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के.बी.एस. प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 4 पुस्तकों का होगा लोकार्पण

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नयी दिल्ली -  के.बी.एस. प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सुप्रसिद्ध हस्ताक्षर लक्ष्मी शंकर वाजपेयी द्वारा कृत पुस्तक “खुशबू तो बचा ली जाए” का तथा लेखिका सुषमा भंडारी द्वारा विधा रूपांतर 1.झुकी डालियाँ बरगद की (दोहा) 2.परत-दर-परत (हाइकु) साथ ही  3.खुशबू तो बचा ली जाए (एक आलोचनात्मक विश्लेषण)  4.नई कहानी (बाल पुस्तक) का लोकार्पण, काव्यपाठ व सम्मान समारोह दिनांक 12 अक्तूबर को हिंदी भवन, विष्णु दिगम्बर मार्ग में होने जा रहा है I इस समारोह में लक्ष्मीशंकर वाजपेयी  (अध्यक्ष),डॉ पूरन चन्द टंडन  (मुख्य अतिथि) ,डॉ. सुरेशचन्द्र शर्मा (विशिष्ट अतिथि),  डॉ.हरीश अरोड़ा (विशिष्ट अतिथि), डॉ. तारा गुप्ता (विशिष्ट अतिथि), जसवीर सिंह हलधर  (विशिष्ट अतिथि), प्रदीप गर्ग 'पराग' (विशिष्ट अतिथि), रिषीपाल राणा (विशिष्ट अतिथि)  व  सानिध्य  – डॉ. देवेन्द्र माँझी / सुभाष चन्दर / अनिल मीत / डॉ. पूरन सिंह  /  डॉ. श्रीमती प्रेम सिंह / एस.जी.एस. सिसोदिया / राजेन्द्र राज /  गिरीश चावला / डॉ. अरविन्द त्यागी /  श्रीमती शकुन्तला मित्तल / सुधाकर पाठक / श्रीमती अलका सिन्हा श्रीमती चन्चल पाहुजा / संजय 'शाफ़ी' उपस्थित

हमें महिलाओं का सम्‍मान करने और उनके सशक्तिकरण को और आगे ले जाने की आवश्‍यकता है PM

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नयी दिल्ली - ऐसे समय जब हम महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं, प्रधानमंत्री ने इस विजयादशमी पर एक आग्रह किया। उन्‍होंने लोगों से इस वर्ष एक मिशन आरंभ करने और उसे पूरा करने पर काम करने को कहा। यह मिशन – खाना बर्बाद न करने, ऊर्जा संरक्षित करने, जल बचाने का हो सकता है। उन्‍होंने कहा कि अगर हम सामूहिक भावना की शक्ति को समझना चाहते हैं, तो हमें निश्चित रूप से भगवान श्रीकृष्‍ण और भगवान श्री राम से प्रेरणा ग्रहण करनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने द्वारका के सेक्टर -10 ,डीडीए ग्राउंड में आयोजित दशहरा समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत त्‍योहारों की भूमि है। हमारी जीवंत संस्‍कृति के कारण भारत के किसी न किसी हिस्‍से में हमेशा कोई अवसर या पर्व आयोजित होता है। उन्‍होंने कहा कि भारत के त्‍योहारों के जरिए हम भारतीय संस्‍कृति के प्रमुख पहलुओं को मनाते हैं। हमें विभिन्‍न प्रकार की कलाओं, संगीत, गीत और नृत्‍य की जानकारी मिलती है। उन्‍होंने कहा कि भारत शक्ति साधना की भूमि है। पिछले नौ दिनों में हमने मां की पूजा की। उन्‍होंने कहा कि इसी भावना को आगे ले जाते हुए ह

SHIVPURI,RISHIKESH देशी और विदेशी TOURIST के लिए एक खूबसूरत जगह

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लद्दाख में अपने तरह का पहला ट्रेकिंग ट्रैनिंग कोर्स शुरू

