व्यापारियों के लिए इस वर्ष की दिवाली पिछले 20 वर्षों में सबसे ज्यादा खराब रही


दिवाली के दौरान 2018 में बेचे जाने वाले चीनी सामानों का मूल्य लगभग 8000 करोड़ रुपये था, जबकि इस साल दीपावली के त्योहार पर चीनी सामानों की बिक्री लगभग 3200 करोड़ रुपये की हुई देश भर के व्यापारियों के लिए इस वर्ष की दिवाली पिछले 20 वर्षों में सबसे ज्यादा खराब रही


लेकिन निश्चित रूप से इस त्योहार के दौरान हुए बिक्री ने चीन को भी बड़ा झटका दिया है। आम तौर पर दिवाली के त्योहार के दौरान चीनी सामान जो भारी मात्रा में बेचा जाता है, में पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष लगभग 60% की गिरावट दर्ज की गई है, जो चीन के लिए एक खतरनाक संकेत देता है क्योंकि चीन अपने उत्पादों के दुनिया भर में भारत को सबसे बड़ा बाज़ार मानता है और अपने उत्पादों के सहारे लगातार भारतीय खुदरा बाज़ार पर अपना एकाधिकार करने की चेष्टा कर रहा है ! चीनी उत्पादों की बिक्री में 60 प्रतिशत की गिरावट का आंकड़ा कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा हाल ही में दिवाली त्यौहार के दौरान देश के 21 शहरों में किये गए एक सर्वे के आधार पर निकल कर आया है !


कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि चीनी उत्पादों की बिक्री में यह जबरदस्त गिरावट भारतीय व्यापारियों की खरीदी मानसिकता एवं भारतीय उपभोक्ताओं के बदलते खरीद व्यवहार को दर्शाता है।कैट ने पिछले साल चीनी उत्पादों के बहिष्कार का एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया था जिससे चीनी सामानों की बिक्री में लगभग 30% की गिरावट देखी गई थी। श्री खंडेलवाल ने बताया की  "इस साल हमने दीवाली के त्योहार पर चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए जुलाई के महीने में ही देश भर के व्यापारियों और आयातकों को अग्रिम सलाह दी थी और परिणामस्वरूप आयातकों ने चीन से बेहद कम मात्रा में माल आयात किया और दूसरी तरफ व्यापारियों ने भी स्वदेशी सामान खरीदने पर ज्यादा जोर दिया और यही कारण था की इस वर्ष दिवाली त्यौहार में चीनी उत्पादों की उपलब्धता बेहद कम थी ! 


कैट के सर्वेक्षण के अनुसार चीनी उत्पादों की बिक्री में बड़ी गिरावट ख़ास तौर पर  गिफ्ट आइटम, इलेक्ट्रिकल गैजेट्स, फैंसी लाइट्स, बरतन और रसोई  उपकरण, प्लास्टिक आइटम, भारतीय देवताओं और मूर्तियों, घर की सजावट के सामान, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, दिवार हैंगिंग, लैंप, होम फर्निशिंग आइटम, फुटवियर, गारमेंट्स और फैशन गारमेंट आदि में मुख्य रूप से हुई  सर्वेक्षण के दौरान लगभग 85% व्यापारियों ने कहा कि उन्होंने इस दिवाली त्योहार के दौरान चीनी उत्पादों की बिक्री में गिरावट देखी है जबकि बाकी 15% व्यापारियों का मानना था कि भारत में अभी भी चीनी सामान का बाजार है।


कैट के सहयोगी संगठन कैट  रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी  द्वारा 24 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच किए गए चीनी उत्पादों की बिक्री की वास्तविकता जानने का सर्वेक्षण देश के 21 प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बंग्लुरु, हैदराबाद, रायपुर, नागपुर, पुणे, भोपाल, जयपुर, लखनऊ, कानपुर, अहमदाबाद, रांची, देहरादून, जम्मू, कोयम्बटूर, भुवनेश्वर, कोलकाता, पांडिचेरी और तिनसुकिया में किया गया !


 खंडेलवाल ने कहा कि चीनी सामानों का वर्षों से उपयोग करने के बाद उपभोक्ता अब समझते हैं कि चीनी सामान सस्ता हो सकता है लेकिन लम्बा नहीं चल सकता और चीनी सामान की कोई गारंटी भी  नहीं है। ये उत्पाद आम तौर पर इस्तेमाल कर फैंको के आधार पर बनाये जाते हैं  जबकि भारतीय उत्पाद गुणवत्ता में अच्छे होते हैं और उनकी गारंटी भी होती है ! सामान के ख़राब होने की स्तिथि में उसे व्यापारियों से बदला भी जा सकता है !उपभोक्ता बहुत पुरानी कहावत सस्ता रोये बार बार -महंगा रोये एक बार के आधार पर अब बाजार में खरीदी कर रहे हैं 


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