यूनिवर्सिटी लिविंग ने स्टूडेंट्स को सम्मानित करने के लिये लॉन्च किया ‘सोशल स्कॉलरशिप’

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली - यूनिवर्सिटी लिविंग समाज पर प्रभाव डालने वाले स्टूडेंट्स के लिये सोशल स्कॉलरिशप लॉन्च कर रहा है किसी भी राष्ट्रीयता के कोई भी स्टूडेंट इस स्कॉलरशिप के लिये आवेदन कर सकते हैं, यदि उन्होंने लंदन, लिवरपूल, बर्मिंघम, कोवेन्ट्री, लेसेस्टर और शेफील्ड में यूनिवर्सिटीज में आवेदन किया है
इस स्कॉलरशिप में उनके रहने का खर्च शामिल होगा और अकादमिक प्रदर्शन से इतर सम्मानित किया जाएगा। लंदन में इस स्कॉलरिशप का मूल्य 5000 पाउंड और अन्य शहरों में 1000 पाउंड है।

यूनिवर्सिटी लिविंग, जोकि दुनियाभर के विद्यार्थियों आवास उपलब्‍ध कराने वाली एक प्रमुख प्रदाता है, ने सोशल स्‍कॉलरशिप्‍स की पेशकश की है। यूनिवर्सिटी लिविंग द्वारा ब्रिटेन (यूके) में छह स्‍थानों पर इन-हाउस सोशल स्कॉलरशिप की शुरुआत की गई है। सच ही कहा गया है कि किसी भी स्‍टूडेंट को बनाने में सिर्फ अंकों का ही योगदान नहीं होता है और यूनिवर्सिटी लिविंग भी इस कथन का पूरी तरह समर्थन करती है।

यह स्कॉलरशिप लंदन, बर्मिंघम, लिवरपूल, कोवेंट्री, शेफील्ड और लेसेस्टर में विश्वविद्यालयों में आवेदन करने वाले छात्रों के लिये उपलब्ध है। इनमें से 5 का मूल्य 1000 पाउंड है, लंदन स्कॉरलरशिप की तीन श्रेणियां हैं - 1000 पाउंड, 1500 पाउंड, और 2500 पाउंड। दुनिया भर के विद्यार्थियों को यह छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी, फिर चाहे वे किसी भी देश के नागरिक हों। इन-हाउस सोशल स्कॉलरशिप विद्यार्थियों के आवास खर्च के हिस्से को कवर करेगी और यूनिवर्सिटी लिविंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुक किए गए किसी भी आवास के लिये मान्य है। छात्रों को बस एक फॉर्म ऑनलाइन भरना होगा, यूनिवर्सिटी लिविंग के माध्यम से अपना आवास बुक करना होगा, उनके द्वारा बनाए गए सामाजिक प्रभाव को समझाते हुए एक वीडियो रिकॉर्ड करना होगा और इसे यूनिवर्सिटी लिविंग (@uni.living) को टैग करते हुए इंस्टाग्राम पर अपलोड करना होगा।

सौरभ अरोड़ा, फाउंडर एवं सीईओ, यूनिवर्सिटी लिविंग का कहना है, “स्टूडेंट्स पर बेहतर अंक पाने, अपना कौशल बढ़ाने और लगातार आगे बढ़ते रहने के दबाव के साथ, यूनिवर्सिटी लिविंग में हमारा मानना था कि सामाजिक जिम्मेदारी का दबाव होना उतना ही जरूरी है। यह समझना जरूरी है कि ऐसे सामाजिक मुद्दों पर ध्यान देना जरूरी है, जोकि हमारी आने वाली पीढ़ी को आने वाले बदलावों के साथ तालमेल बिठाने में मदद कर पाएं।” वह कहते हैं, “हमें स्थायित्व जैसे मुद्दों पर बात करने की जरूरत है, जोकि इस साल के एनएएफएसए एनुअल एक्सपो का मुख्य विषय भी था। स्थायी भविष्य के लिये उनकी प्रतिबद्धता वाकई बेहद प्रेरणादायक है और हम उसमें योगदान देना चाहते हैं और इस संबंध में जागरूकता फैलाने में अपनी तरफ से काम करना चाहते हैं।”

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