शिक्षा में पूर्व और वर्तमान में बुनियादी अन्तर
विजय सिंह बिष्ट - सेवा निवृत शिक्षक - उत्तराखंड हमारे समय में दूरस्थ विद्यालय होने के कारण बच्चे परिपक्व अवस्था में प्रवेश ले पाते थे, छः वर्ष का होना भी अनिवार्य था वर्तमान में दो साल का बच्चा प्ले स्कूल और आंगनबाड़ी में जा रहा है हमारे समय में शिक्षक भी दूर दराज के हुआ करते थे, इस लिए पाठशाला में ही नि्वास होता था। आज वे विद्यालय खंडहर पड़े हैं।हर गांव में आंगनबाड़ी और विद्यालय हैं। जमाने में विद्यालयों में छात्र संख्या पर्याप्त होती थी। आज पलायन और छात्र संख्या की कमी के कारण विद्यालय बंद हो रहे हैं आजादी के बाद तक भी कक्षा एक से चौथी तक प्राइमरी,कक्षा पांचवीं से सातवीं तक वर्नाक्यूलर, एवं आठवीं से दसवीं तक इंटरेश हुआ करता था। आइए ,अब शिक्षा पर प्रकाश डालें हमने स्वर सोलह और व्यंजन छत्तीस पढ़ें है मेरा जन्म वर्ष 1941ई0में हुआ था। मैंने शिक्षा में बहुत परिवर्तन शिक्षा विभाग से सेवा निवृत्त होने तक देखें हैं। हमारे जमाने में विद्यालय गांवों से दूर हुआ करते थे,जो बहुत सारे गांवों के लोग सुविधा अनुसार अपने धन और श्रमदान से बनाते थे। शिक्षक भी जनता अपने खर्चे पर रखते थे,अथक प्रयास क