रिश्तों के उतार चढाव से लेकर जिंदगी की भागदौड़ तक उतर आई मंच पर

० अशोक चतुर्वेदी ० 
जयपुर. कला एवं संस्कृति विभाग, जवाहर कला केंद्र और थ्री एम डाॅट बैंड्स थिएटर फैमिली सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में 11वें जयरंगमः जयपुर थिएटर फेस्टिवल का आगाज हुआ। समारोह में पहले दिन तीन नाटक प्रस्तुत किए गए। नाटकों में कलाकारों की प्रस्तुति के दौरान सभागार दर्शकों की तालियां के गवाह बने। सात दिवसीय समारोह की शुरुआत इरिना गर्ग चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, उदयपुर और शैलेन्द्र अग्रवाल पूर्व प्रिसिंपल सेकेटरी आर्ट एंड कल्चर ने दीपक जलाकर की।
'दोष' में दिखे भाई-बहन के मनोभाव कृष्णायन सभागार में पहला नाटक 'दोष' प्रस्तुत किया गया। नाटक में रिश्तों की कड़वाहट और भाई-बहन के बीच की मिठास को दिखाया गया। भाई-बहन के बीच के संबंध को खूबसूरती के साथ दर्शाया गया। सीमा और अनिल भाई बहन हैं, दोनों छह महीने की नाराजगी के बाद फिर से मिले, दोनों ने जहां गिले शिकवे जाहिर किए तो वहीं गले मिलकर सारी कड़वाहट भूला दी। इसके बाद दोनों ने बचपन के दिनों को याद किया, अमेरिका में बिताए समय को याद किया। नाटक के दौरान मां के निधन और उसके लिए पिता को जिम्मेदार ठहराने वाले दृश्य ने खूब तालियां बटोंरी। नाटक में अमेरिका में हुए एक एक्सपेरीमेंट के किस्से को भी नाटक में बताया गया। विनय शर्मा के निर्देशन में हुए इस नाटक में हर्ष खुराना और सारिका सिंह ने अभिनय किया।
परिवार में स्वार्थ की ‘दरारें’ आई सामने इसके बाद विकास बाहरी के निर्देशन में हुए नाटक ‘दरारें’ में छह सदस्यीय मध्यवर्गीय परिवार की कहानी को बयां किया गया है। रिटायरमेंट के मुहाने पर खड़ा पिता विष्णु प्रसाद भार्गव दोनों बेटों के भविष्य को लेकर चिंतित है। बड़ा बेटा बेरोजगार है जिसे नौकरी के लिए ताने सुनने पड़ते हैं, इन्वेस्टमेंट के चक्कर में उसे लाखों का नुकसान भी होता है। छोटा बेटा घर से पैसा लेकर जुए में उड़ाता है। बेटी अंकिता के प्रेम प्रसंग को लेकर परिवार में बवाल हो चुका है। सभी बच्चों का बचाव करने वाली लक्ष्मी प्रसाद भार्गव पत्नी और माॅं के दायित्वों के बीच संघर्षरत हैं। अंत में पिता को रिटायरमेंट पर मिले पैसे चोरी हो जाते हैं। खुलासा होने पर विष्णु प्रसाद भार्गव का दिल यह जान कर बैठ जाता है कि तीनों बच्चों ने अपनी स्वार्थ सिद्धी के लिए वह पैसे चुराए है। यूं स्वार्थ व अकर्मण्यता के चलते रिश्तों में पड़ी दरारों की गहराई को नाटक में दर्शाया गया है। नाटक में विजय राजोरिया, मनीषा, जतिन सरना, गिन्नी बब्बर, कपिल पाल, तनु सुनैजा, एनब खिज्रा, राज तंवर, अनूप गोसाईं व सुधिर कुमार ने किरदार निभाए।

रही धूम्रपान की धूम मध्यवर्ती में सर्द शाम में अधीर भट्ट द्वारा लिखित नाटक धूम्रपान ने धूम मचा दी। सिने सितारों ने अपने अभिनय की चमक छोड़ दी। काॅर्पोरेट वर्ल्ड की भागदौड़ को हास्य अंदाज में दर्शाया गया। बेहतरीन प्रकाश संयोजन व म्यूजिक ने नाटक में चार चांद लगा दिए। आकर्ष खुराना के निर्देशन में अभिनेता कुमुद मिश्रा, अधिर भट्ट, शुभ्रज्योति भारत, अभिषेक साहा, घनश्याम लालसा, लीशा बजाज, सौरभ नैय्यर, सिद्धार्थ कुमार ने अभिनय किया। बता दें कि जयपुर में पहली बार होने वाला यह नाटक 2017 में थिएटर जगत के बहुप्रतिष्ठित मेटा अवाॅर्ड के लिए 5 केटेगरी में सिलेक्ट हो चुका है।

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