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यूरोकिड्स इंटरनेशनल की ऑफ़लाइन होम स्‍कूलिंग किट,अभिभावक बच्‍चों की पढ़ाई में सहायता कर सकेंगे

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नयी दिल्ली : भारत की अग्रणी अर्ली चाइल्‍डहुड कंपनी, यूरोकिड्स इंटरनेशनल ने 2 से 4 वर्ष तक की उम्र के बच्‍चों (पीजी और नर्सरी) के लिए 26-हफ्ते का नया ऑफ़लाइन होम स्‍कूलिंग किट लॉन्‍च किया है। इस किट को उन अभिभावकों के लिए डिजाइन किया गया है जो अपने बच्‍चों के स्‍क्रीन टाइम को लेकर चिंतित हैं और लेकिन अपने बच्‍चों की पढ़ाई नियमित रूप से जारी रखने के इच्‍छुक हैं।  यूरोकिड्स होम स्‍कूलिंग, अभिभावकों के लिए एक पूर्णत: ऑफ़लाइन, आसान, संरचित एवं सुविधाजनक समाधान प्रदान करता है ताकि वो अपने छोटे बच्‍चों की भाषा, संख्‍या ज्ञान और विज्ञान कौशल सीखने की प्रक्रिया को निरंतर जारी रख सकें।  एजुकेशन एक्‍सपर्ट्स द्वारा डिजाइन किये गये, यूरोकिड्स इंटरनेशनल के होम स्‍कूलिंग किट में ऐसी गतिविधियां शामिल हैं जिनसे छोटे बच्‍चों की ग्रॉस एवं फाइन मोटर स्किल्‍स, समस्‍या समाधान, सूक्ष्‍म विचार, संज्ञानात्‍मक एवं रचनात्‍मक विकास कौशल का संवर्द्धन होगा और महामारी के दौरान भी उनका अध्‍ययन निर्बाध रूप से चलता रहेगा। अभिभावक, होम स्‍कूलिंग किट में एक्‍सपर्ट्स द्वारा तैयार किये गये विस्‍तृत दैनिक प्‍लान्‍स का उपयो

सिद्धार्थनगर के हथपरा गांव कांड में उपद्रवियों पर प्रशासन की चुप्पी

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गांव वालो ने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण है। प्रशासन एक पक्षीय कार्यवाही कर रही है। दो अलग-अलग साम्प्रदाय के घरों की लड़ाई में नफ़रत की राजनीति करने वालों ने गाँव के मुस्लिम समुदाय को बलि का बकरा बना दिया। गाँव के मुस्लिम समुदाय के लोगों पर उपद्रवियों के दमन पर पुलिस प्रशासन की चुप्पी ख़तरनाक साबित हो रही है। उ०प्र० सिद्धार्थनगर : पीपुल्स एलाइंस प्रतिनिधिमंडल ने सिद्धार्थनगर के त्रिलोकपुर थाना के अंतर्गत हथपरा गाँव कांड का फैक्ट फाइंडिंग के लिए दौरा किया। हथपरा गांव में गुरुवार, 20 अगस्त शाम को दो पक्षों में जमीनी विवाद को लेकर जमकर ईंट-पत्थर चले। जिसमें दोनों पक्षों से कई लोग घायल हो गए। वंही ध्रुवराज चौधरी नामक बुजुर्ग को गंभीर चोट लगने से मौत हो गई। इस घटना को साम्प्रदायिक ताकतों ने राजनीतिक अवसर में तब्दील कर साम्प्रदायिक रंग दे दिया। जिसके बाद से उपद्रवियों ने गांव की स्तिथि को तनावपूर्ण बना दिया है। घटना के दूसरे दिन आसपास के गांव से सुबह उपद्रवियों ने उन्मादी नारा लगाते हुए गांव को घेर लिया। उसके बाद भीड़ ने मुस्लिम घरों को चिन्हित कर डेढ़ दर्जन से ज्यादा घरों को लूटा, तोड़फोड़, आगजनी और

लॉरिएट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन के तीसरे शिखर सम्मेलन में बच्चों पर मंडराते वैश्विक संकट पर होगी चर्चा

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नयी दिल्ली । लॉरिएट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन कारोना संकट काल में दुनियाभर के बच्चों को शोषण और हिंसा से बचाने के मकसद से वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। 9-10 सितंबर, 2020 को आयोजित इस वैश्विक आभाषी सम्मेलन में दुनिया के उन 20 फीसदी उपेक्षित और हाशिए के बच्चों की समस्याओं और उनके निकारण पर चर्चा की जाएगी, जो कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कोरोना महामारी से उपजे स्वास्थ्य और आर्थिक संकट ने सबसे ज्यादा समाज के वंचित और अति पिछड़े तबके के लोगों को ही प्रभावित किया है। आशंका जाहिर की जा रही है कि इसकी वजह से बाल श्रम और बाल दुर्व्यापार (ट्रैफिकिंग) के साथ-साथ बच्चों का यौन शोषण भी बढ़ेगा। इस सम्मेलन में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के अलावा दुनिया के हरेक क्षेत्र की प्रमुख अंतरराष्‍ट्रीय हस्तियां भाग लेंगी। लॉरिएट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन नामक संस्था की स्थापना भारत के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने की है।   कैलाश सत्यार्थी की अगुआई में आयोजित लॉरिएट्स एंड लीडर्स सम्मिट फॉर चिल्ड्रेन में शामिल होने वाली प्रमुख हस्तियों में नोबे

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 के लिए नामांकन आमंत्रित

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नयी दिल्ली - बाल शक्ति पुरस्कार का उद्देश्य नवाचार, शैक्षणिक, खेल, कला और संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण कार्य करने वाले बच्चों को मान्यता प्रदान करना है, वहीं बाल कल्याण पुरस्कार उन व्यक्तियों और संस्थाओं को मान्यता प्रदान करने के लिए दी जाती है, जिन्होंने बच्चों की सेवा करने के लिए बाल विकास, बाल संरक्षण और बाल कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों, व्यक्तियों और संस्थाओं से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 के लिए नामांकन आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की स्थापना देश के मेधावी बच्चों, व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित करने के लिए की गई थी। ये पुरस्कार दो श्रेणियों के अंतर्गत दिए जाते हैं- बाल शक्ति पुरस्कार और बाल कल्याण पुरस्कार। इन पुरस्कारों को राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस से पहले के सप्ताह में राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में प्रदान किया जाता है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा भी पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाता है। बाल शक्ति पुरस्कार के विजेता, नई

दिल्ली की जामा मस्जिद से आँखों देखा हाल

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उत्तर प्रदेश : अपराधियों के हौसले बुलंद,सुरेंद्र यादव की हत्या

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Uttarakhand "टिमरू"अनेक रोगों के लिए राम बाण

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