वॉलीबाल के राष्ट्रीय खिलाड़ी शमीम अख्तर उर्फ निरहू भईया नहीं रहे
वॉलीबाल छोड़ने के बाद उन्होंने शायरी शुरू कर दी। 2010 में उनकी काव्य संकलन उर्दू में 'लहू–लहू' के नाम से प्रकाशित हुआ। हालात पर गहरी नज़र रखते थे। आज़मगढ़ - दिल का दौरा पड़ने से शमीम अख्तर उर्फ निरहू भईया का इंतेक़ाल हो गया। अभी एक महीना से कुछ ज्यादा हुआ होगा कि एक दुर्घटना में पैर टूट गया था। स्वास्थ लाभ कर ही रहे थे कि आखिरी घड़ी आ गई। हमारी उम्र के लोगों ने उनके गेम का उरूज नहीं देखा, बस अपने शॉट से गेंद फाड़ देने की कहानियां सुनते थे। लेकिन जो कुछ देखा वह अपने आपमें स्मरणीय है। आज़मगढ़ के ही कोटिला गांव में आल इंडिया वॉली बाल टूर्नामेंट हुआ करता था। यूपी पुलिस से आज़मगढ़ का मुकाबला था। यूपी पुलिस में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके रणवीर सिंह भी थे। रणवीर सिंह ने पहले हमारे निरहू भैया का गेम देखा था और उनके प्रशंसक बन गए थे। खेल शुरू हुआ। शमीम अख्तर उर्फ निरहू भैया के सामने दो ब्लॉकर थे। दो तीन गेंद ब्लॉक हो गई। रणवीर सिंह ने इशारे से एक ब्लॉकर को हट जाने के लिए कहा। अपने दोस्त और खेल की ढलान पर पहुंच चुके इस प्रतिभावान खिलाड़ी के अनुभव को परखना चाहते थे