उत्तराखंड की जल,जमीन, जंगल और परिवेश को बचाने हेतु कठोर भू कानून की मांग

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली -  स्थानिक आयुक्त कार्यालय उतराखण्ड में जाकर भू कानून संघर्ष समिति दिल्ली का एक प्रतिनिधिमंडल असिस्टेंट कमिश्नर श्री अजय मिश्रा जी से मिला और उन्हे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के नाम ज्ञापन दिया जिसमें भू कानू बंदर और जंगली जानवर और उत्तराखंड में पानी की समस्या, परिवहन की समस्या, से अवगत कराया

इस हेतु निम्न अनुरोध है किया गया - .हिमांचल की तर्ज पर कठोर भू-कानून बने तथा तुरन्त प्रभाव से लागू किया जाये। 2. गांवों के हक-हकूब और जमीन आदि को सुरक्षित रखने के लिए विशेष प्रबन्ध किये जायें।
3. गावों में बंदर और सुअरों के भय से अपनी खेती से बिमुख हो रहे किसानों की परेशानी को समझा जाये तथा उनकी परेशानी को दूर किया जायें। 4.रोजगार व शिक्षा स्वास्थ्य परिवहन व्यवस्था से आम जनमानस व ग्रामीणो का जीवनस्तर सुधरे। 5.अब तक समिति द्वारा हस्ताक्षर अभियान मे 50 हजार समर्थन हस्ताक्षर नए भू कानून लागू करवाने हेतु देश विदेश से एकत्र कर लिए गए हैं।

6.उत्तराखंड आंदोलनकारियों को चिन्हित अतिशीघ्र किया जाए। साथ ही मुख्य मंत्री को दुबारा चुने जाने पर हार्दिक बधाई भी दी। प्रतिनिधि मंडल में अनिल पंत, जगत सिंह बिष्ट, मोहन जोशी, रजनी जोशी, रविंद्र चौहान, सरिता कैथठ,मन मोहन शाह शामिल थे।

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