (कैट ) ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर को भेजे गए पत्र  में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने के आवाहन के सन्दर्भ में कहा है की  इस मुद्दे के विभिन्न पहलुओं को लेकर व्यापार एवं उद्योग में कई तरह के भ्रम बने हुए हैं जो यदि दूर नहीं किये गए तो सिंगल यूज़ प्लास्टिक को समाप्त करने पर कई तरह के अवरोधक बनेंगे ! कैट ने आग्रह किया है कि देश में एकल उपयोग प्लास्टिक को समाप्त करने के लिए पर्यावरण मं

इण्डिया गेट पर प्लास्टिक का बहिष्कार,सुखी रहे संसार अभियान

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नयी दिल्ली - सी 1 जनक पुरी नर्सरी एस डी एम सी स्कूल की प्रधानाचार्या सुजाता गुप्ता, सुषमा भंडारी नर्सरी विंग इंचार्ज पश्चिमी क्षेत्र ,इण्डिया गेट पर प्लास्टिक का बहिष्कार,सुखी रहे संसार,ये पन्क्तियां लिखी तख्ती के साथ जागरूकता के लिए , बच्चों द्वारा नाटक,भाषण प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर नर्सरी कक्षा का शकील नन्हा गजलकार की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। साथ ही वरिष्ठ अधिकारीयों के अलावा पश्चिमी क्षेत्र के डी डी ई रिषिपाल राणा,एस डी एम सी शिक्षा सीमिति की अध्यक्ष पुष्पा , मेयर सुनीता कांगड़ा ,नन्दिनी शर्मा समेत भारी संख्या में बच्चे तथा लोग ,अधिकारी ,अध्यापक प्लास्टिक मुक्त वातावरण अभियान का हिस्सा बने।   : 

गाय

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गाय जन जन का संकल्प यही है अब ये गाय न मरे हर मन का संकल्प यही है अब तो प्लास्टिक ही मरे                               सब जन रखें हाथ में थैला                              देश हमारा  न हो मैला                              प्लास्टिक का ये इस्तेमाल                              बन गया देखो मृत्यु- कालद गाय हमारी माता है ये हमको रखना होगा याद प्लास्टिक  विरुद्ध करें क्रान्ति बस यही है एक  फरियाद                               इसके कारण हो बीमारी                                मौत हमारी निश्चित है                                धरती से आकाश तलक                                सब कुछ प्लास्टिक पीडित है फिर क्यूं इसका साथ निभाएँ ऐसी क्या मजबूरी है इस पल से बस ठान यही लें इस से अपनी दूरी है                                 नित प्रलोभन देकर इसने                                 कैंसर सबको दे डाला                                 नाश करेगा ये दुनिया का                                 ये है जहरीली हाला अमर ज्योति के समक्ष  खड़ा प्रण एस डी एम सी लेता है शिक्षा विभाग का नन्हा बालक अब इसका प्रणेता ( रचयित

भीम ज्ञान चर्चा एवं महिलाओं की जाग्रति तथा उत्थान के लिए प्रोग्राम का आयोजन किया गया 

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नयी दिल्ली -कबीर आश्रम जन कल्याण परिषद,राजनगर।।,पालम कालोनी, नयी दिल्ली के तत्वावधान में भीम ज्ञान चर्चा एवं महिलाओं की जाग्रति तथा उत्थान के लिए विशेष प्रोग्राम का आयोजन किया गया।  प्रोग्राम में गाजियाबाद से आये ,मा. रमेश गौतम जी-भीम मिशन के प्रचारक एवं समाज सेवक,मा.भीम रत्न शकुन बौद्ध जी-संस्थापक प्रबुद्ध सेवा संस्थान(गाजियाबाद),एवं सुप्रसिद्ध समाज सेविका। .मा.ज्ञान दीपक पूनम बौद्ध जी -भीम मिशनरी। मा.मंजू गौतम -भीम मिशनरी। द्वारका से:मा.एडवोकेट आर.वी.सिंह जी-सुप्रसिद्ध समाज सेवी एवं भीम मिशनरी। राजनगर।।,पालम से,.मा.वी.पी.सिंह अध्यक्ष(कबीर आश्रम जन कल्याण परिषद) राजनगर।।,पालम। मा.एम.एस. पुष्कर सदस्य(अम्बेडकर समाज संघ),राजनगर।।,पालम। .आर.के.बौद्ध महासचिव(कबीर आश्रम जन कल्याण परिषद),राजनगर।।,पालम। प्रोग्राम में उपस्थित रहे सभी महिलाओं, बच्चों एवं पुरुषों को उपरोक्त सभी प्रबुद्ध लोगों ने अपने-2 विचारों से अवगत कराते हुए, अपने महापुरुषों के द्वारा बताये गए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया , खासकर महिलाओं के लिए अंधविश्वास एवं पाखणवाद से निजात दिलाने के लिए बहुत सारे टिप्स दिए गए।

