निदेशक डीआईपीआर को ‘राजस्थान के प्रचलित लोक नृत्य’ पुस्तक की प्रथम प्रति भेंट


० आशा पटेल ० 
जयपुर । सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा को पूर्व संयुक्त निदेशक पन्नालाल मेघवाल ने ‘राजस्थान के प्रचलित लोक नृत्य’ पुस्तक की प्रथम प्रति भेंट की। सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक ने मेघवाल के प्रयास की सराहना करते हुए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक अरुण जोशी, वित्तीय सलाहकार सुभाष दानोदिया, संयुक्त निदेशक शिव चंद मीणा, जनसंपर्क अधिकारी आशीष जैन, निजी सचिव रवि पारीक उपस्थित थे।लेखक पन्नालाल मेघवाल की इस पुस्तक में राजस्थान की कला एवं संस्कृति से जुड़े तेरहताली, घूमर, चरी, कालबेलिया, चकरी, भवाई, जसनाथी, धाकड़, गींदड, वीर तेजाजी, कच्छी घोड़ी, कथौड़ी, भील, गरासिया, गैर, चंग, बम, ढोल एवं शूकर लोकनृत्य सम्मिलित हैं। 

मेघवाल की इस पुस्तक में मांड, मांगणियार एवं लांगुरिया गायन, तुर्रा कलंगी, कुचामणि ख्याल एवं गवरी, लोकनाट्य, सहरिया एवं टूंटिया स्वांग, बीकानेर की रम्मतें, राजस्थान की नट परंपरा, कठपुतली नृत्य कला एवं लोक वाद्य यंत्रों का विषद उल्लेख है। पुस्तक में राजस्थान के लोकनृत्यों, लोकनाट्यों, लोकगायन एवं लोकवादन को आकर्षक छायाचित्रों के माध्यम से प्रकाशित किया गया है। यह पुस्तक राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर से प्रकाशित हुई है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

बेफी व अरेबिया संगठन ने की ग्रामीण बैंक एवं कर्मियों की सुरक्षा की मांग

प्रदेश स्तर पर यूनियन ने मनाया एआईबीईए का 79वा स्थापना दिवस

वाणी का डिक्टेटर – कबीर