स्वतंत्र न्यायपालिका चाहिये तो आप ही को बनानी होगी-थिप्से

० आशा पटेल ० 
जयपुर । “आज मेरी समझ में न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है, इसके दो कारण हैं, एक पक्षपात और दूसरा भय, यदि स्वतंत्र न्यायपालिका चाहिये तो यह आप ही को बनानी होगी।” ये शब्द बोम्बे और इलाहाबाद न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय महादेव थिप्से ने कहे। वे एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स राजस्थान (APCR) द्वारा अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जयपुर के चेम्बर भवन में आयोजित एक सिम्पोज़ियम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। सिम्पोज़ियम का विषय “मानवाधिकार का उल्लंघनः मीडिया, पुलिस एवं न्यायपालिका की भूमिका“ था। न्यायमूर्त थिप्से ने अपने कार्यकाल के अनेकों उदाहरण देते हुए बताया कि न्यायपालिका में भी कई न्यायाधीश सत्ता के भय या उसकी अनुकम्पा पाने के लिए ग़लत फैसले देते हैं।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में संगठन के राष्ट्रीय सचिव नदीम ख़ान ने कहा कि मानवाधिकार को जन-आन्दोलन का रूप देना होगा तभी मानवाधिकारों की रक्षा हो सकेगी। उन्होंने कहा कि आज मानवाधिकार दिवस वे लोग मनाते हैं जिनके अधिकारों को कोई ख्त्रातरा नहीं है, परन्तु उनहें उन ग़ारीब एवं वंचित लोगों के मानवाधिकरों की रक्षा के लिए आगे आना होगा जिनके अधिकारों का हनन होता है। उन्होंने बताया कि जब रोहित वैमुला की हत्या हुई तो उसके हत्यारों का पता लगाने के बजाए उसकी जाति के बारे में खोज-बीन की गई।

अपने उद्घाटन भाषण में प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट सैयद सआदत अली ने कहा कि देश तभी मज़बूत होगा जब सभी नागरिकों को समान न्याय मिलेगा। राजस्थान विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष तथा एनडीटीवी के पूर्व रेजीडेंट एडीटर प्रोफेसर राजन महान ने कहा कि आज समाचार भी उपभोक्ता वस्तु बन गया है, मीडिया को कॉर्पोरेट घराने चला रहे हैं। मीडिया हाउसेज़ सत्ता की ओर से निर्देश की प्रतीक्षा करते हैं, जनता को जागरुक होना होगा, हमें सवाल पूछना सीखना चाहिये। उन्होंने बताया कि जिस समय पूरे देश का मीडिया आफ़ताब की ख़बरें चला रहा था और उस पर डिबेट्स आयोजित कर रहा था उसी समय ती अन्य उतनी ही जघन्य घटनाएं घ्टी थीं, परन्तु उन्हें मीडिया ने पूरी तरह नज़र अन्दाज़ कर दिया।

सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक राजस्थान भूपेंद्र सिंह यादव ने कहा कि अधिकांशतः पढ़े-लिखे लोग ही दंगे करते हैं, अप्रवासी भारतीयों के दिलों में नफ़रत भर दी गई है और आज वे अधिक साम्प्रदायिक हो गए हैं। उनहोंने कहा कि हमने देश को एक ही पार्टी के हवाले कर दिया है, यह लोकतंत्र नहीं है। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश महासचिव मुजम्मिल इस्लाम रिज़वी ने किया तथा संयुक्त सचिव एडवोकेट मुनाज़िर इस्लाम ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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