7वां हम सब साथ साथ सोशल मीडिया मैत्री सम्मेलन एवं सम्मान समारोह भीलवाड़ा में होगा

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नयी दिल्ली - हम सब साथ साथ और सहयोगी संस्थाओं द्वारा प्रत्येक वर्ष पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण देश/नेपाल के अलग-अलग स्थानों पर सोशल मीडिया मैत्री सम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। इसमें प्रत्येक वर्ष देश-विदेश की विभिन्न कला क्षेत्रों की उत्कृष्ट चयनित प्रतिभाएं शामिल होकर अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं और विश्व बंधुत्व की भावना को प्रबल करती हैं।  इस वर्ष 7वां हम सब साथ साथ सोशल मीडिया मैत्री सम्मेलन एवं सम्मान समारोह विनायक विद्यापीठ, भीलवाड़ा (राज.) के सौजन्य से विद्यापीठ के मनोरम वातावरण में 24-25 दिसम्बर,2019 को प्रस्तावित है।  इसमें प्रदर्शन एवं सम्मान हेतु पहले आओ, पहले पाओ आधार पर साहित्य, संगीत (गायन, वादन, नृत्य), प्रदर्शन कला (चित्र, मूर्ति/क्राफ्ट कला आदि), सामाजिक लघु फ़िल्म, समाज सेवा आदि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी उत्कृष्ट प्रतिभाओं (विशेषकर, उत्कृष्ट छिपी प्रतिभाएं) की प्रविष्टियां उनके प्रमुख (1 या अधिकतम 2 क्षेत्र, जिसमें सिद्धहस्त हों) प्रदर्शन क्षेत्र के विवरण/प्रमाणों सहित नीचे दिए गए मेल पर आमन्त्रित हैं। प्रविष्टियां स्वयं/किसी

पितृ तो वटवृक्ष हैं

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।। पितृ देवो भव ।। पितृ तो वटबृक्ष हैं, उनकी जड़ हैं हम। उनके सुयोग्य कर्मो के, फलों से उत्पन्न हैं हम।।   जिनकी शाखाओं में हम झूले। जड़ चेतन से बढ़े कदम। पितृ तो वटबृक्ष हैं उनकी जड़ें है हम।। पितृ ऋण तो चुका न पायें, श्रद्धासुम चढ़ायें हम। स्मृति पटल पर चित्र तम्हारे। विस्मित न कर पायें हम।। अर्चन पूजा जब करनी थी, भूल भुलैया में थे हम। आशीष तुम्हारा सदा मिले, प्यार मिले हरदम।। मौसम आते जाते हैं, पितृ पक्ष का अनूठा दर्शन। सदा कृपा दृष्टि बनी रहे, समस्त पित्रो को कोटि-कोटि नमन।

प्रदीप पांडे चिंटू की फिल्‍म 'नायक' बनी बॉक्‍स की सेंसेनल हिट

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मुंबई - सुपर स्‍टार प्रदीप पांडे चिंटू और तेलगु की खूबसूरत अदाकारा पावनी स्‍टारर फिल्‍म 'नायक' भोजपुरी बॉक्‍स ऑफिस की सेंसेनल हिट बन चुकी है। पहले मुंबई और बिहार में धमाका करने के बाद इस फिल्‍म ने यूपी में भी सफलता के झंडे गाड़ लिये हैं। ट्रेड पंडितों के अनुसार, रमना मोगली निर्मित और निर्देशित यह फिल्‍म अब रिकॉर्ड की ओर आगे बढ़ रही है। दर्शकों के बीच चिंटू की इस फिल्‍म का क्रेज काफी देखने को मिल रहा है, जिसे आने वाले दिनों में फिल्‍म के करोबार को आगे और बढ़ने की संभावना है। फिल्‍म की सफलता से उत्‍साहित रमना मोगली ने कहा कि हमने एक प्रयोग किया था - दो डिफरेंट भाषा और कल्‍चर को मिक्‍स किया था। हमारा प्रयोग सफल रहा है और हमारी फिल्‍म दर्शकों को पसंद आ रही है। इसकी एक वजह है कि फिल्‍म में नयापन बहुत देखने को मिले। तकनीशियन से लेकर ऑन स्‍क्रीन के कलाकारों के चेहरे भी नये थे। फिल्‍म की सबसे मजबूत बात कहानी थी, जिसके पात्रों को चिंटू, पावनी और प्रभाकर जैसे कलाकारों ने जीवंत कर दिया। यही वजह है कि फिलम सेंसेनल हिट साबित हुई है। अभी फिल्‍म को और जगहों पर रिलीज होना बांकी है। हमें उम्‍म

