"ताश का घर" लघु कथा संग्रह पर चर्चा एवं सम्मान समारोह


० संवाददाता द्वारा ० 
गुरुग्राम "स्वर लहरी संस्थान" के तत्वावधान में लेखिका सविता स्याल की पुस्तक 'ताश का घर' लघुकथा संग्रह पर परिचर्चा एवं सम्मान समारोह का आयोजन साहित्यकार डॉ नलिनी भार्गव की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि केरूप में लघुकथाकार मुकेश शर्मा,अति विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सविता चड्ढा और हरियाणा साहित्य अकादमी की पूर्व महानिदेशक डॉ मुक्ता और  मुकेश गंभीर ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी ।

इस समारोह में उपस्थित अनेक साहित्यकारों में व०न०का०मंच की राष्ट्रीय संरक्षक वीणा अग्रवाल, कलमवीर मंच के अध्यक्ष  नरेंद्र शर्मा खामोश ,महिला काव्य मंच की उच्च पदाधिकारी इंदु राज निगम, हिमालय अपडेट की राष्ट्रीय संरक्षक दीपशिखा श्रीवास्तव ,सुशीला यादव, राजेश्वर वशिष्ठ, राजेश प्रभाकर, व०न०का०मंच की सचिव आभा कुलश्रेष्ठ, अनघा जोगलेकर, दिव्या शर्मा, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की उच्चाधिकारी मोनिका शर्मा, निधि अग्रवाल, डॉ कल्पना पांडेय, डॉ मीनाक्षी ,डॉ मनोज तिवारी, म०का०मंच० की जिला प्रभारी शारदा मित्तल, व०न० का०मंच की महासचिव शकुंतला मित्तल, प्रीति मिश्रा, डॉ सरोज गुप्ता, डॉ कृष्णा जैमिनी ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को सफलता पर पहुंँचा दिया  अतिथियों और सभी साहित्यकारों ने देवी सरस्वती मां का आह्वान दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि द्वारा किया ।

सविता स्याल ने सभी मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया एवं उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया ।तत्पश्चात इंदु राज निगम  द्वारा की गई मधुर सरस्वती वंदना ने और डॉ मीनाक्षी द्वारा प्रस्तुत संस्कृत के मधुर मंगलाचरण ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। लेखिका सविता स्याल ने अपनी साहित्यिक यात्रा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार जीवन के छोटे -छोटे घटनाक्रम उनके मन को छू जाते थे और वही घटनाक्रम उनकी संवेदनाओं और शब्दों के सांचे में ढल लघु कथा का रूप लेते रहे और उन्हीं का संकलन "ताश का घर" है।

शिक्षाविद् और साहित्यकार शकुंतला मित्तल ने "ताश का घर" की सभी लघुकथाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि "अपने लघु कलेवर में ये सभी लघुकथाएंँ एक बड़ा संदेश लिए हुए हैं। लेखिका सविता स्याल ने समाज के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों को बखूबी खूबसूरती से गढ़ा है और नए विषयों यथा फेसबुक फ्रेंड शिप, ब्रेन ड्रेन, लिव इन रिलेशनशिप , समलैंगिकता ,आर्नर किलिंग पर लघु कथा बुनने के लिए वे बधाई की पात्र हैं।

कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि सभी अतिथियों ने "ताश का घर" पुस्तक से एक- एक लघु कथा का बहुत भावपूर्ण वाचन कर वातावरण को भाव निमग्न कर दिया। मुख्य अतिथि मुकेश शर्मा ने हिंदी साहित्यकारों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की और अनछुए विषयों पर लेखन को प्रेरित करने का संदेश दिया। सविता चड्ढा ने सभी साहित्यकारों से अनुरोध किया कि वे लिव इन रिलेशनशिप पर एक- एक कहानी लिखें और युवा पीढ़ी को इसकी चुनौतियों से सावधान करें। डॉ नलिनी भार्गव जी ने अध्यक्षीय भाषण में ताश का घर की सभी लघु- कथाओं को समाज के लिए बहुत उपयोगी बताते हुए लेखिका उनके उत्कृष्ट लेखन और कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

सम्मान समारोह के अन्तर्गत स्वर लहरी आनलाईन लघुकथा प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरूस्कृत किया गया .. शकुन्तला मित्तल,मीना चौधरी,शारदा मित्तल, वीणा अग्रवाल,दीपशिखा श्रीवास्तव,प्रीति मिश्रा ।आयोजन का सशक्त संचालन वरिष्ठ कहानीकार प्रीति मिश्रा ने किया।

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