जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 5.9 मिलियन टन लिथियम मिली भारत को मिला खज़ाना

0 मानवेन्द्र सिंह चुघ ०  
नयी दिल्ली - जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 5.9 मिलियन टन लिथियम रिजर्व का पता चलना भारत के लिए एक अच्छी खबर है. इससे ईवी बैटरी, लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात पर भारत की निर्भरता काफी कम हो जाएगी। लिथियम रिजर्व भारत के बढ़ते ईवी उद्योग की लिथियम मांग को पूरा करने में मदद कर सकता है। 1990 के दशक में लिथियम आयन बैटरी के व्यावसायीकरण के बाद से, लिथियम ने तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण निभाई है। कारण, यह स्मार्टफोन, टैबलेट और अन्य स्मार्ट उपकरणों के निर्माण में उपयोग किया जाता है. इसने इन उपकरणों के निर्माण में मानो क्रांति ही ला दी हो.

लिथियम एक अत्यंत प्रतिक्रियाशील, क्षारीय और हल्की धातु है। यह ज्यादातर सिरेमिक और कांच के बने पदार्थ, ग्रीस, औषधीय यौगिकों, एयर कंडीशनर और एल्यूमीनियम, अन्य चीजों के निर्माण में प्रयोग किया जाता है। प्रति किलोग्राम अधिकतम ऊर्जा भंडारण क्षमता और अविश्वसनीय रूप से कम वजन के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माताओं के लिए एक वरदान सदृश है। जम्मू और कश्मीर में मिला लिथियम भण्डार हालांकि लिथियम के आयात पर हमारी निर्भरता कम करेगा , हालांकि यह दुनिया में शीर्ष लिथियम भंडार की तुलना में अपर्याप्त है। ऑस्ट्रेलिया में 6.3 मिलियन टन लिथियम है, बोलीविया में 21 मिलियन टन है, और अर्जेंटीना में 17 मिलियन टन का भण्डार है. 

चीन 4.5 मिलियन टन लिथियम रिज़र्व के साथ विश्व का तीसरा सबसे बड़ा प्रदाता है, जिसके पास दुनिया के लिथियम भंडार का कुल 7.9% हिस्सा है। यही कारण है कि चीन इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में दुनिया में अग्रणी है। यदि भारत को आत्मनिर्भर बनना है तो इन लिथियम स्रोतों पर स्वामित्व बनाने और विदेशी लिथियम खानों में भारत की हिस्सेदारी को और अधिक मजबूत करना होगा। हमें EV उत्पादन के क्षेत्र में और EV बैटरी की आपूर्ति के लिए चीन पर अपनी निर्भरता कम करनी पड़ेगी। यहाँ यह उल्लेकनिय है कि EV बैटरियों में लिथियम के कुछ ग्राम ही होते हैं. यांनी एक लिथियम बैटरी में आधा चम्मच चीनी के बराबर की मात्रा प्रयुक्त होता है। इस प्रकार, एक टन लिथियम से 90 इलेक्ट्रिक कारों की मांग की आपूर्ति की जा सकती है।

भारत, जो अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु लिथियम का आयात करता रहा है, एक बड़े रिजर्व की खोज को काफी आशान्वित है। पर , एक तथ्य यह भी है कि लिथियम का अधिकांश वैश्विक रिजर्व गंभीर जल तनाव वाले क्षेत्रों में स्थित है. सो, इस दिशा में और अधिक खोज किये जाने की आवश्यकता है। जम्मू-कश्मीर में लिथियम की खोज के साथ इस क्षेत्र में भारत एक संभावित विकल्प बन जाएगा क्योंकि लिथियम खनिज के निष्कर्षण के लिए बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है और इसके अधिकांश भंडार पानी की कमी वाले देशों में हैं।

लिथियम का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा चिकित्सा क्षेत्र में, इलेक्ट्रॉनिक्स फोन, सौर पैनलों, और स्वच्छ ऊर्जा पर स्विच करने के लिए आवश्यक अन्य नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों में भी किया जाता है। सो, यह कहा जा सकता है कि लिथियम के इस भंडार का पता चलना भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।

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