दिव्यांग छात्र-छात्राओं को अपना कर , मुख्यधारा में लाना समाज की नैतिक जिम्मेदारी -कोविंद

० आशा पटेल ० 
जयपुर- पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद निर्मल विवेक विद्यालय में विशेष बच्चों से मिलकर कहा कि हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम रूढ़िवादी सोच और मानसिकता से बाहर आकर विशेष योग्यजन दिव्यांग बच्चों को अपनाये और इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ कर इनके जीवन में रोशनी लाये। कोविंद जयपुर में श्री निर्मल विवेक योग्यजन विद्यालय एवं छात्रावास में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
 कोविंद ने श्री निर्मल विवेक विद्यालय संस्थान को ही बच्चों के वास्तविक माता पिता की संज्ञा देते हुए संस्था द्वारा इन विशेष योग्यजन छात्र-छात्राओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए किए जा रहे सार्थक प्रयासों और दिए जा रहे प्रशिक्षण को प्रेरणादायी बताया। उन्होंने कहा कि अब समाज में विशेष योग्यजन और दिव्यांगों के प्रति रूढ़िवादी सोच में परिवर्तन आ रहा है जो एक सकारात्मक संकेत है ।उन्होनें कहा कि सही मायने में एक दिव्यांग व्यक्ति के चहरे पर हंसी लाना मंदिर, मस्जिद एवं गुरूद्वारा में जाने के बराबर है।

 कोविंद ने श्री निर्मल विवेक योग्यजन विद्यालय एवं छात्रवास में विद्यार्थियों को दिये जा रहे शिक्षण प्रशिक्षण का अवलोकन भी किया।इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार “मित्रता” शीर्षक से जंगल के जानवर बन कर लघु नाटक द्वारा मुश्किल समय में सबकों साथ लेकर चलने और साथ निभाने का सुंदर संदेश दिया गया। बच्चों ने छोटी सी आशा नामक गीत पर डांस भी किया .समाजसेवी जे.के. वैद्य ने संस्था के लिए ढाई लाख रुपये की सहयोग राशि का चेक प्रदान किया।

कार्यक्रम में श्री निर्मल विवेक विशेष विद्यालय संस्थान एवं छात्रावास के अध्यक्ष आई. सी. श्रीवास्तव ,उपाध्यक्ष वीसी मेहता ,सचिव एन के मोदी,संयुक्त सचिव आर सी मेहता ,सदस्य मधु मोदी , रजनीश सिंघवी ,वी के सिंघवी सहित अन्य पदाधिकारी और बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य नागरिक , सामाजिक संस्थानो से जुड़े लोग उपस्थित थे।

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