भोजपुरी में पहली बार बायोपिक ‘मुकद्दर का सिकंदर’

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मुंबई - वसीम खान की पहचान इंडस्‍ट्री में लीक से अलग हटकर फिल्‍में प्रोड्यूस करने वाले प्रोड्यूसर की है। तभी वे अब भोजपुरी सिनेमा इंडस्‍ट्री से बायोपिक का सूखा खत्‍म करने को तैयार हैं। उनकी बायोपिक 'मुकद्दर का सिकंदर' में सुपर स्‍टार दिनेशलाल यादव और आम्रपाली दुबे मुख्‍य भूमिका में हैं। हालांकि अभी तक इस बात का खुलासा नहीं किया गया है। इस बारे में वसीम खान और फिल्‍म के पीआरओ संजय भूषण पटियाला ने कहा कि बायोपिक 'मुकद्दर का सिकंदर' किस शख्‍स की कहानी है, इसका खुलासा फिल्‍म रिलीज से कुछ वक्‍त पहले किया जायेगा। हालांकि उन्‍होंने इस बात की ओर इशारा किया कि फिल्‍म बड़ी बजट की है। बॉलीवुड में मैरी कॉम, एम एस धोनी, संजय दत्त जैसे कई दिग्‍गज सेलिब्रिटी की बायोपिक आ चुकी है और कईयों की आने वाली है, लेकिन आज तक भोजपुरी सिनेमा में एक भी बायोपिक देखने को नहीं मिला है। जबकि अक्‍सर देखा गया है कि बायोपिक को दर्शक खूब पसंद करते हैं। ऐसे में अब तैयार हो जाईये भोजपुरी सिनेमा की पहली बायोपिक 'मुकद्दर का सिकंदर' के लिए, जिसे लेकर आ रहे हैं निर्माता वसीम एस खान। उन्‍होंने कहा कि फिल

इन दिनों झूठ की मेन्युफेक्चरिंग हो रही है,समूची राजनीति घृणा और द्वेष के इर्द-गिर्द घूम रही है:उदय प्रकाश

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जयपुर - देश   भर   के  26  प्रदेशों   से   लगभग   छह   सौ   लेखकों   ने   इस   सम्मेलन   में   भाग   लिया। सम्मेलन में तमिल, तेलूगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, बंगाली, गुजराती, उड़िया, असमिया, डोगरी, मैथिली, भोजपुरी, पंजाबी, राजस्थानी आदि विभिन्न भाषाओं के लेखकों के शामिल होने से भारतीय भाषाओं का एक अनूठा संगम लेखकों के इस सम्मेलन में देखने को मिला है।   प्रलेस के राष्ट्रीय सम्मेलन   का   प्रारम्भ   अभिव्यक्ति   के   खतरे   उठाने   ही   होंगे   सत्र   से   हुआ ,  जहां   जाने माने   चिंतक   और   भाषाविज्ञ   गणेश   एन .  देवी   ने   सम्मेलन   का   उद्घाटन   किया।   उन्होंने   मजबूती   से   कहा   कि   अब यह समय आ गया है कि समान विचारधारा के सभी लेखकीय और गैर लेखकीय संगठनों को अपने समूचे मतभेद भूलाते हुए एकजुट होकर आवाज़ उठानी होगी कि हम दुनिया को बदलना चाहते हैं। शब्दों   का   एक   अनूठा   संसार।   यहां   एक   ओर   विश्व   पटल पर प्रभाव डालने वाले   महत्वपूर्ण   लेखकों   फै़ज़   अहमद   फ़ैज़  |  मैक्सिम   गोर्की  |  सिमॉन   द   बोउआर  |  चेखव  |  पुश्किन  |  भीष्म   साहनी  |  हरिशंकर   परसाई