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लद्दाख में पर्यटन के विकास के लिए इस क्षेत्र में यह अपने तरह का पहला पाठ्यक्रम है, जिसमें दस दिनों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में स्थानीय युवाओं को माउंटेन ट्रेकिंग के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है और उन्हें इसका व्यावहारिक अऩुभव प्रदान किया जा रहा है। पहले बैच में 30 से अधिक स्थानीय युवाओं को प्रवेश दिया गया है, जो  29 सितंबर, 2019 को शुरू हुआ। तीन बैचों में लगभग 90 स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम 12 अक्टूबर, 2019 को पूरे होंगे। संक्षिप्त विवरण के साथ ट्रेकिंग कार्यक्रम शुरू हुआ, जिसमें स्पीथु, थेन, जिनचेन, रूम्बाक, स्टॉक ला बेस, स्टॉक के भागीदार 10 दिनों में लेह पहुंचेंगे। युवाओं में ट्रेकिंग के मूलभूत कौशल विकसित करना इस प्रशिक्षण का लक्ष्य है। बाद में ये युवा गाइड अथवा उद्यमी बनने में इन कौशलों का उपयोग कर सकेंगे।   लद्दाख में पर्यटन के विकास के लिए केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल के नेतृत्व में, भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के भारतीय स्कीइंग एण्ड माउंटेनियरिंग संस्थान (आईआईएसएम) गुलमर्

46 दल दिल्‍ली–एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति का जायजा ले रहे हैं

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नयी दिल्ली - भारत स्‍टेज VI (बीएस VI) ईंधनों में व्‍यापक बदलाव लाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्‍होंने कहा कि वायु में मौजूद द्रव्‍य एवं ठोस सूक्ष्‍म कणों के उत्‍सर्जन में 80 प्रतिशत की कमी के साथ-साथ बीएस III मानकों की तुलना में बीएस IV भारी डीजल वाहनों से नाइट्रोजन ऑक्‍साइड के उत्‍सर्जन में भी 30 प्रतिशत की कमी आई है। बीएस VI ईंधनों को अपनाने पर लगभग 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।,'भारत अप्रैल 2020 से बीएस IV मानकों के बजाय बीएस VI वाहन उत्‍सर्जन मानकों को अपनाने लगेगा। बीएस VI मानकों वाला पेट्रोल/डीजल पहले से ही दिल्‍ली-एनसीआर में उपलब्‍ध है।' लगभग 17,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किये गये ईस्‍टर्न एवं वेस्‍टर्न पेरिफेरल एक्‍सप्रेसवे की बदौलत ऐसे 40,000 माल वाहनों का मार्ग अब राष्‍ट्रीय राजधानी से परे कर दिया गया है, जिनके रूट पर दिल्‍ली नहीं पड़ती है। इसका अत्‍यंत सकारात्‍मक असर प्रदूषण पर पड़ा है। केन्‍द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रयासों से दिल्‍ली-एनसीआर (राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में पर्यावरण की दृष्टि से अब पहले की तुलना में कहीं ज्‍यादा 'अ

ई-दंतसेवा वेबसाइट और मोबाइल ऐप लॉन्च:डिजिटल स्‍वास्‍थ्‍य की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम

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नयी दिल्ली - ई-दंतसेवा पहला राष्‍ट्रीय डिजिटल प्‍लेटफॉर्म है, जो वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिये मुंह संबंधी स्‍वास्‍थ्‍य की जानकारी प्रदान करता है। दांतों का खराब स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यक्ति के विकास के सभी आयामों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। दांतों का खोखला होना और समय-समय पर दांत संबंधी बीमारियां भारत के लोगों की आम शिकायत है। दांतों की संक्रामक बीमारियों से गंभीर रोग हो सकते है। एम्‍स तथा अन्‍य हितधारकों के सहयोग से मंत्रालय की यह पहल लोगों को मुंह संबंधी स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में जागरूक बनाएगी। केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ई-दंतसेवा वेबसाइट और मोबाइल ऐप लॉन्‍च किये। मुंह संबंधी स्‍वास्‍थ्‍य की जानकारी के लिए यह पहला राष्‍ट्रीय डिजिटल प्‍लेटफॉर्म है। डिजिटल स्‍वास्‍थ्‍य की दिशा में यह एक महत्‍वपूर्ण कदम है। वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिेये ई-दंतसेवा 100 करोड़ लोगों तक पहुंचेगी। डॉ. हर्षवर्धन ने दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेन पुस्तिका तथा वॉयस ओवर भी जारी किया। ई-दंतसेवा में राष्‍ट्रीय मुंह संबंधी स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम, सभी दंत कॉलेजों और सुविधाओं की सूची, ज

RAMLILA in Pori Garwal UTTRAKHAND

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