महिलाओं की वित्तीय साक्षरता देश के भाग्य में बदलाव ला सकती है;
हैदराबाद-उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने जोर देकर कहा कि जब तक कि महिलाओं को हर क्षेत्र में समान हितधारकों के रूप में शामिल नहीं किया जाता राष्ट्र की प्रगति में तेजी नहीं आ सकती। उन्होंने राज्य एवं केंद्र की सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और मुख्य रूप सिविल सोसायटी से वित्तीय प्रबंधन पर महिलाओं को शिक्षित करने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया । आज हैदराबाद में वोडाफोन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन आयोजित वित्तीय साक्षरता के जरिये महिलाओं के सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने वित्तीय साक्षरता के जरिये महिलाओं को सशक्त बनाने पर अधिक जोर देने की अपील की। उन्होंने कहा कि “महिलाओं को प्रगति में समान साझेदार बनाने का कार्य अनिवार्य रूप से उन्हें स्वतंत्र बनाने तथा आर्थिक मसलों से निपटने में उन्हें सशक्त बनाने के द्वारा आरंभ किया जाना चाहिए।“ श्री नायडू ने कहा कि भारत जैसी सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था, जिसके बारे में विश्व मुद्रा कोष ने इस वित्त वर्ष के दौरान 7.3 प्रतिशत और 2020 तक 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़