बड़े वेंडरों को फायदा पहुंचाने के लिए छोटे वेंडरों को किया जा रहा है परेशान - रविन्द्र गुप्ता

० विनोद तकियावाला ०  
नई दिल्ली । अखिल भारतीय रेलवे खान पान लाइसेंसीज वेलफेयर एसोसिएशन की वार्षिक आम सभा में रविन्द्र गुप्ता को सर्वसम्मति से एसोसिएशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।  गुप्ता ने अपने स्वास्थ्य कारणों से सेवा से मुक्त होने का आग्रह किया लेकिन बैठक में शामिल लोगों ने इसे खारिज करते हुए रविन्द्र गुप्ता को पद पर बने रहने का समर्थन करते हुए पुनः अध्यक्ष की घोषणा की। इस मौके पर एसोसिएशन के महामंत्री एम ए लारी, उपाध्यक्ष सीताराम शर्मा व चंद्रशेखर अरोड़ा,कोषाध्यक्ष प्रवीण शर्मा, रिपुदमन गुलाटी,अंजली बधावन, सुरेंद्र राम ,गोपाल कृष्ण जैसवाल, मोहम्मद जावेद आदि मौजूद थे।
इस मौके पर देशभर से आये वेंडरों ने अपनी समस्याओं को एसोसिएशन के मंच पर साझा किया।जिसमें मुख्यतः लाइसेंस फीस का बार बार बढ़ाया जाना, ट्रॉलियों की संख्या को गैर जिम्मेदाराना तरीके से कम करना और हाइजीन के नाम पर मनमानी और जबर्दस्ती जुर्माना वसूला जा रहा है।छोटे वेंडर को हटाया जा रहा है और बड़े वेंडरों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इनसे छोटे वेंडरों के सामने रोजी रोटी के साथ परिवार में कलह पैदा हो रहा है। वेंडरों ने बताया कि पिता की मौत के बाद चार बेटों में से किसी एक को लाइसेंस देने की बात कर रहे हैं इससे परेशानी बढ़ रही है। आम सभा में रेलवे के साथ एसोसिएशन द्वारा किये गए पत्राचार और अभी तक एसोसिएशन द्वारा किये कार्यो की दर्शाने वाले ब्रोसर का लोकार्पण किया गया।
इस मौके पर रविन्द्र गुप्ता ने  कहा कि वेंडरों की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों से मिलकर समस्या के समाधान की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने वेंडरों से अपील की कि वह विश्वसनीयता के साथ काम करे और साफ सफाई के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें और यात्रियों से अधिक वसूली न करे। रविन्द्र गुप्ता - बड़े वेंडरों को फायदा पहुंचाने के लिए छोटे वेंडरों को परेशान किया जा रहा है। इंडक्शन लगाने के लिए दो से ढाई लाख रुपये तक मंगा जा रहा है। जो बिल्कुल गलत है। इन तमाम समस्याओं को लेकर हम लोग रेल मंत्री से मिलने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मई या जून में हम संसद का ऐसा घेराव करेंगे कि सरकार को झुकना ही पड़ेगा।

सीताराम शर्मा ने कहा कि लाइसेंस फीस सबसे बड़ा मुद्दा है।ट्रॉलियों की लाइसेंस फीस स्टाल के बराबर कर दिया गया है,जो कि गलत है। ट्रॉलियों को फिक्स करने से भी आमदनी कम हो गई है। इससे रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। चाय का रेट महंगाई को देखते हुए बढ़ाया जाना चाहिए।

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