आल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन की तरफ से सरकार को अपनी नौ सूत्रीय मांग पत्र सौपा

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली: ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन की तरफ से कल दिल्ली के जंतर मंतर नई दिल्ली में विशाल जनसमूह के साथ विशाल एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था। जिसमे देश भर से उचित मूल्य की दुकान के डीलर अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए हजारों नहीं बल्कि लाखों की संख्या में एकत्र हुए थे। इसी विरोध को देखकर सरकार ने उन्हें बुलाया और बात चीत की और इसी दौरान इन्होने अपनी 9-सूत्रीय मांग पत्र सरकार को सौप दी। प्रहलाद मोदी का कहना है कि वह अपने भाई नरेंद्र मोदी से नाराज नहीं हैं बल्कि राशन डीलर को दिए जाने वाले कमीशन के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि लगातार मांग के बावजूद राशन डीलरों की मांग नहीं मानी जा रही है, इसलिए आज उनकी एसोसिएशन को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करना पडा।
फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रह्लाद  मोदी ने कहा, “देश के प्रधान मंत्री को देश भर में 80 करोड़ लोगों को भोजन के वितरण के लिए दुनिया भर से प्रशंसा मिली। जब सरकार इस योजना को लागू कर रही थी तो हम जैसे दुकानदार ही थे जो लोगों के पास गए और खाना बांटा। और इसलिए सरकार से हमारी मांग है कि मजदूरों को कोरोना वॉरियर्स घोषित किया जाए। प्रहलाद मोदी के मुताबिक राशन डीलर को दिया जा रहा कमीशन नाकाफी है. बार-बार मांग के बावजूद राशन डीलर की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए मजबूर होकर उन्हें जंतर मंतर पर पहुंचना पड़ा और अपनी कुछ मांगों को लेकर सरकार की नीतियों विरोध किया।

उन्होंने राशन डीलरों का मुद्दा उठाते हुए कहा, 'राशन डीलर की सबसे बड़ी मांग यह है कि कोरोना के दौरान जहां परिवार के सदस्य भी एक दूसरे से दूर रह रहे थे. उस दौरान भी लोगों को राशन उपलब्ध कराने में सबसे बड़ा योगदान राशन डीलर का ही था. राशन डीलरों ने बिना पीपीई किट के लोगों तक पहुंचाया राशन, इसलिए राशन डीलर को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए। महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव  विश्वम्भर बसु ने कहा कि ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन ने न्यूनतम मासिक गारंटी 50,000/- रुपये की मांग की है। चावल, गेहूं और चीनी की हैंडलिंग और खाद्य तेल और दालों की उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आपूर्ति के लिए, सभी राज्यों को सभी देय मार्जिन को जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए। मांग में यह भी शामिल है कि पूरे देश में मुफ्त वितरण का 'पश्चिम बंगाल राशन मॉडल' लागू किया जाए। 

एलपीजी गैस सिलेंडर की आपूर्ति मेला दुकानों के माध्यम से भी की जानी चाहिए। इन्होने  बताया कि यदि सरकार हमरी ये नौ मांगे नहीं मानती है तो हमलोग दुर्गापूजा के बाद शीतकालीन सत्र नवम्बर दिसम्बर में देश भर से सभी राशन डीलर्स व् कर्मीगण अपने सभी परिवारो के साथ विशाल विरोध प्रदर्शन करेग। उन्होंने आगे कहा कि यदि सरकार परमिशन नहीं देती है तब वो पूरी दिल्ली को परं रूप से बंद करेंगे क्योंकि इसके आलावा इनके पास और कोई रास्ता ही नहीं बचता है। पार्लियामेंट मेंबर फ़ूड कंस्यूमर के स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन सुदीप बंद्योपध्याय को ज्ञापन दिया तो उन्होंने आश्वाशन दिया है कि 8 से 12 अगस्त को संसद में ये मांग उठाई जाएगी। कोरोना पीड़ित डीलरों का मुआवजा भी रु. 50 लाख राजस्थान सरकार द्वारा दी थी।

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