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लॉरिएट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन के तीसरे शिखर सम्मेलन में बच्चों पर मंडराते वैश्विक संकट पर होगी चर्चा

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नयी दिल्ली । लॉरिएट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन कारोना संकट काल में दुनियाभर के बच्चों को शोषण और हिंसा से बचाने के मकसद से वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। 9-10 सितंबर, 2020 को आयोजित इस वैश्विक आभाषी सम्मेलन में दुनिया के उन 20 फीसदी उपेक्षित और हाशिए के बच्चों की समस्याओं और उनके निकारण पर चर्चा की जाएगी, जो कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कोरोना महामारी से उपजे स्वास्थ्य और आर्थिक संकट ने सबसे ज्यादा समाज के वंचित और अति पिछड़े तबके के लोगों को ही प्रभावित किया है। आशंका जाहिर की जा रही है कि इसकी वजह से बाल श्रम और बाल दुर्व्यापार (ट्रैफिकिंग) के साथ-साथ बच्चों का यौन शोषण भी बढ़ेगा। इस सम्मेलन में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के अलावा दुनिया के हरेक क्षेत्र की प्रमुख अंतरराष्‍ट्रीय हस्तियां भाग लेंगी। लॉरिएट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन नामक संस्था की स्थापना भारत के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने की है।   कैलाश सत्यार्थी की अगुआई में आयोजित लॉरिएट्स एंड लीडर्स सम्मिट फॉर चिल्ड्रेन में शामिल होने वाली प्रमुख हस्तियों में नोबे

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 के लिए नामांकन आमंत्रित

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नयी दिल्ली - बाल शक्ति पुरस्कार का उद्देश्य नवाचार, शैक्षणिक, खेल, कला और संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण कार्य करने वाले बच्चों को मान्यता प्रदान करना है, वहीं बाल कल्याण पुरस्कार उन व्यक्तियों और संस्थाओं को मान्यता प्रदान करने के लिए दी जाती है, जिन्होंने बच्चों की सेवा करने के लिए बाल विकास, बाल संरक्षण और बाल कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों, व्यक्तियों और संस्थाओं से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 के लिए नामांकन आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की स्थापना देश के मेधावी बच्चों, व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित करने के लिए की गई थी। ये पुरस्कार दो श्रेणियों के अंतर्गत दिए जाते हैं- बाल शक्ति पुरस्कार और बाल कल्याण पुरस्कार। इन पुरस्कारों को राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस से पहले के सप्ताह में राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में प्रदान किया जाता है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा भी पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाता है। बाल शक्ति पुरस्कार के विजेता, नई

दिल्ली की जामा मस्जिद से आँखों देखा हाल

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उत्तर प्रदेश : अपराधियों के हौसले बुलंद,सुरेंद्र यादव की हत्या

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Uttarakhand "टिमरू"अनेक रोगों के लिए राम बाण

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ट्रांसजेंडर के लिए ऱाष्ट्रीय परिषद का गठन

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स्वास्थ्य के लिए घर में बना खाना बन रहा है सब की पसंद

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नयी दिल्ली :  भारत के अधिकांश हिस्सों में मानसून अब स्थिर हो चूका है।  बारिश में अपने शरीर की प्रतिरक्षा को मजबूत करने के लिए ग्राहकों ने मसालों और भारतीय खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ाया है।  नीलसन के हाल ही के एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान माहमारी से लड़ने के लिए निवारक उपाय के रूप में सुरक्षा, स्वास्थ्य और शरीर की प्रतिरक्षा पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है। शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के घरेलु नुख्सों में हल्दी का उपयोग पुराने समय से किया जा रहा है , इन दिनों कई लोगों ने हल्दी दूध या काढ़े बनाने के लिए हल्दी का इस्तेमाल बढ़ाया है। हल्दी और दूसरे मसालों के साथ-साथ काली मिर्च , अदरक , लहसुन , तुलसी , पुदीना आदि को भी एंटीसेप्टिक , जीवाणुरोधी गुणों के लिए पहचाना जाता है , यह पदार्थ मानसून के दौरान बिमारियों को दूर रखने में मदद करते हैं , उनकी मांग भी काफी बढ़ चुकी है। जिन भारतीय मसालों की मांग बढ़ रही है उनमें हल्दी की मांग में खास तेजी देखी गयी है , पिछले कुछ महीनों में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर इसकी मांग में 40% वृद्धि हुई है। नीलसन रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि अगले छह मही